Monday, 30 October 2017

Swami Vivekanand story

एक विदेशी महिला ने विवेकानंद से कहा - मैं आपसे शादी करना चाहती
हूँ"।
विवेकानंद ने पूछा- "क्यों देवी ? पर मैं तो ब्रह्मचारी
हूँ"।

महिला ने जवाब दिया -"क्योंकि मुझे आपके जैसा
ही एक पुत्र चाहिए, जो पूरी दुनिया में मेरा नाम रौशन करे और वो केवल आपसे शादी
करके ही मिल सकता है मुझे"।
विवेकानंद कहते हैं - "इसका और एक उपाय है"
विदेशी महिला पूछती है -"क्या"?

विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए कहा -"आप मुझे ही अपना
पुत्र मान लीजिये और आप मेरी माँ बन जाइए ऐसे में आपको मेरे जैसा पुत्र भी मिल
जाएगा और मुझे अपना ब्रह्मचर्य भी नही तोड़ना
पड़ेगा"
महिला हतप्रभ होकर विवेकानंद को ताकने लगी
और रोने लग गयी,

ये होती है महान आत्माओ की विचार धारा ।

"पूरे समुंद्र का पानी भी एक जहाज को नहीं डुबा सकता, जब तक पानी को जहाज अन्दर न आने दे।

इसी तरह दुनिया का कोई भी नकारात्मक विचार आपको नीचे नहीं गिरा सकता, जब तक आप उसे अपने
अंदर आने की अनुमति न दें।"

"अंदाज़ कुछ अलग हैं मेरे सोचने का,,

सब को मंजिल का शौक है और मुझे रास्तों का...

ये दुनिया इसलिए बुरी नही के यहाँ बुरे लोग ज्यादा है।
बल्कि इसलिए बुरी है कि यहाँ अच्छे
लोग खामोश है..!!!

Medical emergency attacks

कुछ बिंदु जो दिखने में छोटे हैं परंतु भविष्य में बहुत बड़ी समस्याओं को जन्म दे सकते हैं -

१. आजकल अक्सर हॉस्पिटल मे डाक्टरो और कर्मचारियों से मार पीट की घटनाएँ हो रही है. किसी परिजन की मृत्यु होने पर दुख और नाराज़गी जायज़ है परन्तु दुख मे किसी से मारपीट या जानलेवा हमले से जान वापस आ जाती है ? उसका नतीजा भी समाज को झेलना पड़ता है, अब डाक्टर भी गंभीर मरीज का इलाज करने से डरते है और मरीज को अन्य जगह रेफर करने से कभी कभी सही समय पर इलाज नही मिलता और मरीज को नुकसान होता है.

२. अक्सर अब डाक्टर कुछ विशेष धर्म, समूह, कुछ विशेष स्थान के लोगो, कुछ विशेष प्रोफेशनल्स ( व्यवसाय) के लोगो का इलाज करने से कतराते हैं या डरते है. क्या यह सही है? डाक्टर को ऐसा नही करना चाहिए, परन्तु जान, माल, इज़्ज़त का डर तो सबको लगता है. पहले हम किसी भी गंभीर मरीज को सही होने की दिलासा देते थे, अब सबसे पहले बुरी प्रोग्नोसिस बताते है और गंभीर मरीज लेने से पहले अपने बचाव का रास्ता ढूंढते है, यह क्या मरीज के हित मे है?

३. चिकित्सा पेशे मे प्रोफेशनल ख़तरा हमेशा रहता है, कोई भी डाक्टर मरीज को जान बुझ कर नही मारता. कई बार हमारे पास कोई और विकल्प नही होता. लापरवाही और ग़लत निर्णय अलग अलग बातें हैं. मुझे आपरेशन करते समय १ या २ सेकंड मे निर्णय लेना होता है, उस समय मैं ना तो कोई किताब मे पढ़ सकता हूँ और कभी कभी अपने किसी साथी से सलाह भी नही ले पाता, और उस १ सेकंड मे लिया गया मेरा निर्णय ग़लत भी हो सकताहै, परन्तु मैने कोई लापरवाही नही की, यह बात अलग है की मेरे ग़लत निर्णय से मेरे मरीज को नुकसान हो सकता है, परन्तु ऐसी ही स्थिति मे मैने असंख्य जाने भी बचाई है, जो मेरे निर्णय लेने मे १ सेकंड की देरी से मर जाते. क्या आप समझते है, मरीज की साँस रुक गयी हो या फिर तेज़ी से खून बह रहा हो, कई बार तो हमे सोचने का समय भी नही मिलता और बिना कुछ सोचे समझे तुरंत निर्णय लेना पड़ता है, ऐसे समय मानव शरीर की प्रतिक्रिया हर मरीज मे अलग अलग होती है.

४. क्या नासा के डिस्कवरी मे कल्पना चावला नही मारी गयी, फिर क्या उन इन्जिनियरो या वैज्ञानिको पर हमला हुआ ? क्या इन्जिनियरो की ग़लती से पुल नही गिर जाते, जबकि उनके पास निर्माण के समय निर्णय लेने के लिए महीनो से लेकर वर्षों का समय होता है, उच्च न्यायालयों मे निचली अदालत का निर्णय पलट जाता जाता है, जबकि जज के पास सोचने और निर्णय लेने के लिए महीनो से लेकर वर्षो का समय और वकील होते है, क्या किसी जज को ग़लत निर्णय लेने के लिए कोई सज़ा मिली है? ट्रेन ड्राइवर की एक ग़लती से अनेक मौत हो सकती है, हवाई जहाज़ के पायलट की वजह से अनेक मौत हो जाती है, यह सब एक इंसान है. कोई ना कोई तो यह काम करेगा, जो भी करेगा उससे भी ग़लती हो सकती है मैं यह नही कह रहा हूँ की डाक्टरो को ग़लती करने का अधिकार है, परन्तु उनकी सीमाओ का भी ध्यान रखना चाहिए. यदि कोई बड़ी ग़लती है, तो क़ानूनन कार्यवाही होनी चाहिए, ना की जानलेवा हमला. खून का बदला खून.

५. यदि डाक्टर गंभीर मरीज नही देखेंगे, तो कौन इलाज करेगा. अचानक पेट दर्द होने पर डाक्टर ही याद आएगा, उस समय ना तो कोई विधायक, सांसद या डी. एम. साहब और ना ही कप्तान काम आएँगे.

६. मित्रो, एक चिकित्सक दिन रात काम करता है, पैसे के लिए नही, प्रोफेशनल जिम्मेदारी बस . कई बार डॉ रात मे ३ बजे तक दुर्घटनाग्रस्त मरीज का आपरेशन करते हैं फिर उसके बाद सोते हैं. दोबारा अगर सुबह ६ बजे एक इमरजेंसी फिर अगर आ गयी, तो वो फिर हॉस्पिटल मे. क्या हम इंसान नही है, क्या हमें नींद नही आती ?
मित्रो, क्या आपको रात मे कभी ज़रूरत होने पर किसी भी कीमत पर प्लंबर , सफाई कर्मचारी, इंजीनियर,वकील,C
A, मजदूर की सेवाएँ मिल पाती है, नही ना, फिर तो डाक्टर की सेवाओ की कद्र कीजिए.

७. मित्रो, आपने अपने कालेज के दिनो मे देखा ही होगा, जिन बच्चो के मेडिकल मे एडमिशन हुए थे, वे और बच्चो की तुलना मे कितने होनहार थे और वे कितने घंटे पढ़ते थे , शायद आप भी उनकी क़ाबलियत से सहमत होंगे, फिर वही छात्र आगे डाक्टर बनकर इतने लापरवाह, कामचोर हो सकते है ? जबकि हर माँ बाप अपने बच्चो को डाक्टर बनाना चाहता है, यदि वे नही पढ़े और बाद मे बढ़े होकर उन होनहार डाक्टरो की कमियाँ निकालने लगे.

८. मित्रो, कई बार हम दिन रात काम प्रोफेशनल मजबूरी मे करते है. एक बार मेरे अपने बेटे के जन्मदिन का केक शाम ७ बजे के बजाए रात मे ११.३० कटा, क्योंकि मैं खुद एक एमरजेंसी आपरेशन कर रहा था. एक दो बार अपनी पत्नी के जन्मदिन पर बाहर खाना खाने नही जा पाए, क्योंकि मैं मरीज़ो मे व्यस्त था, अब बताएँ हमारे परिवार पर क्या बीतती होगी. जब पत्नी कहती है की बेटा अभी पापा के पास समय नही है हम बाजार नही जा पायेन्गे. मेरे कई मित्र गवाह हैकि उनके यहाँ फंक्शन मे मैं कितने समय पर पहुँच पाया. ऐसा नही है की मैं जाना नही चाहता था, बल्कि मुझे मरीज़ो के चक्कर मे देर हो गयी थी, फिर भी मैं लापरवाह कहलाता हूँ, क्योंकि मैं एक डाक्टर हूँ.

९. मित्रो, आजकल नकली दवाओ, नकली खाने का काम ज़ोर शोर से चल रहा है, सब जानते है पर कोई कुछ नही करता. लोग कहते की डाक्टर ने ग़लत इंजेक्शन लगाकर हमारे मरीज को मार दिया, परन्तु हमे भी नही पता की वो इंजेक्शन असली था भी या नही. क्योंकि कंपनी तो किसी नेता या उद्योगपति की होगी, उसे कुछ कह नही सकते बस डाक्टर को पीटो. छत्तीसगढ़ मे नकली दवा से नसबंदी की १८ महिलाओ की मौत हो गयी, सर्जन के खिलाफ कार्यवाही हुई, क्योंकि फैक्टरी तो हेल्थ मिनिस्टर के बेटे की थी.

१०. बहुत समय हम भी मरीज की मौत का कारण नही जानते जैसे - कई बार स्वस्थ बच्चा ( ६माह तक) अचानक बिना किसी बीमारी मर जाते है, पता नही क्या कारण है, जब स्वस्थ बच्चा मर सकता है तो बीमार क्यों नही, कई बार सफल आपरेशन के कई घंटे बाद मरीज की अचानक मौत क्यों हो जाती है, वास्तव मे कारण पता नही. स्वस्थ आदमी अचानक बिना किसी बीमारी के तुरंत मर जाताहै,मान लिया जाता हैं की हार्ट अटैक हुआ होगा, असली कारण पता नही. ऐसा ही कई बार हमारे काम भी हो जाता है, इसका मतलब यह नही की हमने ग़लत इलाज से उसे मार दिया. कुछ कारण अभी अज्ञात है.इसका मतलब यह नही डाक्टर को पीटने लगो.

मेरे कहने का यह मतलब नही की सभी डाक्टर सही है, कोई ग़लती नही हो सकती, परन्तु उसके लिए न्याय सम्मत कार्यवाही कीजिए, मुक़दमा कीजिए, मेडिकल एक्सपर्ट से बात कीजिए, परन्तु हमारे और हमारे परिवार के साथ मार पीट ना कीजिए. यदि हम गंभीर मरीज़ो को अपने सेवाए नही देंगे,अनेक अमूल्य जानें जा सकती है.

Algaovadi in India

*एक बादशाह अपने कुत्ते के साथ नाव में यात्रा कर रहा था । उस नाव में अन्य यात्रियों के साथ एक दार्शनिक भी था।* 

*कुत्ते ने कभी नौका में सफर नहीं किया था, इसलिए वह अपने को सहज महसूस नहीं कर पा रहा था।* 

*वह उछल-कूद कर रहा था और किसी को चैन से नहीं बैठने दे रहा था।*

*मल्लाह उसकी उछल-कूद से परेशान था कि ऐसी स्थिति में यात्रियों की हड़बड़ाहट से नाव डूब जाएगी।* 

*वह भी डूबेगा और दूसरों को भी ले डूबेगा।*

 *परन्तु कुत्ता अपने स्वभाव के कारण उछल-कूद में लगा था।*

 *ऐसी स्थिति देखकर बादशाह भी गुस्से में था।*

 *पर, कुत्ते को सुधारने का कोई उपाय उन्हें समझ में नहीं आ रहा था।*

*नाव में बैठे दार्शनिक से रहा नहीं गया।*

 *वह बादशाह के पास गया और बोला - "सरकार ! अगर आप इजाजत दें तो मैं इस कुत्ते को भीगी बिल्ली बना सकता हूँ ।"*

 *बादशाह ने तत्काल अनुमति दे दी।* 
*दार्शनिक ने दो यात्रियों का सहारा लिया और उस कुत्ते को नाव से उठाकर नदी में फेंक दिया।*

 *कुत्ता तैरता हुआ नाव के खूंटे को पकड़ने लगा।*

 *उसको अब अपनी जान के लाले पड़ रहे थे।* 

*कुछ देर बाद दार्शनिक ने उसे खींचकर नाव में चढ़ा लिया।*

*वह कुत्ता चुपके से जाकर एक कोने में बैठ गया।*

 *नाव के यात्रियों के साथ बादशाह को भी उस कुत्ते के बदले व्यवहार पर बड़ा आश्चर्य हुआ।*

 *बादशाह ने दार्शनिक से पूछा - "यह पहले तो उछल-कूद और हरकतें कर रहा था, अब देखो कैसे यह पालतू बकरी की तरह बैठा है ?"*
.
*दार्शनिक बोला -*
*"खुद तकलीफ का स्वाद चखे बिना किसी को दूसरे की विपत्ति का अहसास नहीं होता है।*

 *इस कुत्ते को जब मैंने पानी में फेंक दिया तो इसे पानी की ताकत और नाव की उपयोगिता समझ में आ गयी ।"*

*🙏भारत में रहकर भारत को गाली देने वाले कुत्तों के लिए समर्पित 🙏*

Sunday, 29 October 2017

Ramayan meaning

*रामायण कथा का एक अंश*
जिससे हमे *सीख* मिलती है *"एहसास"* की...
    🔰🔰🔰🔰🔰🔰

*श्री राम, लक्ष्मण एवम् सीता' मैया* चित्रकूट पर्वत की ओर जा रहे थे,
राह बहुत *पथरीली और कंटीली* थी !
की यकायक *श्री राम* के चरणों मे *कांटा* चुभ गया !

श्रीराम *रूष्ट या क्रोधित* नहीं हुए, बल्कि हाथ जोड़कर धरती माता से *अनुरोध* करने लगे !
बोले- "माँ, मेरी एक *विनम्र प्रार्थना* है आपसे, क्या आप *स्वीकार* करेंगी ?"

*धरती* बोली- "प्रभु प्रार्थना नहीं, आज्ञा दीजिए !"

प्रभु बोले, "माँ, मेरी बस यही विनती है कि जब भरत मेरी खोज मे इस पथ से गुज़रे, तो आप *नरम* हो जाना !
कुछ पल के लिए अपने आँचल के ये पत्थर और कांटे छुपा लेना !
मुझे कांटा चुभा सो चुभा, पर मेरे भरत के पाँव मे *आघात* मत करना"

श्री राम को यूँ व्यग्र देखकर धरा दंग रह गई !
पूछा- "भगवन, धृष्टता क्षमा हो ! पर क्या भरत आपसे अधिक सुकुमार है ?
जब आप इतनी सहजता से सब सहन कर गए, तो क्या कुमार भरत सहन नही कर पाँएगें ?
फिर उनको लेकर आपके चित मे ऐसी *व्याकुलता* क्यों ?"

*श्री राम* बोले- "नही...नही माते, आप मेरे कहने का अभिप्राय नही समझीं ! भरत को यदि कांटा चुभा, तो वह उसके पाँव को नही, उसके *हृदय* को विदीर्ण कर देगा !"

*"हृदय विदीर्ण* !! ऐसा क्यों प्रभु ?",
*धरती माँ* जिज्ञासा भरे स्वर में बोलीं !

"अपनी पीड़ा से नहीं माँ, बल्कि यह सोचकर कि...इसी *कंटीली राह* से मेरे भैया राम गुज़रे होंगे और ये *शूल* उनके पगों मे भी चुभे होंगे !
मैया, मेरा भरत कल्पना मे भी मेरी *पीड़ा* सहन नहीं कर सकता, इसलिए उसकी उपस्थिति मे आप *कमल पंखुड़ियों सी कोमल* बन जाना..!!"

अर्थात 
*रिश्ते* अंदरूनी एहसास, आत्मीय अनुभूति के दम पर ही टिकते हैं ।
जहाँ *गहरी आत्मीयता* नही, वो रिश्ता शायद नही परंतु *दिखावा* हो सकता है ।
🔰🔰
इसीलिए कहा गया है कि...
*रिश्ते*खून से नहीं, *परिवार* से नही,
*मित्रता* से नही, *व्यवहार* से नही,
बल्कि...
सिर्फ और सिर्फ *आत्मीय "एहसास"* से ही बनते और *निर्वहन* किए जाते हैं।
जहाँ *एहसास* ही नहीं, 
*आत्मीयता* ही नहीं ..
वहाँ *अपनापन* कहाँ से आएगा l
          🍃🍂🍃🍂🍃
*हम सबके लिए प्रेरणास्पद लघुकथा* ✍✍

Heart problems

*हृदय की बीमारी*

*आयुर्वेदिक इलाज !!*


हमारे देश भारत मे 3000 साल पहले एक बहुत बड़े ऋषि हुये थे

उनका नाम था *महाऋषि वागवट जी !!* 

उन्होने एक पुस्तक लिखी थी

 जिसका नाम है *अष्टांग हृदयम!!* 

*(Astang  hrudayam)*

और इस पुस्तक मे उन्होने ने
 बीमारियो को ठीक करने के लिए *7000* सूत्र लिखे थे ! 

यह उनमे से ही एक सूत्र है !! 

वागवट जी लिखते है कि कभी भी हृदय को घात हो रहा है ! 

मतलब दिल की नलियों मे blockage होना शुरू हो रहा है ! 

तो इसका मतलब है कि रकत (blood) मे acidity(अम्लता ) बढ़ी हुई है ! 

अम्लता आप समझते है !

जिसको अँग्रेजी मे कहते है acidity !! 

*अम्लता दो तरह की होती है !*

एक होती है *पेट कि अम्लता !*

*और एक होती है रक्त (blood) की अम्लता !!*

आपके पेट मे अम्लता जब बढ़ती है !

तो आप कहेंगे पेट मे जलन सी हो रही है !! 

खट्टी खट्टी डकार आ रही है ! 

मुंह से पानी निकाल रहा है ! 

और अगर ये अम्लता (acidity)और बढ़ जाये ! 

तो hyperacidity होगी ! 

और यही पेट की अम्लता बढ़ते-बढ़ते जब रक्त मे आती है तो रक्त अम्लता  (blood acidity) होती !! 

और जब blood मे acidity बढ़ती है तो ये अम्लीय रक्त  (blood) दिल की नलियो मे से निकल नहीं पाता ! 

और नलिया मे blockage कर देता है ! 

तभी heart attack होता है !! इसके बिना heart attack नहीं होता !! 

और ये आयुर्वेद का सबसे बढ़ा सच है जिसको कोई डाक्टर आपको बताता नहीं ! 

क्योंकि इसका इलाज सबसे सरल है !! 

इलाज क्या है ?? 

वागबट जी लिखते है कि जब रक्त (blood) मे अम्लता (acidity) बढ़ गई है ! 

तो आप ऐसी चीजों का उपयोग करो जो क्षारीय है ! 

आप जानते है दो तरह की चीजे होती है ! 

*अम्लीय और क्षारीय !!*

*acidic and alkaline* 

अब अम्ल और क्षार को मिला दो तो क्या होता है ! ????? 

*acid and alkaline को मिला दो तो क्या होता है )?????*

*neutral*

होता है सब जानते है !!

तो वागबट जी लिखते है ! 

*कि रक्त की अम्लता बढ़ी हुई है तो क्षारीय(alkaline) चीजे खाओ !*

तो रक्त की अम्लता (acidity) neutral हो जाएगी !!! 

और रक्त मे अम्लता neutral हो गई ! 

तो heart attack की जिंदगी मे कभी संभावना ही नहीं !! 

ये है सारी कहानी !! 

अब आप पूछोगे जी ऐसे कौन सी चीजे है जो क्षारीय है और हम खाये ?????

आपके रसोई घर मे ऐसी बहुत सी चीजे है जो क्षारीय है ! 

जिनहे आप खाये तो कभी heart attack न आए ! 

और अगर आ गया है ! 

तो दुबारा न आए !!

सबसे ज्यादा आपके घर मे क्षारीय चीज है वह है लौकी !!

जिसे दुधी भी कहते है !!

 English मे इसे कहते है bottle gourd !!! 

जिसे आप सब्जी के रूप मे खाते है ! 

इससे ज्यादा कोई क्षारीय चीज ही नहीं है ! 

तो आप रोज लौकी का रस निकाल-निकाल कर पियो !! 

या कच्ची लौकी खायो !! 

रामदेव को आपने कई बार कहते सुना होगा लौकी का जूस पीयो, लौकी का जूस पीयों ! 

3 लाख से ज्यादा लोगो को उन्होने ठीक कर दिया लौकी का जूस पिला पिला कर !! 

और उसमे हजारो डाक्टर है ! 

जिनको खुद heart attack होने वाला था !! 

वो वहाँ जाते है लौकी का रस पी पी कर आते है !! 

3 महीने 4 महीने लौकी का रस पीकर वापिस आते है आकर फिर clinic पर बैठ जाते है ! 

वो बताते नहीं हम कहाँ गए थे !

वो कहते है हम न्युयार्क गए थे

हम जर्मनी गए थे आपरेशन करवाने ! 

वो राम देव के यहाँ गए थे ! 

और 3 महीने लौकी का रस पीकर आए है ! 

आकर फिर clinic मे आपरेशन करने लग गए है ! 

और वो आपको नहीं बताते कि आप भी लौकी का रस पियो !! 

तो मित्रो जो ये रामदेव बताते है वे भी वागवट जी के आधार पर ही बताते है !! 

वागवतट जी कहते है रक्त  की अम्लता कम करने की सबसे  ज्यादा ताकत लौकी मे ही है ! 

तो आप लौकी के रस का सेवन करे !! 

कितना सेवन करे ????????? 

रोज 200 से 300 मिलीग्राम पियो !! 

कब पिये ?? 

सुबह खाली पेट (toilet जाने के बाद ) पी सकते है !! 

या नाश्ते के आधे घंटे के बाद पी सकते है !!

 इस लौकी के रस को आप और ज्यादा क्षारीय बना सकते है !

इसमे 7 से 10 पत्ते के तुलसी के डाल लो 

*तुलसी बहुत क्षारीय है !!*

इसके साथ आप पुदीने से 7 से 10 पत्ते मिला सकते है ! 

*पुदीना बहुत क्षारीय है !*

इसके साथ आप काला नमक या सेंधा नमक जरूर डाले ! 

ये भी बहुत क्षारीय है !! 

लेकिन याद रखे नमक काला या सेंधा ही डाले ! 

वो दूसरा आयोडीन युक्त नमक कभी न डाले !! 

ये आओडीन युक्त नमक अम्लीय है !!!! 

तो मित्रों आप इस लौकी के जूस का सेवन जरूर करे !! 

2 से 3 महीने आपकी सारी heart की blockage ठीक कर देगा !! 

21 वे दिन ही आपको बहुत ज्यादा असर दिखना शुरू हो जाएगा !!!

कोई आपरेशन की आपको जरूरत नहीं पड़ेगी !! 

घर मे ही हमारे भारत के आयुर्वेद से इसका इलाज हो जाएगा !! 

और आपका अनमोल शरीर और लाखो रुपए आपरेशन के बच जाएँगे !! 






आपने पूरी पोस्ट पढ़ी आपका बहुत बहुत धन्यवाद !!

- यदि आपको लगता है कि मेने ठीक कहा है तो आप ये जानकारी सभी तक पहुचाए

Saturday, 28 October 2017

Sign of mind stroke in hindi

डा महेश सिन्हा की एक बहुत उपयोगी पोस्ट ---
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें? 

मस्तिष्क आघात --जी वही, जिसे कईं बार ब्रेन-स्ट्रोक भी कह दिया जाता है अथवा आम भाषा में दिमाग की नस फटना या ब्रेन-हैमरेज भी कह देते हैं।
इस के बारे में पोस्ट डाक्टर साहब लिखते हैं ---- 

एक पार्टी चल रही थी, एक मित्र को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई और अपने आस पास के लोगों को उस ने यह कह कर आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी। (आस पास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की).
साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में उन की मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई। ऐसा लग रहा था कि इन्ग्रिड थोड़ा अपने आप में नहीं है लेकिन वह पूरी शाम पार्टी तो एकदम एन्जॉय करती रहीं। बाद में इन्ग्रिड के पति का लोगों को फोन आया कि कि उसे हस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां पर उस ने उसी शाम को दम तोड़ दिया।

दरअसल उस पार्टी के दौरान इन्ग्रिड को ब्रेन-हैमरेज हुआ था --अगर वहां पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज इन्ग्रिड हमारे बीच होती।

ठीक है ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है --लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं।

जो नीचे लिखा है इसे पढ़ने में केवल आप का एक मिनट लगेगा ---

स्ट्रोक की पहचान ---

एक न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि अगर स्ट्रोक का कोई मरीज़ उन के पास तीन घंटे के अंदर पहुंच जाए तो वह उस स्ट्रोक के प्रभाव को समाप्त (reverse)भी कर सकते हैं---पूरी तरह से। उन का मानना है कि सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के मरीज़ की तुरंत पहचान हो, उस का निदान हो और उस को तीन घंटे के अंदर डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो, और अकसर यह सब ही अज्ञानता वश हो नहीं पाता।

स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिये तीन बातें ध्यान में रखिये --और इस से पहले हमेशा याद रखिये ----STR.

डाक्टरों का मानना है कि एक राहगीर भी तीन प्रश्नों के उत्तर के आधार पर एक स्ट्रोक के मरीज की पहचान करने एवं उस का बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान कर सकता है.......इसे अच्छे से पढ़िये और मन में बैठा लीजिए --

S ---Smile आप उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।

T-- talk उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें जैसे कि आज मौसम बहुत अच्छा है।

R --- Raise उस व्यक्ति को दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिये कहें।

अगर इस व्यक्ति को ऊपर लिखे तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है , तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुला कर उसे अस्पताल शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह आगे जा कर डाक्टर से इस का खुलासा कर सके।

नोट करें ---- स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है --

1. उस आदमी को जिह्वा (जुबान) बाहर निकालने को कहें।
2. अगर जुबान सीधी बाहर नहीं आ रही और वह एक तरफ़ को मुड़ सी रही है तो भी यह एक स्ट्रोक का लक्षण है।

एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस ई-मेल को पढ़ने वाला इसे आगे दस लोगों को भेजे तो शर्तिया तौर पर आप एक बेशकीमती जान तो बचा ही सकते हैं ....
और यह जान आप की अपनी भी हो सकती है -।

Monday, 23 October 2017

What will congress do in Gujrat

कांग्रेस गुजरात जीतेगी ?? तो...
गुजरात चुनाव, एक आंकलन :-
#गुजरात 
1% मान लो अगर गुजरात में काँग्रेस की सरकार हाथ-पैर मारकर आ भी जाये तो भी GST तो वो हटा नही सकती. सभी काँग्रेस शासित राज्यों में gst लागू है... हाँ लेकिन काँग्रेस कुछ काम ज़रूर कर सकती है ..जो गुजरात में 15 साल से नही हो रहे है ...

1) सबसे पहले तो गुजरात को पहला मुस्लिम मुख्यमंत्री मिलेगा. मियाँ अहमद पटेल होंगे गुजरात के मुख्यमंत्री. खुश हो जाओ गुजरातियों .. GST लगाने वालों से तो मियाँ जी बेहतर ही होंगे. 😊

2) गुजरात की पुलिस ज्यादा चुस्त हो जायेगी . जब हर दस दिन में कहीं ना कहीं साम्प्रदायिक दंगे होने लगेंगे तो पुलिस तो चुस्त रहेगी ही. सही है ना गुजरातियों ..नोटबंदी करने वालों से तो दंगे करने वाले बेहतर ही है .

3) व्यापारियों को कभी आराम नही मिलता.काँग्रेस सरकार बनने के बाद व्यापारियों को भी भरपूर आराम मिलेगा . अब कर्फ्यू में दुकान तो आप खोलोगे नही .. तो आराम तो मिलना ही है. gst वालों ने आपका काम बढ़ा दिया है .. कर्फ्यू वाले आपको आराम देंगे.

4) मोदीजी के आने के बाद पूरी एक पीढी जवान हो गई जिसको पता ही नही कि दंगे क्या होते है ? कर्फ्यू क्या होता है ? कर्फ्यू में घर में पड़े रहने में कितना फन होता है ? जलती दुकानें कैसी होती है ?.. बेचारों को कुछ नही पता . काँग्रेस आयेगी .. सबका नॉलेज बढायेगी.

6) तुम्हे अपने घरों में 20000 रुपये खर्च करके इनवर्टर और बैटरी लगाना पड़ेगा क्योंकि मोदी जी के पिछले 17  साल के राज के दौरान लोगो को पता ही नही की पॉवर कट क्या होता है । आज गांव गांव में 24 घण्टे बिजली है 

5) काँग्रेस का कहना है कि गुजरात में कोई विकास नही हुआ .. तो काँग्रेस आकर पहले सड़के तुड़वायेगी , बिजली सप्लाई फेल करेगी , नर्मदा बाँध को बँद करेगी और फिर नये सिरे से सड़के , बिजली , पानी का काम होगा . पाँच साल तो इस तोड़फोड़ में ही निकल जायेंगे .. फिर गुजरात में भ्रष्टाचार में सना विकास दिखेगा . दिल पर पत्थर रखकर देखते रहना गूज्जू भाइयों .. बहुत मजा आयेगा.

7)  हमें अपनी बहन बेटियों की बहुत चिंता करनी पड़ेगी क्योंकि कांग्रेस के राज के दौरान हमने देखा है कि लतीफ जैसे गुंडे और उसके गुर्गों को जिस भी हिंदू की लड़की पसंद आ जाती थी वह ना सिर्फ उस लड़की को उठा लेता था बल्कि उनके घरों पर भी कब्जा कर लेता था 

खैर लतीफ तो पुरानी बात है अभी हाल में ही केरल यूपी कर्नाटक आंध्र प्रदेश आदि जहां जहां कांग्रेस की सरकारें रही हैं वहां हिंदुओं के साथ और हिंदू लड़कियों के साथ क्या हो रहा है यह हम सब से छुपा नहीं है

इस समय आप लोग खुद को अकेला मत समझना . सोनिया और राहुल गाँधी हर ईद पर गुजरात आते रहेंगे.

गोधरा जैसे अनगिनत कांड के लिए गुजराती तैयार हो तो बेशक कांग्रेस को जिताये.

ये तो पहली झांकी है ..
पूरी पिक्चर अभी

Thursday, 19 October 2017

Most expensive mistakes

*जरा सा शब्दों का हेर-फेर ले डूबा करोड़ों, फिर खूब पछताई ये 5 नामचीन कंपनियां* 

शब्दों की जरा सी हेरफेर में इन नामचीन कंपनियों को इतना बड़ा झटका मिला है कि अब उम्रभर इनसे कभी भूलकर भी फिर ऐसी भूल नहीं होगी। अमर उजाला डॉटकॉम अपने पाठकों के समक्ष इन घटनाओं का जिक्र इसलिए कर रहा है ताकि आप भी इनसे सबक लें और ऐसी भूल करने से बचें।
बता दें मामूली सी नजर आने वाली गलतियों पर इन कंपनियों को करोड़ों रुपए चुकाने पड़ गए। ये गलतियां कौमा, पूर्ण विराम और स्पेलिंग की हैं। 

गलती से बिक गए सस्ते टिकट
क्या आप टोरंटो, कनाडा और साइप्रस की यात्रा बिजनेस क्लास से करना चाहते हैं और वह भी महज 39 डॉलर में? जी हां, सपने जैसा दिखने वाला टिकट का यह रेट साल 2006 में इटली की एयरलाइन एलिटालिया ने रख दिया था। दरअसल, इस एयरलाइन कंपनी ने टिकट का दाम 3,900 डॉलर लिखने की जगह सिर्फ 39 डॉलर लिख दिया। जब तक कंपनी अपनी इस भूल को सुधारती तब तक करीब 2000 यात्रियों ने अपने टिकट बुक कर लिए। कंपनी ने जब ये टिकट कैंसिल करने की बात कही तो उसे यात्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। बाद में कंपनी ने अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसी कीमत पर जितने भी टिकट बुक हुए उन्हें यात्रा करवाने का फैसला लिया। इस गलती की वजह से एलिटालिया कंपनी को 70 लाख डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा।

गलत जगह लगाया कौमा
अमेरीका की बड़ी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने वायु सेना के लिए हर्क्यूलिस विमान बनाने का एक समझौता हस्ताक्षर किया। इस योजना में कई साल लगने थे। इसलिए साल 1999 में जब यह समझौता हुआ तो उसमें लिखा गया कि समय के साथ एयरप्लेनों की कीमत में इजाफा हो सकता है। गलती से उस समय एयरोप्लेन की जो कीमत लिखी गई उसमें एक दशमलव की जगह कौमा लगा दिया गया। उस समय कॉन्ट्रैक्ट की पूरी लागत नहीं लिखी गई। बाद में लॉकहीड कंपनी के एग्जिक्यूटिव ने बताया कि इस एक कौमा के गलत जगह लगने की वजह से कंपनी को 7 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।

शब्दों की हेरा-फेरी
दिसंबर 2005 में जापान की एक स्टॉक मार्केट कंपनी को टाइपिंग गलती की वजह से बहुत बड़ा नुकसान सहना पड़ा। जे-कॉम नामक कंपनी के शेयर उस वक्त अचानक गिर गए जब मिजुहो सिक्योरिटी के एक ब्रोकर ने प्रति येन के हिसाब से 6 लाख 10 हजार शेयर बेचने शुरू कर दिए। दरअसल, उस ब्रोकर को एक शेयर 6 लाख 10 हजार येन में बेचना था। शब्दों के इस हेर-फेर की वजह से मिजुहो को लगभग 33 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।

'S' ने छुड़वाई ढेरों नौकरियां
ब्रिटेन में जो भी कंपनी शुरू होती है उसे पहले डिपार्टमेंट ऑफ एंटरप्राइस, एनर्जी और इंडस्ट्रियल स्ट्रेटर्जी (BEIS) में अपना नाम दर्ज करवाना होता है। इसी तरह यदि कोई कंपनी बंद होना चाहती है तो पहले उसे BEIS को सूचित करना होता है। साल 2009 में एक कंपनी 'टेलर एंड सन्स' ने अपना काम बंद करने की सूचना इस विभाग को मिली। लेकिन असल में जो कंपनी काम बंद कर रही थी वह थी 'टेलर एंड सन'। 1875 से चली आ रही टेलर एंड सन्स कंपनी में एक अक्षर की छोटी सी गलती की वजह से 250 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस कंपनी के पूर्व सह-मालिक फिलिप डेविसन सर्बी ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए 80 लाख पाउंड का हर्जाना मांगा।

Tuesday, 17 October 2017

Crackers ban in Delhi Supreme court

दिल्ली में पटाखों को लेकर सुप्रीम कोर्ट एवं अन्य लोगों के कथन सुनने के पश्चात, मुझे बहुत ही अजीब लग रहा है कि बिना तथ्यों को जाने ही कुछ भी आदेशित कर दिया जाता है.........

मैं ज्यादा क्वालीफाई व्यक्ति नहीं हूँ,.....

फिर भी आज से 25 वर्ष पूर्व पढ़े रासायन विज्ञान के आधार पर कह रहा हूँ कि बारूद जलाने से ना ही कार्बन डाई ऑक्साइड ना ही कार्बन मोनोऑक्साइड गैस निकलती है, (यहाँ मैं सिर्फ़ हिन्दुस्तान में बने पटाखों के परिपेक्ष्य में बात कर रहा हूँ , ना कि चीन में बने पटाखे ) क्योंकि बारुद में सल्फर होता है जो जलने पर ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर SO2 में बदल जाता है........!

तो जो सल्फर डाई ऑक्साइड गैस निकलती है, वो नमी को तेजी से सोख लेती है, यदि ये गैस सीधे फेफडों में चली जाए, तो आपके फेफडों को नमी सोखकर उन्हें अपना कार्य करने से रोक सकती है........!

किन्तु इस गैस का परमाण्विक भार कम होने के कारण ये कभी भी आपके फेफडों में नहीं प्रवेश करता, बल्कि बहुत तेजी से ऊपर की तरफ उठ जाता है..........!

यदि आपको इसका उदाहरण देखना हो तो फर्श पर बैठकर प्याज काटें, बहुत ज्यादा आंसू आएंगे। पुनः अत्यधिक ऊंचाई पर प्याज को काटें, अपेक्षाकृत आंसू कम आएंगे। क्यों......??

प्याज काटने के दौरान प्याज वातावरण में निहित ऑक्सीजन से क्रिया करके सल्फर डाई ऑक्साइड बनाता है, एवं आप सभी के शरीर में केवल आँख ही एक ऐसा भाग है, जो आवश्यकता पड़ने पर अतिरिक्त नमी छोड़ता है, और उक्त गैस उस नमी के सम्पर्क में आकर पानी की बूंद (आँसू) का रुप धारण कर लेती है........!!

आप इसे प्रायोगिक तौर पर आजमा सकते हैं, यदि आपके पास समय हो, तो ठीक इसी प्रकार,

दीपावली में पटाखे छोड़ने का प्रावधान हमारे पूर्वजों के द्वारा किया गया था । ताकि वातावरण की नमी को समाप्त किया जा सके.......!

आप में से जो भी लोग दीपावली को देर रात तक जागे होंगे (पूर्व में), आपने कभी ध्यान दिया था कि 11:00 बजे रात के बाद अचानक ओस क्यों गिरने लगता था?

 ये सब सल्फर डाई ऑक्साइड का कमाल था......!

वैसे पटाखे जलाने के दौरान माचिस और पटाखे का कागज बहुत मामूली CO2 या CO बनाती है जैसे  दाल में नमक के बराबर।

हमारे धर्म में प्रत्येक परम्परा के अन्दर एक वैज्ञानिक कारण होता है......!

परन्तु काश: इन हिये के अन्धो को कुछ समझ आये ???

शायद जज बेंच के सभी न्यायाधीश आर्ट साईड से होंगे, इसलिये तो किसी रासायनिक विज्ञानी की सलाह लेना भी उचित नहीं समझे.......!!

और 
तथाकथित प्रभावशाली आकाओं के अनावश्यक दबाव के कारण इस देश की बहुसंख्यक आबादी की भावनाओं की कद्र किये बिना एक तुगलकी फरमान जारी कर दिया ???

क्या यह फरमान तर्कसंगत है ???

Saturday, 14 October 2017

*POINT FOR INTROSPECTION

*POINT FOR INTROSPECTION* .......

कुछ बहुत थोड़े से संगठनों की वजह से आप पूरे मुस्लिम समाज को बदनाम नही कर सकते :) ......

बस ये गिनी चुनी इस्लामी संस्थाएं हैं जो इस्लाम नाम का आतंक फैलाने का काम करती हैं । आइये इन्हे जाने :-

Al-Shabab (Africa), 
Al Murabitun (Africa), 
Al-Qeada (Afganistan), 
Al-Qaeda (Islamic Maghreb), 
Al-Qaeda (Indian Subcontinent), 
Al-Qaeda (Arabian Peninsula),
Hamas (Palestine), 
Palestinian Islamic Jihad (Palestine), 
Popular Front for the Liberation of (Palestine), 
Hezbola (Lebanon), 
Ansar al-Sharia-Benghazi (Lebanon), 
Asbat Al-Ansar (Lebanon), 
ISIS (Iraq), 
ISIS (Syria),
ISIS (Cauacus)
ISIS (Libya)
ISIS (Yemen)
ISIS (Algeria), 
ISIS (Philippines)
Jund al-Sham (Afganistan), 
Al-Mourabitoun (Lebanon), 
Abdullah Azzam Brigades (Lebanon), 
Al-Itihaad al-Islamiya (Somalia), 
al-Haramain Foundation (Saudi Arabia), 
Ansar-Al-Sharia (Moroccon),
Moroccon Mudjadine (Morocco), 
Salafia Jihadia (Morocco), 
Boko Haram (Afrika), 
Islamic movement of (Uzbekistan), 
Islamic Jihad Union (Uzbekistan), 
Islamic Jihad Union (Germany), 
DRW True-Religion (Germany)
Fajar Nusantara Movement (Germany)
DIK Hildesheim (Germany)
Jaish-e-Mohammed (Kashmir), 
Jaish al-Muhajireen wal-Ansar (Syria), 
Popular Front for the Liberation of Palestine (Syria), 
Jamaat al Dawa al Quran (Afganistan), 
Jundallah (Iran)
Quds Force (Iran)
Kata'ib Hezbollah (Iraq), 
Al-Itihaad al-Islamiya (Somalia), 
Egyptian Islamic Jihad (Egypt), 
Jund al-Sham (Jordan)
Fajar Nusantara Movement (Austraila)
Society of the Revival of Islamic Heritage (Terror funding, WorldWide offices)
Taliban (Afganistan), 
Taliban (Pakistan), 
Tehrik-i-Taliban (Pakistan), 
Army of Islam (Syria), 
Islamic Movement (Israel)
Ansar Al Sharia (Tunisia), 
Mujahideen Shura Council in the Environs of (Jerusalem), 
Libyan Islamic Fighting Group (Libya), 
Movement for Oneness and Jihad in (West Africa), 
Palestinian Islamic Jihad (Palestine)
Tevhid-Selam (Al-Quds Army)
Moroccan Islamic Combatant Group (Morroco), 
Caucasus Emirate (Russia), 
Dukhtaran-e-Millat Feminist Islamists (India),
Indian Mujahideen (India), 
Jamaat-ul-Mujahideen (India)
Ansar al-Islam (India)
Students Islamic Movement of (India), 
Harakat Mujahideen (India), 
Hizbul Mujhaideen(India)
Lashkar e Islam(India)
Jund al-Khilafah (Algeria), 
Turkistan Islamic Party,
Egyptian Islamic Jihad (Egypt),
Great Eastern Islamic Raiders' Front (Turkey),
Harkat-ul-Jihad al-Islami (Pakistan),
Tehreek-e-Nafaz-e-Shariat-e-Mohammadi (Pakistan), 
Lashkar e Toyiba(Pakistan)
Lashkar e Jhangvi(Pakistan)
Ahle Sunnat Wal Jamaat (Pakistan),
Jamaat ul-Ahrar (Pakistan), 
Harkat-ul-Mujahideen (Pakistan), 
Jamaat Ul-Furquan (Pakistan), 
Harkat-ul-Mujahideen (Syria), 
Ansar al-Din Front (Syria), 
Jabhat Fateh al-Sham (Syria), 
Jamaah Anshorut Daulah (Syria), 
Nour al-Din al-Zenki Movement (Syria),
Liwa al-Haqq (Syria), 
Al-Tawhid Brigade (Syria), 
Jund al-Aqsa (Syria), 
Al-Tawhid Brigade (Syria), 
Yarmouk Martyrs Brigade (Syria), 
Khalid ibn al-Walid Army (Syria), 
Hezb-e Islami Gulbuddin (Afganistan), 
Jamaat-ul-Ahrar (Afganistan) 
Hizb ut-Tahrir (Worldwide Caliphate), 
Hizbul Mujahideen (Kasmir), 
Ansar Allah (Yemen), 
Holy Land Foundation for Relief and Development (USA), 
Jamaat Mujahideen (India), 
Jamaah Ansharut Tauhid (Indonesia), 
Hizbut Tahrir (Indonesia), 
Fajar Nusantara Movement (Indonesia), 
Jemaah Islamiyah (Indonesia), 
Jemaah Islamiyah (Philippines), 
Jemaah Islamiyah (Singapore), 
Jemaah Islamiyah (Thailand), 
Jemaah Islamiyah (Malaysia), 
Ansar Dine (Africa), 
Osbat al-Ansar (Palestine), 
Hizb ut-Tahrir (Group connecting Islamic Caliphates across the world into one world Islamic Caliphate)
Army of the Men of the Naqshbandi Order (Iraq)
Al Nusra Front (Syria), 
Al-Badr (Pakistan), 
Islam4UK (UK), 
Al Ghurabaa (UK), 
Call to Submission (UK), 
Islamic Path (UK), 
London School of Sharia (UK), 
Muslims Against Crusades (UK), 
Need4Khilafah (UK), 
The Shariah Project (UK), 
The Islamic Dawah Association (UK), 
The Saviour Sect (UK), 
Jamaat Ul-Furquan (UK), 
Minbar Ansar Deen (UK), 
Al-Muhajiroun (UK) (Lee Rigby, London 2017 members), 
Islamic Council of Britain (UK) (Not to be confused with Offical Muslim Council of Britain), 
Ahlus Sunnah wal Jamaah (UK), 
Al-Gama'a (Egypt), 
Al-Islamiyya (Egypt), 
Armed Islamic men of (Algeria), 
Salafist Group for Call and Combat (Algeria), 
Ansaru (Algeria), 
Ansar-Al-Sharia (Libya), 
Al Ittihad Al Islamia (Somalia), 
Ansar al-Sharia (Tunisia), 
Al-Shabab (Africa), 
al-Aqsa Foundation (Germany)
al-Aqsa Martyrs' Brigades (Palestine), 
Abu Sayyaf (Philippines), 
Aden-Abyan Islamic Army (Yemen), 
Ajnad Misr (Egypt), 
Abu Nidal Organization (Palestine), 
Jamaah Ansharut Tauhid (Indonesia) कई लोग जबरन इस्लाम को बदनाम करते हैं। इस्लाम शांति का धर्म है।

Tuesday, 10 October 2017

Cruel Jawahar lal nehru

जवाहर लाल नेहरु ने अपनी पत्नी के साथ जो किया वो इतना भयावह था की जान कर आप नेहरु से नफरत करने लगेंगे..

टीवी चैनेल पर कांग्रेस पार्टी के नेताओ के द्वारा अक्सर ये आरोप लगते हुए सुना जाता है की प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी पत्नी को छोड़ दिया .

लेकिन आज आपको कांग्रेस पार्टी के सबसे बड़े नेता नेहरु का वो सच्चाई बतायेंगे जिसे जान कर आप इस नेता से नफरत करने लगेंगे.. जानिए नेहरु ने अपनी पत्नी कमला के साथ क्या किया

जवाहर लाल नेहरु ने अपनी पत्नी के साथ जो किया वो इतना भयावह था की जान कर आप नेहरु से नफरत करने लगेंगे.

जवाहर लाल नेहरु की पत्नी कमला नेहरु को टीबी हो गया था .. उस जमाने में टीबी का दहशत ठीक ऐसा ही था जैसा आज एड्स का है .. क्योकि तब टीबी का इलाज नही था और इन्सान तिल तिल तडप तडप कर पूरी तरह गलकर हड्डी का ढांचा बनकर मरता था … और कोई भी टीबी मरीज में पास भी नही जाता था क्योकि टीबी सांस से फैलती थी … लोग पहाड़ी इलाके में बने टीबी सेनिटोरियम में भर्ती कर देते थे ..

नेहरु में अपनी पत्नी को युगोस्लाविया [आज चेक रिपब्लिक] के प्राग शहर में दुसरे इन्सान के साथ सेनिटोरियम में भर्ती कर दिया ..

*कमला नेहरु पुरे दस सालो तक अकेले टीबी सेनिटोरियम में पल पल मौत का इंतजार करती रही.. लेकिन नेहरु दिल्ली में एडविना बेंटन के साथ इश्क करते थे.. सबसे शर्मनाक बात तो ये है की इस दौरान नेहरु कई बार ब्रिटेन गये लेकिन एक बार भी वो प्राग जाकर अपनी धर्मपत्नी का हालचाल नही लिया .*

नेताजी सुभाषचन्द्र बोस को जब पता चला तब वो प्राग गये .. और डाक्टरों से और अच्छे इलाज के बारे में बातचीत की .. प्राग के डाक्टरों ने बोला की स्विट्जरलैंड के बुसान शहर में एक आधुनिक टीबी होस्पिटल है जहाँ इनका अच्छा इलाज हो सकता है..

तुरंत ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने उस जमाने में 70 हजार रूपये इकट्ठे किये और उन्हें विमान से स्विटजरलैंड के बुसान शहर में होस्पिटल में भर्ती किये ..

*लेकिन कमला नेहरु असल में मन से बेहद टूट चुकी थी.. उन्हें इस बात का दुःख था की उनका पति उनके पास पिछले दस सालो से हाल चाल लेने तक नही आया और गैर लोग उनकी देखभाल कर रहे है..दो महीनों तक बुसान में भर्ती रहने के बाद 28 February 1936 को बुसान में ही कमला नेहरु की मौत हो गयी..*

*उनके मौत के दस दिन पहले ही नेताजी सुभाषचन्द्र ने नेहरु को तार भेजकर तुरंत बुसान आने को कहा था .. लेकिन नेहरु नही आया..फिर नेहरु को उनकी पत्नी के मौत का खबर भेजा गया .. फिर भी नेहरु अपनी पत्नी के अंतिम संस्कार में भी नही आया ..*

अंत में स्विटजरलैंड के बुसान शहर में ही नेताजी सुभाषचंद्र बोस ने नेहरु की पत्नी कमला नेहरु का अंतिम संस्कार करवाया. जिस व्यक्ति ने अपनी पत्नी के साथ ऐसा व्यवहार किया उसे हम चाचा नेहरू कहते हैं ।                                                          😢😢😢😢😢

Monday, 9 October 2017

Narendra modi family

#PMModi_In_Gujrat
गुजरात के वडनगर में जहाँ पीएम मोदी का पूरा परिवार रहता है सभी भाई रहते है वही घर से 2 km की दुरी पर रैली हो रही थी। लाखो की भीड़ में पीएम मोदी के छोटे भाई भी नजर आये जो काफी पीछे बेठे थे। मिडिया की नजर आखिर तक उन पर रही। उनकी आँखों में आंसू थे क्योंकि परिवार आज भी तंगहाली बदहाली का जीवन जी रहा है। बीपीएल कार्ड से गुजर बसर हो रहा है। पीएम मोदी के छोटे भाई प्राइवेट जॉब करते है। रैली खत्म होने के बाद मिडिया ने उनसे सवाल पूछा के आप अपने भाई मोदी से कब मिले तो जवाब था जब उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया। फिर पूछा आप उनसे मदद क्यों नही माँगते ? जवाब था वे संयासी है वे खुद के लिए कुछ नही कर सके तो हमको क्या देंगे, उन पर देश की जिम्मेदारी है। जो देना है सबको देंगे। फिर पूछा के नजदीक ही है आप मिल सकते हो तब उन्होंने कहा के उनका एक एक मिनट बहुत कीमती है। फिर पूछा दिल्ली जाकर पूरा परिवार मिल क्यों नही लेता शायद आपकी मदद भी हो जाये तब उन्होंने रुला देने वाला जवाब दे दिया, कहा के आज तक देश की मिडिया ने हम सब भाईयो को हमारे परिवार को कभी चैनल पर नही दिखाया, हम क्या करते है हम क्या खाते है हमारे घर कैसे है। हमारे बच्चे कहाँ पढ़ रहे है। शायद इसलिए नही दिखाया के हमारा हाल देखकर कहि विपक्षी पार्टियो का मुँह बंद न हो जाये और देश की जनता के दिल में मोदी भगवान की तरह जगह न बना ले। दिल्ली जाकर मिल लिए तो यही मिडिया बढ़ा चढ़ाकर दिखाएगी और पूरा विपक्ष कहेगा के मोदी ने अरबो खरबो रूपये अपने भाइयो को दे दिए। बड़ी बड़ी कंपनी दे दी। बड़े बिजनेश करा के दे दिए। हम नही चाहते के हमारी वजह से मोदी पर जरा भी ऊँगली उठे। इतना कहते ही वे पार्किंग में खड़ी अपनी पुरानी सी स्कूटर उठाकर चले गए। उनकी आँखों के दर्द को जिसने भी देखा वो रो पड़ा।

यही महानता मोदी को दुनिया में सबसे अलग बनाती है। भले ही आप मोदीजी से नफ़रत मत करे उनको इज्ज़त दीजिए उनके परिवार को इज्जत दीजिए। एक यही परिवार ऐसा है जो गाँधी ,लालू, मुलायम, मायावती, बादल, केजरीवाल, ममता, जैसे नेताओ के परिवार की तरह नही फला फुला। ।

साभार ।

ATM complaint number

*एटीएम से नहीं निकले पैसे और खाते से कट गए, तो तुरंत करना चाहिए ये काम* 


नई दिल्ली (जेएनएन)। ATM यानी ऑटोमेटेड टेलर मशीन से वित्तीय लेन-देन की जा सकती है। एटीएम का इस्तेमाल कर ग्राहक पैसा निकालने, बैलेंस चेक करने आदि जैस काम कर सकते हैं। एटीएम इंडस्ट्री एसोसिएशन (ATMIA) के मुताबिक, दुनियाभर में करीब 3.5 मिलियन एटीएम इंस्टॉल्ड हैं। लेकिन हर तकनीक में कुछ न कुछ कमी जरुर होती है। इस खबर में हम आपको एटीएम की इन्हीं कमियों की जानकारी देने जा रहे हैं। साथ ही यह भी बताएंगे कि आप कैसे इन परेशानियों से निजात पा सकते हैं।

कई बार देखा गया है कि एटीएम से पैसे निकालते समय आपके अकाउंट से पैसे को कट जाते हैं लेकिन एटीएम से पैसे बाहर नहीं आते है। ऐसे में आपको बैंक में तुरंत शिकायत दर्ज करानी चाहिए। कई मामलों में बैंक जांच-पड़ताल कर ग्राहकों को उनका पैसा वापस कर देता है। लेकिन अगर बैंक ऐसा नहीं करता है तो आप इसकी भी शिकायत कर सकते हैं। इस बात की जानकारी उपभोक्ता मंत्री रामविलास पासवान ने दी है। उन्होंने बताया है कि अगर ग्राहक एटीएम से पैसा निकालता है, लेकिन एटीएम से पैसे नहीं निकलते हैं और खाते से राशि कट जाती है, 

तो क्या करें।



ऐसी स्थिति में ग्राहक को उपभोक्ता विभाग की हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज करानी होगी। इसके बाद 18 दिन से कम समय में ग्राहक को उसका पैसा वापस कर दिया जाएगा। इसके लिए ग्राहक उपभोक्ता हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 14404 या 1800-11-4000 पर कॉल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं। साथ ही ग्राहक, उपभोक्ता विभाग की वेबसाइट www.consumerhelpline.gov.in पर जाकर भी आप अपनी शिकायत दर्ज कर सकते हैं।

भारत माता की जय

एकात्मता स्तोत्र 

ॐ सच्चिदानंदरूपाय नमोस्तु परमात्मने
ज्योतिर्मयस्वरूपाय विश्वमांगल्यमूर्तये || १ ||

प्रकृतिः पंचभूतानि ग्रहा लोकाः स्वरास्तथा
दिशः कालश्च सर्वेषां सदा कुर्वन्तु मंगलम्।। २।।

रत्नाकराधौतपदां हिमालयकिरीटिनीम्
ब्रह्मराजर्षिरत्नाढ्यां वन्दे भारत मातरम् || 3 ||

महेन्द्रो मलयः सह्यो देवतात्मा हिमालयः
ध्येयो रैवतको विन्ध्यो गिरिश्चारावलिस्तथा || ४ ||

गंगा सरस्वती सिन्धुर्ब्रह्मपुत्रश्च गण्डकी
कावेरी यमुना रेवा कृष्णा गोदा महानदी || ५ ||

अयोध्या मथुरा माया काशी कांची अवन्तिका
वैशाली द्वारिका ध्येया पुरी तक्षशिला गया || ६ ||

प्रयागः पाटलिपुत्रं विजयानगरं महत्
इन्द्रप्रस्थं सोमनाथः तथाअमृतसरः प्रियम् || ७ ||

चतुर्वेदाः पुराणानि सर्वोपनिषदस्तथा
रामायणं भारतं च गीता सद्दर्शनानि च ॥८॥

जैनागमास्त्रिपिटकाः गुरुग्रन्थः सतां गिरः
एषः ज्ञाननिधिः श्रेष्ठः श्रद्धेयो हृदि सर्वदा ॥९॥

अरुन्धत्यनसूया च सावित्री जानकी सती
द्रौपदी कणणगी गार्गी मीरा दुर्गावती तथा ॥१०॥

लक्ष्मीरहल्या चन्नम्मा रुद्रमाम्बा सुविक्रमा
निवेदिता सारदा च प्रणम्या मातृदेवताः ॥११॥

श्रीरामो भरतः कृष्णो भीष्मो धर्मस्तथार्जुनः
मार्कंडेयो हरिश्चन्द्र प्रह्लादो नारदो ध्रुवः ॥१२॥

हनुमान्‌जनको व्यासो वसिष्ठश्च शुको बलिः
दधीचि विश्वकर्माणौ पृथु वाल्मीकि भार्गवाः ॥१३॥

भगीरथश्चैकलव्यो मनुर्धन्वन्तरिस्तथा
शिबिश्च रन्तिदेवश्च पुराणोद् गीतकीर्तय ॥१४॥

बुद्धा जिनेन्द्रा गोरक्षः पाणिनिश्च पतंजलिः
शंकरो मध्व निंबार्कौ श्री रामानुजवल्लभौ ॥१५॥

झूलेलालोथ चैतन्यः तिरुवल्लुवरस्तथा
नायन्मारालवाराश्च कंबश्च बसवेश्वरः ॥१६॥

देवलो रविदासश्च कबीरो गुरुनानकः
नरसिस्तुलसीदासो दशमेषो दृढव्रतः ॥१७॥

श्रीमत् शङ्करदेवश्च बंधू सायण माधवौ
ज्ञानेश्वरस्तुकारामो रामदासः पुरन्दरः ॥१८॥

बिरसा सहजानन्दो रामानन्दस्तथा महान्‌
वितरन्तु सदैवैते दैवीं सद्ड्गुणसंपदम्‌ ॥१९॥

भरतर्षिः कालिदासः श्रीभोजो जकणस्तथा
सूरदासस्त्यागराजो रसखानश्च सत्कविः ॥२०॥

रविवर्मा भातखंडे भाग्यचन्द्रः स भूपतिः
कलावंतश्च विख्याताः स्मरणीया निरंतरम्‌॥२१॥

अगस्त्यः कंबु कौन्डिण्यौ राजेन्द्रश्चोल वंशजः
अशोकः पुश्य मित्रश्च खारवेलः सुनीतिमान्‌ ॥२२॥

चाणक्य चन्द्रगुप्तौ च विक्रमः शालिवाहनः
समुद्रगुप्तः श्रीहर्षः शैलेंद्रो बप्परावलः ॥२३॥

लाचिद्भास्कर वर्मा च यशोधर्मा च हूणजित्‌
श्रीकृष्णदेवरायश्च ललितादित्य उद्बलः ॥२४॥

मुसुनूरिनायकौ तौ प्रतापः शिवभूपतिः
रणजितसिंह इत्येते वीरा विख्यातविक्रमाः ॥२५॥

वैज्ञानिकाश्च कपिलः कणादः सुश्रुतस्तथा
चरको भास्कराचार्यो वराहमिहिरः सुधीः ॥२६॥

नागार्जुनो भरद्वाजः आर्यभट्टो वसुर्बुधः
ध्येयो वेंकटरामश्च विज्ञा रामानुजादयः ॥२७॥

रामकृष्णो दयानंदो रवींद्रो राममोहनः
रामतीर्थोऽरविंदश्च विवेकानंद उद्यशाः ॥२८॥

दादाभाई गोपबंधुः टिलको गांधीरादृताः
रमणो मालवीयश्च श्री सुब्रमण्यभारती ॥२९॥

सुभाषः प्रणवानंदः क्रांतिवीरो विनायकः
ठक्करो भीमरावश्च फुले नारायणो गुरुः ॥३०॥

संघशक्तिप्रणेतारौ केशवो माधवस्तथा
स्मरणीयाः सदैवैते नवचैतन्यदायकाः ॥३१॥

अनुक्ता ये भक्ताः प्रभुचरण संसक्तहृदयाः
अनिर्दिष्टाः वीराः अधिसमरमुद्ध्वस्तरिपवः
समाजोद्धर्तारः सुहितकर विज्ञान निपुणाः
नमस्तेभ्यो भूयात् सकलसुजनेभ्यः प्रतिदिनम्‌ ॥ ३२॥

इदमेकात्मतास्तोत्रं श्रद्धया यः सदा पठेत्‌
स राष्ट्रधर्मनिष्ठावान् अखंडं भारतं स्मरेत्‌ ॥३३॥

|| भारत माता की जय ||

Indian China war

मुझे ये बात ५५ साल की उम्र में पता चली सोचिये कितने राज दफ़्न हैं।

देश के लोग ये तो जानते है कि चीन ने हमें 1962 में हराया
पर ये नहीं जानते कि 1967 में हमने भी चीन को हराया था।
.
चीन ने "सिक्किम" पर कब्ज़ा करने की कोशिश की थी.
नाथू ला और चो ला फ्रंट पर ये  युद्ध लड़ा गया था. चीन को एसा करारा जवाब मिला था कि चीनी भाग खड़े हुये थे. इस युद्ध में, 
88 भारतीय सैनिक बलिदान हुये थे और 400 चीनी सैनिक मारे गए थे. इस युद्ध के बाद ही सिक्किम, "भारत का हिस्सा" बना था !
.
इस युद्ध में "पूर्वी कमान" को वही सैम मानेक शॉ संभाल रहे थे जिन्होंने बांग्लादेश बनवाया था। इस युद्ध के हीरो थे राजपुताना रेजिमेंट के
मेजर जोशी, कर्नल राय सिंह , मेजर हरभजन सिंह, गोरखा रेजिमेंट के कृष्ण बहादुर , देवीप्रसाद ने कमाल कर दिया था !! जब गोलिया ख़तम हो गयी थी तो इन गोरखों ने कई चीनियों को अपनी "खुखरी" से ही काट डाला था ! कई गोलियाँ शरीर में लिए हुए मेजर जोशी ने चार चीनी ऑफिसर को मारा ! वैसे तो कई और हीरो भी है पर ये कुछ वो नाम है जिन्हें वीर चक्र मिला और इनकी वीरगाथा इतिहास बनी !!
मैं किसी पोस्ट को शेयर करने के लिये नहीं कहता पर इसे शेयर करो ताकि अधिक से अधिक लोग जाने,दुःख की बात है कि बहुत कम भारतीयों को इसके बारे में पता है !!

Congress in India

मोदी के पिता. *मोदी*
मोदी के दादा. *मोदी*
मोदी के परदादा *मोदी*🚩🇮🇳


राहुल के पिता. *गांधी*
राहुल के दादा. *खान*
राहुल की माँ. *एटोंनिया*
राहुल के नाना. *नेहरू*😳


जिसके खानदान में ये लफडा है
वो कह रहा है कि
मुझे देश सौप दो ....
मैं छह महीने में सब ठीक कर दूंगा 

फिर साढ़े चार साल चैन से  
बैंकाक में छुट्टिया मनाऊंगा

हे मंदबुद्धि बालक
तू पहले अपने खान-दान का लफडा ठीक कर ले फिर कुछ और सोच 🤣

Ramcharit manas in hindi

निर्मानमोहा जितसङ्गदोषा
अध्यात्मनित्या विनिवृत्तकामा: ।
द्वन्द्वैर्विमुक्ता: सुखदु:खसञ्ज्ञै-
र्गच्छन्त्यमूढा: पदमव्ययं तत्॥

            – श्रीमद्भगवद्गीता 15/5

"मान-मोह रहित, सङ्गदोष को जीत लेने वाले, सदा अध्यात्म में स्थित, निवृत्त कामनाओं वाले और सुख-दुःख नामक द्वन्द्वों से मुक्त हुए ज्ञानी पुरुष उस अविनाशी पद को प्राप्त होते हैं।"

अर्थात्  जिसके मान-मोह नष्ट हो गये हैं, जिन्होंने आसक्तिरूप दोष को जीत लिया है, जिनकी आत्मस्वरूप में नित्य स्थिति होती है, साथ ही सम्पूर्ण कामनाओं से निवृत्ति हो गयी है , वे सुख–दुःख नामक द्वन्द्वों से विमुक्त ज्ञानीजन उस अविनाशी परमपद को प्राप्त होते हैं ।

श्रीरामानुजभाष्यम्
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एवं मां शरणम् उपगम्य निर्मानमोहाः-निर्गतानात्मात्माभिमानरूपमोहाः, जितसङ्गदोषाः-जितगुणमय-भोगसङ्गख्यदोषाः; अध्यात्मनित्याः- आत्मनि यद् ज्ञानं तद् अध्यात्मम् आत्मध्याननिरताः, विनिवृत्ततदितरकामाः सुखदुःखसञ्ज्ञै: द्वन्द्वै च विमुक्ताः अमूढाः आत्मानात्मस्वभावज्ञाः तत् अव्ययं पदं गच्छन्ति अनवच्छिन्नज्ञाना कारम् आत्मानं यथावस्थितं प्राप्नुवन्ति। मां शरणम् उपागतानां मत्प्रसादाद् एव ताः सर्वाः प्रवृत्तयः सुशक्याः सिद्धिपर्यन्ता भवन्ति इत्यर्थः ।

भाष्य का हिन्दी भाव
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इस प्रकार मेरी शरण ग्रहण कर लेने से जो निर्मान मोह हो चुके हैं यानी जिनका अनात्मविषयक आत्माभिमान रूप मोह नष्ट हो चुका है। जो जितसंग दोष हैं यानी जिन्होंने गुणमय भोगों में आसक्ति रूप दोष को जीत लिया है। जो अध्यात्मनित्य हैं- आत्मविषयक ज्ञान का नाम अध्यात्म है, आत्मविषयक ज्ञान का नाम अध्यात्म है, अतः जो आत्मा के ध्यान में संलग्न हैं। आत्मज्ञान के अतिरिक्त जिनकी समस्त कामनाएँ निवृत्त हो चुकी हैं और जो सुख-दुःख नामक द्वन्द्वों से मुक्त हो चुके हैं। ऐसे आत्मा और अनात्मा के स्वभाव को जानने वाले ज्ञानी उस अविनाशी पद को प्राप्त करते हैं। अर्थात् अनवच्छिन्न (अपरिमित) ज्ञानस्वरूप आत्मा के यथार्थ स्वरूप को प्राप्त कर लेते हैं। अभिप्राय यह कि मेरी शरण ग्रहण वालों की ये समस्त प्रवृत्तियाँ मेरी कृपा से ही सुखसाध्य होकर सिद्धिपर्यन्त पहुँच जाती हैं।

Ramcharit manas

चौपाई :

* रामचरित चिंतामति चारू। संत सुमति तिय सुभग सिंगारू॥
जग मंगल गुनग्राम राम के। दानि मुकुति धन धरम धाम के॥1॥

भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी का चरित्र सुंदर चिन्तामणि है और संतों की सुबुद्धि रूपी स्त्री का सुंदर श्रंगार है। श्री रामचन्द्रजी के गुण-समूह जगत्‌ का कल्याण करने वाले और मुक्ति, धन, धर्म और परमधाम के देने वाले हैं॥1॥

* सदगुर ग्यान बिराग जोग के। बिबुध बैद भव भीम रोग के॥
जननि जनक सिय राम प्रेम के। बीज सकल ब्रत धरम नेम के॥2॥

भावार्थ:-ज्ञान, वैराग्य और योग के लिए सद्गुरु हैं और संसार रूपी भयंकर रोग का नाश करने के लिए देवताओं के वैद्य (अश्विनीकुमार) के समान हैं। ये श्री सीतारामजी के प्रेम के उत्पन्न करने के लिए माता-पिता हैं और सम्पूर्ण व्रत, धर्म और नियमों के बीज हैं॥2॥

* समन पाप संताप सोक के। प्रिय पालक परलोक लोक के॥
सचिव सुभट भूपति बिचार के। कुंभज लोभ उदधि अपार के॥3॥

भावार्थ:-पाप, संताप और शोक का नाश करने वाले तथा इस लोक और परलोक के प्रिय पालन करने वाले हैं। विचार (ज्ञान) रूपी राजा के शूरवीर मंत्री और लोभ रूपी अपार समुद्र के सोखने के लिए अगस्त्य मुनि हैं॥3॥

* काम कोह कलिमल करिगन के। केहरि सावक जन मन बन के॥
अतिथि पूज्य प्रियतम पुरारि के। कामद घन दारिद दवारि के॥4॥

भावार्थ:-भक्तों के मन रूपी वन में बसने वाले काम, क्रोध और कलियुग के पाप रूपी हाथियों को मारने के लिए सिंह के बच्चे हैं। शिवजी के पूज्य और प्रियतम अतिथि हैं और दरिद्रता रूपी दावानल के बुझाने के लिए कामना पूर्ण करने वाले मेघ हैं॥4॥

* मंत्र महामनि बिषय ब्याल के। मेटत कठिन कुअंक भाल के॥
हरन मोह तम दिनकर कर से। सेवक सालि पाल जलधर से॥5॥

भावार्थ:-विषय रूपी साँप का जहर उतारने के लिए मन्त्र और महामणि हैं। ये ललाट पर लिखे हुए कठिनता से मिटने वाले बुरे लेखों (मंद प्रारब्ध) को मिटा देने वाले हैं। अज्ञान रूपी अन्धकार को हरण करने के लिए सूर्य किरणों के समान और सेवक रूपी धान के पालन करने में मेघ के समान हैं॥5॥

* अभिमत दानि देवतरु बर से। सेवत सुलभ सुखद हरि हर से॥
सुकबि सरद नभ मन उडगन से। रामभगत जन जीवन धन से॥6॥

भावार्थ:-मनोवांछित वस्तु देने में श्रेष्ठ कल्पवृक्ष के समान हैं और सेवा करने में हरि-हर के समान सुलभ और सुख देने वाले हैं। सुकवि रूपी शरद् ऋतु के मन रूपी आकाश को सुशोभित करने के लिए तारागण के समान और श्री रामजी के भक्तों के तो जीवन धन ही हैं॥6॥

* सकल सुकृत फल भूरि भोग से। जग हित निरुपधि साधु लोग से॥
सेवक मन मानस मराल से। पावन गंग तरंग माल से॥7॥

भावार्थ:-सम्पूर्ण पुण्यों के फल महान भोगों के समान हैं। जगत का छलरहित (यथार्थ) हित करने में साधु-संतों के समान हैं। सेवकों के मन रूपी मानसरोवर के लिए हंस के समान और पवित्र करने में गंगाजी की तरंगमालाओं के समान हैं॥7॥

दोहा :

* कुपथ कुतरक कुचालि कलि कपट दंभ पाषंड।
दहन राम गुन ग्राम जिमि इंधन अनल प्रचंड॥32 क॥

भावार्थ:-श्री रामजी के गुणों के समूह कुमार्ग, कुतर्क, कुचाल और कलियुग के कपट, दम्भ और पाखण्ड को जलाने के लिए वैसे ही हैं, जैसे ईंधन के लिए प्रचण्ड अग्नि॥32 (क)॥

* रामचरित राकेस कर सरिस सुखद सब काहु।
सज्जन कुमुद चकोर चित हित बिसेषि बड़ लाहु॥32 ख॥

भावार्थ:-रामचरित्र पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणों के समान सभी को सुख देने वाले हैं, परन्तु सज्जन रूपी कुमुदिनी और चकोर के चित्त के लिए तो विशेष हितकारी और महान लाभदायक हैं॥32 (ख)॥

चौपाई :

* कीन्हि प्रस्न जेहि भाँति भवानी। जेहि बिधि संकर कहा बखानी॥
सो सब हेतु कहब मैं गाई। कथा प्रबंध बिचित्र बनाई॥1॥ 

भावार्थ:-जिस प्रकार श्री पार्वतीजी ने श्री शिवजी से प्रश्न किया और जिस प्रकार से श्री शिवजी ने विस्तार से उसका उत्तर कहा, वह सब कारण मैं विचित्र कथा की रचना करके गाकर कहूँगा॥1॥

* जेहिं यह कथा सुनी नहिं होई। जनि आचरजु करै सुनि सोई॥
कथा अलौकिक सुनहिं जे ग्यानी। नहिं आचरजु करहिं अस जानी॥2॥ 
रामकथा कै मिति जग नाहीं। असि प्रतीति तिन्ह के मन माहीं॥
नाना भाँति राम अवतारा। रामायन सत कोटि अपारा॥3॥

भावार्थ:-जिसने यह कथा पहले न सुनी हो, वह इसे सुनकर आश्चर्य न करे। जो ज्ञानी इस विचित्र कथा को सुनते हैं, वे यह जानकर आश्चर्य नहीं करते कि संसार में रामकथा की कोई सीमा नहीं है (रामकथा अनंत है)। उनके मन में ऐसा विश्वास रहता है। नाना प्रकार से श्री रामचन्द्रजी के अवतार हुए हैं और सौ करोड़ तथा अपार रामायण हैं॥2-3॥

* कलपभेद हरिचरित सुहाए। भाँति अनेक मुनीसन्ह गाए॥
करिअ न संसय अस उर आनी। सुनिअ कथा सादर रति मानी॥4॥

भावार्थ:-कल्पभेद के अनुसार श्री हरि के सुंदर चरित्रों को मुनीश्वरों ने अनेकों प्रकार से गया है। हृदय में ऐसा विचार कर संदेह न कीजिए और आदर सहित प्रेम से इस कथा को सुनिए॥4॥

दोहा :

* राम अनंत अनंत गुन अमित कथा बिस्तार।
सुनि आचरजु न मानिहहिं जिन्ह कें बिमल बिचार॥33॥

भावार्थ:-श्री रामचन्द्रजी अनन्त हैं, उनके गुण भी अनन्त हैं और उनकी कथाओं का विस्तार भी असीम है। अतएव जिनके विचार निर्मल हैं, वे इस कथा को सुनकर आश्चर्य नहीं मानेंगे॥3॥

चौपाई :

* एहि बिधि सब संसय करि दूरी। सिर धरि गुर पद पंकज धूरी॥
पुनि सबही बिनवउँ कर जोरी। करत कथा जेहिं लाग न खोरी॥1॥ 

भावार्थ:-इस प्रकार सब संदेहों को दूर करके और श्री गुरुजी के चरणकमलों की रज को सिर पर धारण करके मैं पुनः हाथ जोड़कर सबकी विनती करता हूँ, जिससे कथा की रचना में कोई दोष स्पर्श न करने पावे॥1

Sunday, 1 October 2017

Read Mahabharat

*महाभारत में कर्ण ने श्री कृष्ण से पूछा "मेरी माँ ने मुझे जन्मते ही त्याग दिया, क्या ये मेरा अपराध था कि मेरा जन्म एक अवैध बच्चे के रूप में हुआ?*

दोर्णाचार्य ने मुझे शिक्षा देने से मना कर दिया क्योंकि वो मुझे क्षत्रीय नही मानते थे, क्या ये मेरा कसूर था?

परशुराम जी ने मुझे शिक्षा दी साथ ये शाप भी दिया कि मैं अपनी विद्या भूल जाऊंगा क्योंकि वो मुझे क्षत्रीय समझते थे।

भूलवश एक गौ मेरे तीर के रास्ते मे आकर मर गयी और मुझे गौ वध का शाप मिला?

द्रौपदी के स्वयंवर में मुझे अपमानित किया गया, क्योंकि मुझे किसी राजघराने का कुलीन व्यक्ति नही समझा गया।

यहां तक कि मेरी माता कुंती ने भी मुझे अपना पुत्र होने का सच अपने दूसरे पुत्रों की रक्षा के लिए स्वीकारा।

मुझे जो कुछ मिला दुर्योधन की दया स्वरूप मिला!

*तो क्या ये गलत है कि मैं दुर्योधन के प्रति अपनी वफादारी रखता हूँ..??*

*श्री कृष्ण मंद मंद मुस्कुराते हुए बोले-*
"कर्ण, मेरा जन्म जेल में हुआ था। मेरे पैदा होने से पहले मेरी मृत्यु मेरा इंतज़ार कर रही थी। जिस रात मेरा जन्म हुआ उसी रात मुझे मेरे माता-पिता से अलग होना पड़ा। तुम्हारा बचपन रथों की धमक, घोड़ों की हिनहिनाहट और तीर कमानों के साये में गुज़रा।
मैने गायों को चराया और गोबर को उठाया।
जब मैं चल भी नही पाता था तो मेरे ऊपर प्राणघातक हमले हुए।
कोई सेना नही, कोई शिक्षा नही, कोई गुरुकुल नही, कोई महल नही, मेरे मामा ने मुझे अपना सबसे बड़ा शत्रु समझा।
जब तुम सब अपनी वीरता के लिए अपने गुरु व समाज से प्रशंसा पाते थे उस समय मेरे पास शिक्षा भी नही थी। बड़े होने पर मुझे ऋषि सांदीपनि के आश्रम में जाने का अवसर मिला।

तुम्हे अपनी पसंद की लड़की से विवाह का अवसर मिला मुझे तो वो भी नही मिली जो मेरी आत्मा में बसती थी।
मुझे बहुत से विवाह राजनैतिक कारणों से या उन स्त्रियों से करने पड़े जिन्हें मैंने राक्षसों से छुड़ाया था!
जरासंध के प्रकोप के कारण मुझे अपने परिवार को यमुना से ले जाकर सुदूर प्रान्त मे समुद्र के किनारे बसाना पड़ा। दुनिया ने मुझे कायर कहा।

यदि दुर्योधन युद्ध जीत जाता तो विजय का श्रेय तुम्हे भी मिलता, लेकिन धर्मराज के युद्ध जीतने का श्रेय अर्जुन को मिला! मुझे कौरवों ने अपनी हार का उत्तरदायी समझ।

*हे कर्ण!* किसी का भी जीवन चुनोतियों से रहित नही है। सबके जीवन मे सब कुछ ठीक नही होता। कुछ कमियां अगर दुर्योधन में थी तो कुछ युधिष्टर में भी थीं।
सत्य क्या है और उचित क्या है? ये हम अपनी आत्मा की आवाज़ से स्वयं निर्धारित करते हैं!

इस बात से *कोई फर्क नही पड़ता* कितनी बार हमारे साथ अन्याय होता है, 

इस बात से *कोई फर्क नही पड़ता* कितनी बार हमारा अपमान होता है, 

इस बात से *कोई फर्क नही पड़ता* कितनी बार हमारे अधिकारों का हनन होता है।

*फ़र्क़ सिर्फ इस बात से पड़ता है कि हम उन सबका सामना किस प्रकार करते हैं..!!*
🙏