Thursday, 19 October 2017

Most expensive mistakes

*जरा सा शब्दों का हेर-फेर ले डूबा करोड़ों, फिर खूब पछताई ये 5 नामचीन कंपनियां* 

शब्दों की जरा सी हेरफेर में इन नामचीन कंपनियों को इतना बड़ा झटका मिला है कि अब उम्रभर इनसे कभी भूलकर भी फिर ऐसी भूल नहीं होगी। अमर उजाला डॉटकॉम अपने पाठकों के समक्ष इन घटनाओं का जिक्र इसलिए कर रहा है ताकि आप भी इनसे सबक लें और ऐसी भूल करने से बचें।
बता दें मामूली सी नजर आने वाली गलतियों पर इन कंपनियों को करोड़ों रुपए चुकाने पड़ गए। ये गलतियां कौमा, पूर्ण विराम और स्पेलिंग की हैं। 

गलती से बिक गए सस्ते टिकट
क्या आप टोरंटो, कनाडा और साइप्रस की यात्रा बिजनेस क्लास से करना चाहते हैं और वह भी महज 39 डॉलर में? जी हां, सपने जैसा दिखने वाला टिकट का यह रेट साल 2006 में इटली की एयरलाइन एलिटालिया ने रख दिया था। दरअसल, इस एयरलाइन कंपनी ने टिकट का दाम 3,900 डॉलर लिखने की जगह सिर्फ 39 डॉलर लिख दिया। जब तक कंपनी अपनी इस भूल को सुधारती तब तक करीब 2000 यात्रियों ने अपने टिकट बुक कर लिए। कंपनी ने जब ये टिकट कैंसिल करने की बात कही तो उसे यात्रियों के गुस्से का सामना करना पड़ा। बाद में कंपनी ने अपनी प्रतिष्ठा को ध्यान में रखते हुए इसी कीमत पर जितने भी टिकट बुक हुए उन्हें यात्रा करवाने का फैसला लिया। इस गलती की वजह से एलिटालिया कंपनी को 70 लाख डॉलर से ज्यादा का नुकसान उठाना पड़ा।

गलत जगह लगाया कौमा
अमेरीका की बड़ी एयरोस्पेस कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने वायु सेना के लिए हर्क्यूलिस विमान बनाने का एक समझौता हस्ताक्षर किया। इस योजना में कई साल लगने थे। इसलिए साल 1999 में जब यह समझौता हुआ तो उसमें लिखा गया कि समय के साथ एयरप्लेनों की कीमत में इजाफा हो सकता है। गलती से उस समय एयरोप्लेन की जो कीमत लिखी गई उसमें एक दशमलव की जगह कौमा लगा दिया गया। उस समय कॉन्ट्रैक्ट की पूरी लागत नहीं लिखी गई। बाद में लॉकहीड कंपनी के एग्जिक्यूटिव ने बताया कि इस एक कौमा के गलत जगह लगने की वजह से कंपनी को 7 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।

शब्दों की हेरा-फेरी
दिसंबर 2005 में जापान की एक स्टॉक मार्केट कंपनी को टाइपिंग गलती की वजह से बहुत बड़ा नुकसान सहना पड़ा। जे-कॉम नामक कंपनी के शेयर उस वक्त अचानक गिर गए जब मिजुहो सिक्योरिटी के एक ब्रोकर ने प्रति येन के हिसाब से 6 लाख 10 हजार शेयर बेचने शुरू कर दिए। दरअसल, उस ब्रोकर को एक शेयर 6 लाख 10 हजार येन में बेचना था। शब्दों के इस हेर-फेर की वजह से मिजुहो को लगभग 33 करोड़ डॉलर का नुकसान उठाना पड़ा।

'S' ने छुड़वाई ढेरों नौकरियां
ब्रिटेन में जो भी कंपनी शुरू होती है उसे पहले डिपार्टमेंट ऑफ एंटरप्राइस, एनर्जी और इंडस्ट्रियल स्ट्रेटर्जी (BEIS) में अपना नाम दर्ज करवाना होता है। इसी तरह यदि कोई कंपनी बंद होना चाहती है तो पहले उसे BEIS को सूचित करना होता है। साल 2009 में एक कंपनी 'टेलर एंड सन्स' ने अपना काम बंद करने की सूचना इस विभाग को मिली। लेकिन असल में जो कंपनी काम बंद कर रही थी वह थी 'टेलर एंड सन'। 1875 से चली आ रही टेलर एंड सन्स कंपनी में एक अक्षर की छोटी सी गलती की वजह से 250 कर्मचारियों को नौकरी से हाथ धोना पड़ा। इस कंपनी के पूर्व सह-मालिक फिलिप डेविसन सर्बी ने अपने नुकसान की भरपाई के लिए 80 लाख पाउंड का हर्जाना मांगा।

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