Wednesday 30 May 2018

Ramayan in Hindi

*रामचरितमानस* की चौपाइयों में ऐसी क्षमता है कि इन चौपाइयों के जप
से ही मनुष्य बड़े-से-बड़े संकट में भी मुक्त हो जाता है।
इन मंत्रो का जीवन में प्रयोग अवश्य करे _*प्रभु श्रीराम*_ आप के जीवन को
सुखमय बना देगे।

_*1. रक्षा के लिए*_
मामभिरक्षक रघुकुल नायक |
घृत वर चाप रुचिर कर सायक ||

_*2. विपत्ति दूर करने के लिए*_
राजिव नयन धरे धनु सायक |
भक्त विपत्ति भंजन सुखदायक ||

_*3. *सहायता के लिए*_
मोरे हित हरि सम नहि कोऊ |
एहि अवसर सहाय सोई होऊ ||

_*4*. *सब काम बनाने के लिए*_
वंदौ बाल रुप सोई रामू |
सब सिधि सुलभ जपत जोहि नामू ||

_*5*. *वश मे करने के लिए*_
सुमिर पवन सुत पावन नामू |
अपने वश कर राखे राम ||

_*6*. *संकट से बचने के लिए*_
दीन दयालु विरद संभारी |
हरहु नाथ मम संकट भारी ||

_*7*. *विघ्न विनाश के लिए*_
सकल विघ्न व्यापहि नहि तेही |
राम सुकृपा बिलोकहि जेहि ||

_*8*. *रोग विनाश के लिए*_
राम कृपा नाशहि सव रोगा |
जो यहि भाँति बनहि संयोगा ||

_*9. ज्वार ताप दूर करने के लिए*_
दैहिक दैविक भोतिक तापा |
राम राज्य नहि काहुहि व्यापा ||

_*10. दुःख नाश के लिए*_
राम भक्ति मणि उस बस जाके |
दुःख लवलेस न सपनेहु ताके ||

_*11. खोई चीज पाने के लिए*_
गई बहोरि गरीब नेवाजू |
सरल सबल साहिब रघुराजू ||

_*12. अनुराग बढाने के लिए*_
सीता राम चरण रत मोरे |
अनुदिन बढे अनुग्रह तोरे ||

_*13. घर मे सुख लाने के लिए*_
जै सकाम नर सुनहि जे गावहि |
सुख सम्पत्ति नाना विधि पावहिं ||

_*14. सुधार करने के लिए*_
मोहि सुधारहि सोई सब भाँती |
जासु कृपा नहि कृपा अघाती ||

_*15. विद्या पाने के लिए*_
गुरू गृह पढन गए रघुराई |
अल्प काल विधा सब आई ||

_*16. सरस्वती निवास के लिए*_
जेहि पर कृपा करहि जन जानी |
कवि उर अजिर नचावहि बानी ||

_*17. निर्मल बुद्धि के लिए*_
ताके युग पदं कमल मनाऊँ |
जासु कृपा निर्मल मति पाऊँ ||

_*18. मोह नाश के लिए*_
होय विवेक मोह भ्रम भागा |
तब रघुनाथ चरण अनुरागा ||

_*19. प्रेम बढाने के लिए*_
सब नर करहिं परस्पर प्रीती |
चलत स्वधर्म कीरत श्रुति रीती ||

_*20. प्रीति बढाने के लिए*_
बैर न कर काह सन कोई |
जासन बैर प्रीति कर सोई ||

_*21. सुख प्रप्ति के लिए*_
अनुजन संयुत भोजन करही |
देखि सकल जननी सुख भरहीं ||

_*22. भाई का प्रेम पाने के लिए*_
सेवाहि सानुकूल सब भाई |
राम चरण रति अति अधिकाई ||

_*23. बैर दूर करने के लिए*_
बैर न कर काहू सन कोई |
राम प्रताप विषमता खोई ||

_*24. मेल कराने के लिए*_
गरल सुधा रिपु करही मिलाई |
गोपद सिंधु अनल सितलाई ||

_*25. शत्रु नाश के लिए*_
जाके सुमिरन ते रिपु नासा |
नाम शत्रुघ्न वेद प्रकाशा ||

_*26. रोजगार पाने के लिए*_
विश्व भरण पोषण करि जोई |
ताकर नाम भरत अस होई ||

_*27. इच्छा पूरी करने के लिए*_
राम सदा सेवक रूचि राखी |
वेद पुराण साधु सुर साखी ||

_*28. पाप विनाश के लिए*_
पापी जाकर नाम सुमिरहीं |
अति अपार भव भवसागर तरहीं ||

_*29. अल्प मृत्यु न होने के लिए*_
अल्प मृत्यु नहि कबजिहूँ पीरा |
सब सुन्दर सब निरूज शरीरा ||

_*30. दरिद्रता दूर के लिए*_
नहि दरिद्र कोऊ दुःखी न दीना |
नहि कोऊ अबुध न लक्षण हीना |

_*31. प्रभु दर्शन पाने के लिए*_
अतिशय प्रीति देख रघुवीरा |
प्रकटे ह्रदय हरण भव पीरा ||

_*32. शोक दूर करने के लिए*_
नयन बन्त रघुपतहिं बिलोकी |
आए जन्म फल होहिं विशोकी ||

_*33. क्षमा माँगने के लिए*_
अनुचित बहुत कहहूँ अज्ञाता |
क्षमहुँ क्षमा मन्दिर दोऊ भ्राता ||
जय जयश्रीराम💐💐💐💐💐

Saturday 26 May 2018

Sanatan dharm

*इसाई धर्म*

ईसा एक है

बाइबिल एक।

फिर भी, लेटिन कैथलिक, सीरियन कैथलिक, मारथोमा, पेंटेकोस्ट, सैल्वेशन आर्मी, सेवेंथ डे एडवांटिष्ट, ऑर्थोडॉक्स, जेकोबाइट जैसे 146 फिरके आपस में किसी के भी चर्च में नहीं जाते।

*इस्लाम धर्म*

अल्लाह एक,

कुरान एक,
नबी एक।

फिर भी शिया, सुन्नी, अहमदिया, सूफी, मुजाहिद्दीन जैसे 13 फिरके एक दुसरे के खून के प्यासे। सबकी अलग मस्जिदें। साथ बैठकर नमाज नहीं पढ़ सकते। धर्म के नाम पर एक-दूसरे का कत्ल करने को सदैव आमादा।

*हिन्दू धर्म*

1280 धर्म ग्रन्थ

10 हज़ार से ज्यादा जातियां, अनगिनत पर्व एवं त्योहार,
असंख्य देवी-देवता।
एक लाख से ज्यादा उपजातियां, हज़ारों ऋषि-मुनि, सैकड़ों भाषाएँ।

फिर भी सारे हिन्दू सभी मन्दिरों में जाते हैं और सारे त्योहारों को मनाते हुए आपस में शान्ति एवं शालीनता से रहते हैं।

यह है भव्यता, सुन्दरता और खूबसूरती हिन्दू धर्म की ...... !!

फिर क्यों न गर्व हो हिन्दुओं को हिन्दू धर्म पर .........


🚩 गर्व से कहो हम हिंदु है 🚩
*मज्जिद व चर्च पर बैठने वाला पक्षी कितना भी सेक्यूलर हो,*

*जब उसे भूख लगती है तो मंदिर ही आता है,*

*क्योंकि*❓

*वहीं उसे भोजन मिलता है बाकी जगहों पर खुद पक्षी ही निवाला बन जाता है यही हिंदुत्व की विशेषता है।*

🙏🏻🚩😊🕉⛳


*इस msg को अधिक से अधिक share करिए*

*🚩जय श्री सत्य सनातन धर्म की🚩*

Akhilesh yadav excuses

चूतिया बनाने में अखिलेश यादव जी #केजरीवाल के भी गुरु निकले
यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का सरकारी बंगाल खाली करने पर कहना है कि वो अभी लखनऊ में किराए का फ्लैट खोज रहे हैं, और क्योंकि वो अभी तक अपने लिये घर नही बना पाए हैं उन्हें सरकारी बंगला खाली करने के लिए 2 वर्ष का समय दिया जाए,

तो हमने सोचा कि चलो चुनाव आयोग की वेबसाइट भी एक बार देख लेते हैं कि अखिलेश यादव जी क्या वास्तव में इतने गरीब है, और जब हमने खुद अखिलेश यादव द्वारा चुनाव आयोग को घोषित उनकी सम्पत्ति देखि तो समझ आया कि असली जुमलेबाजी तो उनके सिवाय किसी और को आती ही नहीं है, उनके सामने तो सब छोटे प्रतीत होते हैं

वास्तव में अखिलेश यादव द्वारा स्वयं चुनाव आयोग को घोषित उनकी सपत्ति का विवरण देखेंगे तो पाएंगे कि 
अखिलेश यादव जी टोटल 8,84,83,492 करोड़ रूपये की सम्पत्ति के मालिक हैं,

और अखिलेश यादव जी झूठ बोल रहे हैं कि उनके पास लखनऊ में घर नहीं है जबकि सच्चाई ये हैं कि 
लखनऊ में 71-71 लाख की दो रिहायशी बिल्डिंग उनके और उनकी पत्नी के नाम पर हैं,

अखिलेश जी की गाड़ी की डिटेल्स ये रहीं 
Rs 20,16,000 की  PAJERO  गाड़ी जिसका नम्बर UP-32 CL-9099 है 

अखिलेश जी के पास 
Rs 76,015 का फोन उनके पास है
RS  17,085 का FURNITURE उनके पास है
Rs 22,000 का SONY MUSIC SYSTEM उनके पास है 

Rs 59,76,687  की JWELERY 2774.674GM,203.75GM MOTI , DIAMOND 127.75CARET उनकी पत्नी के पास है 

Rs 78,58,000 का एग्रीकल्चर लेंडा Muchahra Sefai Itawah,Nayakpur,Sunderpur,Sefai में अखिलेश जी के पास है
Rs 3,60,000 का नॉन एग्रीकल्चर लैंड Friends colony Itawa में अखिलेश जी के नाम पर है

Rs 64,50,000 की कमर्शियल बिल्डिंग Dilkusha M.G Road 31/93,1/2 में अखिलेश जी के पास है और 

Rs 67,50,000  की कमर्शियल बिल्डिंग Dilkusha M.G Road 31/93,1/2 स्थित अखिलेश जी की पत्नी के पास है

Rs 71,00,000 की रिहायशी बिल्डिंग Vikramaditya marg Lucknow 1/2(24191/-1/2) स्थित अखिलेश जी के नाम है और
Rs 71,00,000 की रिहायशी बिल्डिंग Vikramaditya marg Lucknow 1/2(24191/-1/2) स्थित अखिलेश जी की पत्नी के नाम है

अखिलेश यादव जी की इंश्योरेंस पॉलिसी की लिस्ट ये रही 
Rs 63,80,000 Aviva Life Insurance
Rs 1,19,122 Future Genral India Insurance
Rs 5,53,345 LIC
Rs 2,78,094 LIC
Rs 10,00,000 Principal Mutual Fund
Rs 4,97,212 Reliance Mutual Fund
Rs 5,00,000 HSB Mutual fund
Rs 40,000 The Milenium

अखिलेश जी की पत्नी की इंश्योरेंस पॉलिसी की लिस्ट ये है
Rs 5,00,000 Aviva Insurance
Rs 6,03,744 BSLI
Rs 4,52,808 LIFE INSURANCE City Bank 

अखिलेश जी के बॉन्ड्स शेयर्स और डिबेंचर्स के निवेश ये हैं
Rs 14,86,300 Port folio Investment 

अखिलेश जी के बैंकों में जमा पैसे ये रहे 

Rs 21,22,737 R.B.S.Bank Lucknow
Rs 2,43,020 Bank Of Baroda, FDR Itawa
Rs 58,216 Bank of Baroda
Rs 20,021 Bank of Baroda
Rs 23,683 Bank of Baroda
Rs 9,380 HDFC Bank Itawa
Rs 12,412 SBI
Rs 23,09,298 SBI ,Parliament Br.
Rs 20,00,000 FDR Bank of Baroda
Rs 22,59,666 FDR Bank of Baroda
Rs 10,00,000 HDFC Bank Itawa

अखिलेश जी की पत्नी के बैंकों में जमा पैसे ये हैं 

Rs 22,59,666 Bank of Baroda FDR
Rs 30,00,000 City Bank Lucknow
Rs 10,00,000 HDFC Bank FDR
Rs 14,46,892 ICICI Bank Lucknow
Rs 22,770 HDFC BANK ITAWA
Rs 2,04,891 CITY Bank lucknow
Rs 4,543 Allahabad Bank
Rs 22,198 Bnak Of Baroda 

अखिलेश जी के हाथ में मौजूद कैश की ये हैं
Rs 97,923 -
अखिलेश जी कि पत्नी के पास कैश ये हैं 
Rs 2,00,553 -

(चुनाव आयोग कि वेबसाईट का लिंक कमेंट में उपलब्ध है)

Wednesday 23 May 2018

Chankya neeti in hindi

सम्राट चंद्रगुप्त अपने मंत्रियों के साथ एक विशेष मंत्रणा में व्यस्त
थे कि प्रहरीने सूचित किया कि आचार्य चाणक्य राजभवन में पधार रहे हैं । सम्राट चकित रह गए । इस असमय में गुरू का आगमन ! वह घबरा भी गए । अभी वह कुछ सोचते ही कि लंबे-लंबे डग भरते चाणक्य ने सभा में प्रवेश किया । सम्राट चंद्रगुप्त सहित सभी सभासद सम्मान में उठ गए । सम्राट ने गुरूदेव को सिंहासन पर आसीन होने को कहा ।

आचार्य चाणक्य बोले – "भावुक न बनो सम्राट, अभी तुम्हारे समक्ष तुम्हारा गुरू नहीं, तुम्हारे राज्य का एक याचक खड़ा है, मुझे कुछ
याचना करनी है ।"चंद्रगुप्त की आँखें डबडबा आईं। बोले – " आप
आज्ञा दें, समस्त राजपाट आपके चरणों में डाल दूं ।" चाणक्य ने
कहा – " मैंने आपसे कहा भावना में न बहें, मेरी याचना सुनें । " गुरूदेव की मुखमुद्रा देख सम्राट चंद्रगुप्त गंभीर हो गए । बोले -" आज्ञा दें ।
चाणक्य ने कहा – " आज्ञा नहीं , याचना है कि मैं
किसी निकटस्थ सघन वन में साधना करना चाहता हूं । दो माह के लिए राजकार्य से मुक्त कर दें और यह स्मरण रहे वन में अनावश्यक मुझसे कोई मिलने न आए । आप भी नहीं । मेरा उचित प्रबंध करा दें ।
चंद्रगुप्त ने कहा – " सब कुछ स्वीकार है । " दूसरे दिन प्रबंध कर
दिया गया । चाणक्य वन चले गए । अभी उन्हें वन गए एक सप्ताह
भी न बीता था कि यूनान से सेल्युकस (सिकन्दर का सेनापति) अपने जामाता चंद्रगुप्त से मिलने भारत पधारे । उनकी पुत्री हेलेन का विवाह चंद्रगुप्त से हुआ था । दो – चार दिन के बाद उन्होंने चाणक्य से मिलने की इच्छा प्रकट कर दी । सेल्युकस ने कहा – "सम्राट, आप वन में अपने गुप्तचर भेज दें । उन्हें मेरे बारे में कहें । वह मेरा बड़ा आदर करते है । वह कभी इन्कार नहीं करेंगे ।" अपने श्वसुर की बात मान चंद्रगुप्त ने ऐसा ही किया। गुप्तचर भेज दिए गए । चाणक्य ने उत्तर दिया – "ससम्मान सेल्युकस वन लाए जाएं, मुझे उनसे मिल कर प्रसन्नता होगी ।"

सेना के संरक्षण में सेल्युकस वन पहुंचे । औपचारिक अभिवादन के बाद चाणक्यने पूछा – "मार्ग में कोई कष्ट तो नहीं हुआ । "इस पर सेल्युकस ने कहा – "भला आपके रहते मुझे कष्ट होगा ? आपने मेरा बहुत ख्याल रखा ।"

न जाने इस उत्तर का चाणक्य पर क्या प्रभाव पड़ा कि वह बोल उठे – "हां, सचमुच आपका मैंने बहुत ख्याल रखा ।"इतना कहने के बाद चाणक्य ने सेल्युकस के भारत की भूमि पर कदम रखने के बाद से वन आने तक की सारी घटनाएं सुना दीं । उसे इतना तक
बताया कि सेल्युकस ने सम्राट से क्या बात की, एकांत में अपनी पुत्री से क्या बातें हुईं । मार्ग में किस सैनिक से क्या पूछा ।

सेल्युकस व्यथित हो गए । बोले – "इतना अविश्वास ? मेरी गुप्तचरी की गई । मेरा इतना अपमान ।"
चाणक्य ने कहा – "न तो अपमान, न अविश्वास और न ही गुप्तचरी । अपमान की तो बात मैं सोच भी नहीं सकता । सम्राट भी इन
दो महीनों में शायद न मिल पाते । आप हमारे अतिथि हैं । रह गई बात सूचनाओं की तो वह मेरा "राष्ट्रधर्म" है । आप कुछ भी हों, पर
विदेशी हैं । अपनी मातृभूमि से आपकी जितनी प्रतिबद्धता है, वह इस राष्ट्र से नहीं हो सकती । यह स्वाभाविक भी है । मैं तो सम्राज्ञी की भी प्रत्येक गतिविधि पर दृष्टि रखता हूं । मेरे इस 'धर्म' को अन्यथा न लें । मेरी भावना समझें ।"

सेल्युकस हैरान हो गया । वह चाणक्य के पैरों में गिर पड़ा ।
उसने कहा – " जिस राष्ट्र में आप जैसे राष्ट्रभक्त हों, उस देश की ओर कोई आँख उठाकर भी नहीं देख सकता ।" सेल्युकस वापस लौट गया ।

मित्रों… क्या हम भारतीय राष्ट्रधर्म का पालन कर रहे है???

Congress in karnataka

*#नैतिकता✊🚩*

महाभारत का युद्ध अंतिम चरण में था। भीम और दुर्योधन के बीच भीषण युद्ध चल रहा था।
चूँकि दुर्योधन का शरीर गंधारी के वरदान से जंघा छोड़ सम्पूर्ण बज्र का बन चुका था। दुर्योधन हारे नही हार रहा था।
तब श्रीकृष्ण ने कहा-
भीम भैया दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करो, यहाँ।
श्रीकृष्ण के वचन सुनकर दुर्योधन जोर से चिल्लाया-
मधुसूदन ये क्या कथन कह रहे है। मल्ल युद्ध मे कमर के नीचे प्रहार युद्ध नियम के खिलाफ है।
'नैतिकता' के खिलाफ है।

श्रीकृष्ण मुस्कुराए और बोले-
वाह! दुर्योधन वाह! आज तुम्हें संकट के समय युध्द नियम और नैतिकता जैसे उच्च मापदण्ड याद आ गए। 
याद करो जब एक निहत्थे बालक अभिमन्यु पर, 8-8 महारथियों ने, एक साथ शस्त्रो से प्रहार किया। जिनमें तुम भी थे। 
तब कहाँ गए थे युद्ध नियम।
कहाँ थी तुम्हारी नैतिकता।
नैतिकता की दुहाई देने वाले दुर्योधन जब तुम्हारे आदेश पर पांडवो के 5 पुत्र मध्य रात्रि में सोते समय कायरो की भाँति मार दिए गए।
तब कहाँ थे युध्द नियम।
कहाँ थी नैतिकता।

इसलिए हे अनैतिकता के रथ पर सवार अनैतिक पुरुष, तुम्हारे मुख से नैतिकता की बात शोभा नही देती।
शास्त्रो में लिखा है-
क्षमा भी उसे ही किआ जाता है, जो क्षमा योग्य हो।
नैतिकता उसी के साथ कि जाती है, जो खुद उसके योग्य है।
इसलिए मंझले भैया भीम- उठाओ गदा और दुर्योधन की जंघा पर प्रहार करो। इसमे किसी भी प्रकार की धर्म हानि नही होगी।
अंत मे दुर्योधन मारा गया।

कर्नाटक में भी यही प्रसंग चल रहा है- 'नैतिकता'। 
अनैतिकता के रथ पर सवार कांग्रेस नैतिकता की दुहाई दे रही है। संविधान के नियम बता रही है।
तो हे कांग्रेस याद करो अटल जी सरकार, जब तुम सब दलों ने मिलकर एक वोट से गिरा दी थी। जिसमे तुम भी शामिल थे। 
तब कहाँ थी नैतिकता।
जिस देवेगौड़ा के साथ तुमने गठबंधन किआ है, उनकी सरकार किस तरह गिराई थी। 
तब कहाँ थी नैतिकता।

और हे कांग्रेस तुम किस संविधान के नियमो की बात करते हो। गोवा, मेघालय में खुद की बड़ी पार्टी होने की दुहाई देते हो। किन्तु हरियाणा, दिल्ली भुल जाते हो।
दिल्ली में भाजपा सबसे बड़ी पार्टी होने के वाबजूद तुमने 'आप' को समर्थन देकर सत्ता बनाई, तब कहाँ थे, नियम। 
जिसका खामियाजा दिल्ली की जनता, आज तक भुगत रही है।
5 साल, माफिलाल।

इसलिए हे अमित शाह गदा उठाओ और कांग्रेस की जंघा पर जोरदार प्रहार करो, जो बगावत कर रहे विधयकों के कारण अब भी नरम है। 
क्योंकि कांग्रेस का शरीर jds के समर्थन से पूर्ण वज्र का बन चुका है।

*अब उम्मीद यही है की कलियुगी महाभारत का परिणाम भी, द्वापर महाभारत जैसा ही!!*

🙏🏻🚩🇮🇳🔱🏹🐚🕉

Congress in karnataka

Sunday 20 May 2018

Who is Ram

संघ के एक बड़े प्रचारक हैं …  इंद्रेश कुमार जी

 डॉक्टर भीम राव अम्बेडकर की १२५ वीं जयंती के अवसर पर उन्हें दिल्ली के हंसराज महाविद्यालय में आमंत्रित किया गया था. संघके नेता का नाम सुनते ही वहां का माहौल और भी विषाक्त हो गया था. संघ, ब्राहमणवाद और मनुवाद के खिलाफ नारे लगने लगे थे. हरेक वक्ता आता और सिर्फ जहर उगलता. एक ने कह दिया कि "वी डोंट एक्सेप्ट रामा एस ए सिम्बल ऑफ़ सोशल हार्मोनी" यानि हम राम को सामजिक समरसता का प्रतीक नहीं मानते क्योंकि उस आर्य राम ने अनार्य बालि का छिपकर वध किया था।

जब इन्द्रेश कुमार जी की बारी आई तो उन्होंने माइक संभाला और इसी विषय से बोलना शुरू किया.उन्होने कहा कि मान लीजिये कि बालि अनार्य था तो फिर सुग्रीव क्या था?वो भी अनार्य था. दो अनार्य भाइयों के बीच किसी गलतफहमी के चलते झगड़ा था, झगड़े में बड़े भाई ने छोटे भाई को न सिर्फ मृत्यदंड की सजा दी थी. बल्कि उसकी पत्नी को अपने कब्जे में कर रखा था और उसके डर से सुग्रीव मारा-मारा फिर रहा था.

त्रिलोक के अंदर बालि के भय से किसी के अंदर ये साहस नहीं था कि वो सुग्रीव को न्याय दिला सके. राम ने सुग्रीव को न्याय दिलाने का संकल्प किया. बालि का वध किया. अब बालि के वध के बाद आर्य राम ने क्या किया?

रामने राज्य पर स्वयं कब्ज़ा नहीं किया बल्कि उस पर उसी अनार्य सुग्रीव को प्रतिष्ठित किया.

सुग्रीव की पत्नी रुमा को मुक्त कराकर राम ने उसे अपने अधीन नहीं किया बल्कि उसे ससम्मान सुग्रीव को सौंप दिया.

बालि के परिजनों के साथ भी अन्याय न हो इसलिये
राम ने उसकी पत्नी तारा को राज्य की मुख्य पटरानी के
पद पर सुशोभित किया और प्रधान सेनापति के पद पर
उसके बेटे अंगद को बिठाया.

उस राम को आप सवर्ण कहिये, क्षत्रिय कहिये, मनुवादी कहिये या जो भी कहिये पर सत्य यही है कि राम ने राज्य पर कब्ज़ा नहीं किया, राज्य की किसी संपत्ति को अपने उपयोग में नहीं लिया, रूमा या तारा को प्रताड़ित नहीं किया और न ही बालि के बेटे के साथ अन्याय होने दिया.
राम आपके लिये सवर्ण, क्षत्रिय या मनुवादी होंगें पर दुनिया के लिये राम न्याय की मूर्ति थे. इसके बाद उन्होंने श्रोताओं से मुखातिब होकर कहा कि अगर बालि अनार्य थे तो फिर हनुमान क्या थे? वोभी अनार्य थे, अब आप सब मुझे बतायें कि आपके अनुसार भारतवर्ष का कौन सा ऐसा आर्य है जिसके यहाँ देवता रूप में हनुमान पूजित नहीं हैं?

हाँ, खुद को अनार्य कहने वाले इन साहब के यहाँ ही हनुमान पूजित नहीं होंगे.

उन्होंने बोलना ख़त्म किया तो पूरी सभा-मंडली उनके पीछे थी, अब वहां उन दलित नेताओं के नाम के नारे नहीं बल्कि उनके नाम के जयकारे लग रहे थे. आयोजक उनसे कह रहे थे कि ये भीड़ आपके बोलने से पहले हमारी थी अब आपकी है.

सन्देश यही है, वंचित समाज से जुड़िये, उनके पास जाइये, उनसे दर्द सांझा करिए, उन्हें सत्य का ज्ञान कराइए. उनके अंदर सदियों से सिर्फ जहर और अलगाव ही भरा गया है. उनके अंदर की किसी शंका का समाधान करने उनके पास हमसे पहले ईसा वाले और इस्लाम वाले पहुँच जाते हैं. ये विष-बेल और न बढ़े इसकी जिम्मेदारी हमारी है. उनको बताइए कि हमारे हिन्दू समाज में जातियों का भेद नहीं था, लैंगिक असमानताएं नहीं थी. समाज के निचली पायदान पर बैठी शबरी माता के जूठे बेर खाने वाले श्रीराम के सखाओं में वानर वीर सुग्रीव थे तो निषाद राज केवट भी थे, हमारे महान सनातनी वैदिक सर्वहिन्दू समाज और हिंदुस्तान पर दुर्भाग्य की काली छाया उस दिन से पड़नी आरंभ हुई, जब विस्तारवाद की आकांक्षा वाले मजहबों का यहाँ पर पदार्पण हुआ, फिर अंग्रेजों ने हमारे धर्मग्रंथों सहित हमारे संस्कृति, हमारे संस्कारों का माखोल बनाना शुरू किया ओर रही सही कसर अंग्रेजों के जाने के बाद "ना हिन्दू, ना किसी ओर मजहब के" वस्तुतः रक्त मिश्रित – वर्णसंकर नस्ल की वंशवादी रीत सत्ता पर हावी हो गई। और इस घोर दुर्भाग्य का अंत भी तभी होगा। जब हम इन विस्तारवादियों, सत्तास्वार्थी वर्णसंकरोंं की चाल में नहीं आयें। धर्म जागरण में अपना वास्तविक सकारात्मक सहयोग करें ।

Thursday 17 May 2018

Most important formula of math

🙏🙏आपसे निवेदन है की ये मैसेज सभी छात्रो तक पहुँचाऐ     👍👍 👍👍
1. (α+в)²= α²+2αв+в²
2. (α+в)²= (α-в)²+4αв 
3. (α-в)²= α²-2αв+в²
4. (α-в)²= (α+в)²-4αв
5. α² + в²= (α+в)² - 2αв.
6. α² + в²= (α-в)² + 2αв.
7. α²-в² =(α + в)(α - в)
8. 2(α² + в²) = (α+ в)² + (α - в)²
9. 4αв = (α + в)² -(α-в)²
10. αв ={(α+в)/2}²-{(α-в)/2}²
11. (α + в + ¢)² = α² + в² + ¢² + 2(αв + в¢ + ¢α)
12. (α + в)³ = α³ + 3α²в + 3αв² + в³
13. (α + в)³ = α³ + в³ + 3αв(α + в)
14. (α-в)³=α³-3α²в+3αв²-в³
15. α³ + в³ = (α + в) (α² -αв + в²)
16. α³ + в³ = (α+ в)³ -3αв(α+ в)
17. α³ -в³ = (α -в) (α² + αв + в²)
18. α³ -в³ = (α-в)³ + 3αв(α-в)
ѕιη0° =0
ѕιη30° = 1/2
ѕιη45° = 1/√2
ѕιη60° = √3/2
ѕιη90° = 1
¢σѕ ιѕ σρρσѕιтє σƒ ѕιη
тαη0° = 0
тαη30° = 1/√3
тαη45° = 1
тαη60° = √3
тαη90° = ∞
¢σт ιѕ σρρσѕιтє σƒ тαη
ѕє¢0° = 1
ѕє¢30° = 2/√3
ѕє¢45° = √2
ѕє¢60° = 2
ѕє¢90° = ∞
¢σѕє¢ ιѕ σρρσѕιтє σƒ ѕє¢
2ѕιηα¢σѕв=ѕιη(α+в)+ѕιη(α-в)
2¢σѕαѕιηв=ѕιη(α+в)-ѕιη(α-в)
2¢σѕα¢σѕв=¢σѕ(α+в)+¢σѕ(α-в)
2ѕιηαѕιηв=¢σѕ(α-в)-¢σѕ(α+в)
ѕιη(α+в)=ѕιηα ¢σѕв+ ¢σѕα ѕιηв.
» ¢σѕ(α+в)=¢σѕα ¢σѕв - ѕιηα ѕιηв.
» ѕιη(α-в)=ѕιηα¢σѕв-¢σѕαѕιηв.
» ¢σѕ(α-в)=¢σѕα¢σѕв+ѕιηαѕιηв.
» тαη(α+в)= (тαηα + тαηв)/ (1−тαηαтαηв)
» тαη(α−в)= (тαηα − тαηв) / (1+ тαηαтαηв)
» ¢σт(α+в)= (¢σтα¢σтв −1) / (¢σтα + ¢σтв)
» ¢σт(α−в)= (¢σтα¢σтв + 1) / (¢σтв− ¢σтα)
» ѕιη(α+в)=ѕιηα ¢σѕв+ ¢σѕα ѕιηв.
» ¢σѕ(α+в)=¢σѕα ¢σѕв +ѕιηα ѕιηв.
» ѕιη(α-в)=ѕιηα¢σѕв-¢σѕαѕιηв.
» ¢σѕ(α-в)=¢σѕα¢σѕв+ѕιηαѕιηв.
» тαη(α+в)= (тαηα + тαηв)/ (1−тαηαтαηв)
» тαη(α−в)= (тαηα − тαηв) / (1+ тαηαтαηв)
» ¢σт(α+в)= (¢σтα¢σтв −1) / (¢σтα + ¢σтв)
» ¢σт(α−в)= (¢σтα¢σтв + 1) / (¢σтв− ¢σтα)
α/ѕιηα = в/ѕιηв = ¢/ѕιη¢ = 2я
» α = в ¢σѕ¢ + ¢ ¢σѕв
» в = α ¢σѕ¢ + ¢ ¢σѕα
» ¢ = α ¢σѕв + в ¢σѕα
» ¢σѕα = (в² + ¢²− α²) / 2в¢
» ¢σѕв = (¢² + α²− в²) / 2¢α
» ¢σѕ¢ = (α² + в²− ¢²) / 2¢α
» Δ = αв¢/4я
» ѕιηΘ = 0 тнєη,Θ = ηΠ
» ѕιηΘ = 1 тнєη,Θ = (4η + 1)Π/2
» ѕιηΘ =−1 тнєη,Θ = (4η− 1)Π/2
» ѕιηΘ = ѕιηα тнєη,Θ = ηΠ (−1)^ηα

1. ѕιη2α = 2ѕιηα¢σѕα
2. ¢σѕ2α = ¢σѕ²α − ѕιη²α
3. ¢σѕ2α = 2¢σѕ²α − 1
4. ¢σѕ2α = 1 − ѕιη²α
5. 2ѕιη²α = 1 − ¢σѕ2α
6. 1 + ѕιη2α = (ѕιηα + ¢σѕα)²
7. 1 − ѕιη2α = (ѕιηα − ¢σѕα)²
8. тαη2α = 2тαηα / (1 − тαη²α)
9. ѕιη2α = 2тαηα / (1 + тαη²α)
10. ¢σѕ2α = (1 − тαη²α) / (1 + тαη²α)
11. 4ѕιη³α = 3ѕιηα − ѕιη3α
12. 4¢σѕ³α = 3¢σѕα + ¢σѕ3α
🍄🍄🍄🍄🍄
» ѕιη²Θ+¢σѕ²Θ=1
» ѕє¢²Θ-тαη²Θ=1
» ¢σѕє¢²Θ-¢σт²Θ=1
» ѕιηΘ=1/¢σѕє¢Θ
» ¢σѕє¢Θ=1/ѕιηΘ
» ¢σѕΘ=1/ѕє¢Θ
» ѕє¢Θ=1/¢σѕΘ
» тαηΘ=1/¢σтΘ
» ¢σтΘ=1/тαηΘ
» тαηΘ=ѕιηΘ/¢σѕΘ 

"महत्वपूर्ण".. 
👇👇👇👇
9th,10th,11th,12th, गणित विषय के सारे फॉर्मूले है..
कृपया करके सभी बच्चों के parents को जरूर share करें और बच्चों को दिखाने को कहें। 

धन्यवाद 🙏
 साथियों बहुत महत्वपूर्ण जानकारी है उम्मीद करता हूं आखिर तक पढकर आगे पोस्ट करोगे.
» B. A. — Bachelor of Arts.
» M. A. — Master of Arts. »B.tech - Bachelor of Technology
» B. Sc. — Bachelor of Science
» M. Sc. — Master of Science
» B. Sc. Ag. — Bachelor of Science in Agriculture
» M. Sc. Ag. — Master of Science in Agriculture
» M. B. B. S. — Bachelor of Medicine and Bachelor of Surgery
» B.A.M.S- Bachelor of Ayurved Medicine and surgery
» M. D. — Doctor of Medicine
» M. S. — Master of Surgery
» Ph. D. / D. Phil. — Doctor of Philosophy (Arts & Science)
» D. Litt./Lit. — Doctor of Literature / Doctor of Letters
» D. Sc. — Doctor of Science
» B. Com. — Bachelor of Commerce
» M. Com. — Master of Commerce
» Dr. — Doctor
» B. P. — Blood Pressure
» Mr. — Mister
» Mrs. — Mistress
» M.S. — miss (used for female married & unmarried)
» Miss — used before unmarried girls)
» M. P. — Member of Parliament
» M. L. A. — Member of Legislative Assembly
» M. L. C. — Member of Legislative Council
» P. M. — Prime Minister
» C. M. — Chief Minister
» C-in-C — Commander-In-Chief
» L. D. C. — Lower Division Clerk
» U. D. C. — Upper Division Clerk
» Lt. Gov. — Lieutenant Governor
» D. M. — District Magistrate
» V. I. P. — Very Important  Person
» I. T. O. — Income Tax Officer
» C. I. D. — Criminal Investigation Department
» C/o — Care of
» S/o — Son of
» C. B. I. — Central Bureau of Investigation
» G. P. O. — General Post Office
» H. Q. — Head Quarters
» E. O. E. — Errors and Omissions Excepted
» Kg. — Kilogram
» KW. — Kilowatts
👉Gm. — Gram
👉Km. — Kilometer
👉Ltd. — Limited
👉M. P. H. — Miles Per Hour
👉KM. P. H. — Kilometre Per Hour
👉P. T. O. — Please Turn Over
👉P. W. D. — Public Works Department
👉C. P. W. D. — Central Public Works Department
👉U. S. A. — United States of America
👉U. K. — United Kingdom (England)
👉U. P. — Uttar Pradesh
👉M. P. — Madhya Pradesh
👉H. P. — Himachal Pradesh
👉U. N. O. — United Nations Organization
👉W. H. O. — World Health Organization
👉B. B. C. — British Broadcasting Corporation
👉B. C. — Before Christ
👉A. C. — Air Conditioned
👉I. G. — Inspector General (of Police)
👉D. I. G. — Deputy Inspector General (of Police)
👉S. S. P. — Senior Superintendent of Police
👉D. S. P. — Deputy Superintendent of Police
👉S. D. M. — Sub-Divisional Magistrate
👉S. M. — Station Master
👉A. S. M. — Assistant Station Master
👉V. C. — Vice-Chancellor
👉A. G. — Accountant General
👉C. R. — Confidential Report
👉I. A. S. — Indian Administrative Service
👉I. P. S. — Indian Police Service
👉I. F. S. — Indian Foreign Service or Indian Forest Service
👉I. R. S. — Indian Revenue Service
👉P. C. S. — Provincial Civil Service
👉M. E. S. — Military Engineering Service

☀Full Form Of Some technical Words
» VIRUS - Vital Information Resource Under Seized.
» 3G -3rd Generation.
» GSM - Global System for Mobile Communication.
» CDMA - Code Division Multiple Access.
» UMTS - Universal Mobile Telecommunication System.
» SIM - Subscriber Identity Module .
» AVI = Audio Video Interleave
» RTS = Real Time Streaming
» SIS = Symbian
OS Installer File
» AMR = Adaptive Multi-Rate Codec
» JAD = Java Application Descriptor
» JAR = Java Archive
» JAD = Java Application Descriptor
» 3GPP = 3rd Generation Partnership Project
» 3GP = 3rd Generation Project
» MP3 = MPEG player-3
» MP4 = MPEG-4 video file
» AAC = Advanced Audio Coding
» GIF= Graphic Interchangeable Format
» JPEG = Joint Photographic Expert Group
» BMP = Bitmap
» SWF = Shock Wave Flash
» WMV = Windows Media Video
» WMA = Windows Media Audio
» WAV = Waveform Audio
» PNG = Portable Network Graphics
» DOC =Document (Microsoft Corporation)
» PDF = Portable Document Format
» M3G = Mobile 3D Graphics
» M4A = MPEG-4 Audio File
» NTH = Nokia Theme (series 40)
» THM = Themes (Sony Ericsson)
» MMF =Synthetic Music Mobile Application File
» NRT = Nokia Ringtone
» XMF = Extensible Music File
» WBMP = Wireless Bitmap Image
» DVX = DivX Video
» HTML = Hyper Text Markup Language
» WML =Wireless Markup Language
» CD -Compact Disk.
» DVD - Digital Versatile Disk.
» CRT - Cathode Ray Tube.
» DAT - Digital Audio Tape.
» DOS - Disk Operating System.
» GUI -Graphical
User Interface.
» HTTP - Hyper Text Transfer Protocol.
» IP - Internet Protocol.
» ISP - Internet Service Provider.
» TCP - Transmission Control Protocol.
» UPS - Uninterruptible Power Supply.
» HSDPA -High Speed Downlink Packet Access.
» EDGE - Enhanced Data Rate for Evolution.
» GSM- [Global System for Mobile Communication]
» VHF - Very High Frequency.
» UHF - Ultra HighFrequency.
» GPRS - General Packet Radio Service.
» WAP - Wireless Application Protocol.
» TCP - Transmission Control Protocol.
» ARPANET - Advanced Research Project Agency Network.
» IBM - International Business Machines.
» HP - Hewlett Packard.
» AM/FM - Amplitude/ Frequency Modulation

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👉Here are Toll Free numbers in India 
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☀Airlines
Indian Airlines - 1800 180 1407
Jet Airways - 1800 225 522
Spice Jet - 1800 180 3333
Air India - 1800 227 722
Kingfisher -1800 180 0101
☀Banks
ABN AMRO - 1800 112 224
Canara Bank - 1800 446 000
Citibank - 1800 442 265
Corporation Bank - 1800 443 555
Development Credit Bank - 1800
225 769
HDFC Bank - 1800 227 227
ICICI Bank - 1800 333 499
ICICI Bank NRI -1800 224 848
IDBI Bank -1800 116 999
Indian Bank -1800 425 1400
ING Vysya -1800 449 900
Kotak Mahindra Bank - 1800 226
022
Lord Krishna Bank -1800 112 300
Punjab National Bank - 1800 122
222
State Bank of India - 1800 441 955
Syndicate Bank - 1800 446 655
☀Automobiles
Mahindra Scorpio -1800 226 006
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Windshield Experts - 1800 113 636
☀Computers / IT
Adrenalin - 1800 444 445
AMD -1800 425 6664
Apple Computers-1800 444 683
Canon -1800 333 366
Cisco Systems- 1800 221 777
Compaq - HP -1800 444 999
Data One Broadband - 1800 424
1800
Dell -1800 444 026
Epson - 1800 44 0011
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Genesis Tally Academy - 1800 444
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IBM - 1800 443 333
Lexmark - 1800 22 4477
Marshal's Point -1800 33 4488
Microsoft - 1800 111 100
Microsoft Virus Update - 1901 333
334
Seagate - 1800 180 1104
Symantec - 1800 44 5533
TVS Electronics-1800 444 566
WeP Peripherals-1800 44 6446
Wipro - 1800 333 312
Xerox - 1800 180 1225
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☀Indian Railways
General Enquiry 139
Central Enquiry 131
Reservation 139
Railway Reservation Enquiry 1345,
1335, 1330
Centralised Railway Enquiry 133, 1,
2, 4, 5, 6, 7, 8 & 9
Couriers / Packers &
Movers
ABT Courier - 1800 448 585
AFL Wizz - 1800 229 696
Agarwal Packers & Movers - 1800
114 321
Associated Packers P Ltd - 1800 214
560
DHL - 1800 111 345
FedEx - 1800 226 161
Goel Packers & Movers - 1800 11
3456
UPS - 1800 227 171
☀Home Appliances
Aiwa/Sony - 1800 111 188
Anchor Switches - 1800 227 7979
Blue Star - 1800 222 200
Bose Audio - 112 673
Bru Coffee Vending Machines - 1800
4 7171
Daikin Air Conditioners - 1800 444
222
DishTV - 1800 123 474
Faber Chimneys - 1800 214 595
Godrej - 1800 225 511
Grundfos Pumps - 1800 334 555
LG - 1901 180 9999
Philips - 1800 224 422
Samsung - 1800 113 444
Sanyo - 1800 110 101
Voltas - 1800 334 546

......FORWARD TO ALL GROUPS AND FRIEND'S.
*✨* VK *✨*
[06/03/2017].

   भारत के प्रमुख पदाधिकारी
●●●●●●●●●●●●●●●●
💕 * राष्ट्रपति
श्री Ramnath kobind
💕 * उप राष्ट्रपति pata nahi
💕 * प्रधान मंत्री
श्री नरेंद्र मोदी
💕 * लोकसभा अध्यक्ष
श्रीमती सुमित्रा महाजन
💕 * सर्वोच्च न्यायलय के मुख्य न्यायधीश
जस्टिस  जे०एस०खेहर
💕 * राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष
श्री  एच.एल.दत्तू
💕 * राष्ट्रीय महिला आयोग के अध्यक्ष
श्रीमती ललिता कुमार मंगलम
💕 * मुख्य चुनाव आयुक्त
श्री एस. एन. जैदी
💕 * अटार्नी जनरल
श्री मुकुल रोहतगी
💕 * सोलिसिटर जनरल
श्री रनजीत कुमार
💕 * राष्ट्रीय विधि आयोग के अध्यक्ष
श्री बलबीर सिंह चौहान
💕 * राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार
 श्री अजीत कुमार डोभाल

[राज्य] [मुख्यमंत्री] {Updated }
     -------------------------------------
[1] महाराष्ट्र-- देवेंद्र फड़नवीस
[2] हरियाणा--मनोहरलाल खट्टर
[3] झारखण्ड —-श्री रघुवर दास
[4] जम्मू और कश्मीर —– महबूबा मुफ्ती 
[5] हिमाचल प्रदेश —–वीरभद्र सिंह
[6] कर्नाटक —–के. सिद्धारमैया
[7] केरल —— पिनारायी विजयन
[8] मध्य प्रदेश -- शिवराज सिंह चौहान
[9] तेलंगाना -- चंद्रशेखर राव
[10] सीमांध्र - - चन्द्रबाबू नायडू
[11] अरुणाचल प्रदेश —-पेमा खांडु
[12] असम —- सरबानंद सोनवाल
[13] बिहार —– नीतीश कुमार
[14] छत्तीसगढ़ —-डॉ.रमन सिंह
[15] दिल्ली —arvind kejrival
[16] गोआ —– LakshmiKant 
                        Parsekar.
[17] पॉण्डिचेरी - - वी. नारायनस्वामी
[18] पंजाब- - प्रकाश सिंह बादल
[19] राजस्थान -वसुंधरा राजेसिंधिया
[20] सिक्किम - पवन कुमार चामलिंग
[21] तमिलनाडु- के. पलानीस्वामी
[22] त्रिपुरा- - - माणिक सरकार
[23] उत्तराखण्ड —— हरीश रावत
[24] उत्तर प्रदेश-  yogi ji
[25] पश्चिम बंगाल ——ममता बनर्जी,
[26] गुजरात —–विजय रुपानी
[27] मणिपुर —– ओकराम इबोई सिंह
[28] मेघालय —– मुकुल संगमा
[29] मिज़ोरम -- श्री लाल थानवाला
[30] नागालैण्ड —– शुरहोजेलइ लेइजेइत्सु 
[31] ओडिशा —– नवीन पटनायक  
🙏साथियों बहुत  महत्वपूर्ण जानकारी है उम्मीद करता हूं आगे जरूर पोस्ट करोगे    ✍   👌👌👌👌👌
💌💌💌💌  किसी के जीवन में आपके वजह से बहुत बड़ा काम हो जाये l
👉 फिजूल का संदेश तो रोजना भेजते हो लेकिन एक दिन अच्छा भेजो आपको बहुत सुकून मिलेगा।

Sunday 6 May 2018

हस्त मुद्रा से चिकित्सा

*हस्त मुद्रा से चिकित्सा भी और सिद्धि भी*

        यह मानव शरीर पृथ्वी,जल,अग्नि,आकाश तथा वायु, पंचतत्व से निर्मित है और हाथों की पांचों उंगलियों मेंअलग-अलग तत्व मौजूद है जैसे अंगूठे में अग्नि तत्व, तर्जनी उंगली में वायु तत्व,मध्यमा उंगली में आकाश तत्व और अनामिका उंगली में पृथ्वी और कनिष्का उंगली में जलतत्व मौजूद है।

 शरीर में जो ठोस है,वह पृथ्वीतत्व ,जो तरल या द्रव्य है वह जल तत्व,जो ऊष्मा गर्म  है वह अग्नि तत्व,जो प्रवाहित होता हैवह वायु तत्व और समस्त क्षिद्र आकाश तत्व है।

साधारणतया आहार विहार का असंतुलन इन पंचतत्वों के संतुलन को विखण्डित करता है और फलस्वरूप मनुष्य शरीर भांति भांति के रोगों से ग्रसित हो जाता है यूँ तो नियमित व्यायाम तथा संतुलित आहार विहार सहज स्वाभाविक रूप से काया को निरोगी रखने में समर्थ हैं , परवर्तमान के द्रुतगामी व्यस्ततम समय में कुछ तो आलस्यवश और कुछ व्यस्तता वश नियमित योग सबके द्वारा संभव नहीं हो पाता , परन्तु योग में कुछ ऐसे साधन हैं जिनमे न ही अधिकश्रम की आवश्यकता है और न ही अतिरिक्त समय की. इसे " मुद्रा चिकित्सा " कहते हैं ।

विभिन्न हस्तमुद्राओं से अनेक व्याधियों से मुक्ति संभव है यह परम् सत्य है आज का आधुनिक बिज्ञान भी इससे सहमत है।
जो चीज असम्भव है वह चीजे अध्यतम विज्ञान में सम्भव है।
        योग में आसन प्राणायाम, मुद्रा, बंध अनेक विभाग बनाए गए हैं। इसमे हस्त मुद्राओं का बहुत ही खास स्थान है। मुद्रा जितनी भी प्रकार की होती है उन्हे करने के लिए हाथों की सिर्फ10 ही उंगलियों का उपयोग होता है। 

उंगलियों से बनने वाली मुद्राओं में रोगों को दूर करने का राज छिपा हुआ है। हाथों की सारी उंगलियों में पांचों तत्व मौजूद होते हैं। 

मुद्रा और दूसरे योगासनों के बारे में बताने वाला सबसे पुराना ग्रंथ घेरण्ड संहिता है। 

हठयोग के इस ग्रंथ को महर्षि घेरण्ड ने लिखा था। इस ग्रंथ में योग के देवता भोले शंकर ने माता पार्वती से कहा है कि हे देवी, मैने तुम्हे मुद्राओं के बारें में ज्ञान दिया है सिर्फ इतने से ही ज्ञान से सारी सिद्धियां प्राप्त होती है।
          मुद्रा के द्वारा अनेक रोगों को दूर किया जा सकता है। उंगलियों के पांचों वर्ग पंच तत्वों के बारें में बताते हैं।

 जिससे अलग-अलग विद्युत धारा बहती है। इसलिये मुद्रा विज्ञान में जब उंगलियों का रोगानुसार आपसी स्पर्श करते हैं, तब विद्युत बहकर होकर शरीर में समाहित शक्ति जाग उठती है और हमारा शरीर निरोगी होने लगता है।
अँगुलियों को एक दुसरे से स्पर्श करते हुए स्थिति विशेष में इनकी जो आकृति बनती है,उसे मुद्राकहते हैं ।

 मुद्रा के द्वारा अनेक रोगों को दूर किया जा सकता है। उंगलियों के पांचों वर्ग पंचतत्वोंके बारें में बताते हैं। जिससे अलग-अलग विद्युत धारा बहती है। इसलिये मुद्रा विज्ञान में जबउंगलियों का रोगानुसार आपसी स्पर्श करते हैं, तब विद्युत बहकर होकर शरीर में समाहितशक्ति जाग उठती है और हमारा शरीर निरोगी होने लगता है। 

क्रमशः______🙏🕉

Bhagvat Geeta sar

*कृपया प्रश्नों के उत्तर कमेंट्स में दें*
आज का श्लोक : श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप -- 2.56
अध्याय 2: गीता का सार 
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.
दुःखेष्वनुद्विग्नमनाः सुखेषु विगतस्पृहः |
वीतरागभयक्रोधः स्थितधीर्मुनिरुच्यते || ५६ ||
.
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दुःखेषु – तीनों तापों में; अनुद्विग्न-मनाः – मन में विचलित हुए बिना; सुखेषु – सुख में; विगत-स्पृहः – रुचिरहित होने; वीत – मुक्त; राग – आसक्ति; क्रोधः – तथा क्रोध से; स्थित-धीः – स्थिर मन वाला; मुनिः – मुनि; उच्यते – कहलाता है |
.
.
जो त्रय तापों के होने पर भी मन में विचलित नहीं होता अथवा सुख में प्रसन्न नहीं होता और जो आसक्ति, भय तथा क्रोध से मुक्त है, वह स्थिर मन वाला मुनि कहलाता है |
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तात्पर्यः मुनि शब्द का अर्थ है वह जो शुष्क चिन्तन के लिए मन को अनेक प्रकार से उद्वेलित करे, किन्तु किसी तथ्य पर न पहुँच सके | कहा जाता है कि प्रत्येक मुनि का अपना-अपना दृष्टिकोण होता है और जब तक एक मुनि अन्य मुनियों से भिन्न न हो तब तक उसे वास्तविक मुनि नहीं कहा जा सकता | न चासा वृषि र्यस्य मतं न भिन्नम् (महाभारत वनपर्व ३१३.११७) किन्तु जिस स्थितधीः मुनि का भगवान् ने यहाँ उल्लेख किया है वह सामान्य मुनि से भिन्न है | स्थितधीः मुनि सदैव कृष्णभावनाभावित रहता है क्योंकि वह सारा सृजनात्मक चिन्तन पूरा कर चूका होता है वह प्रशान्त निःशेष मनोरथान्तर (स्तोत्र रत्न ४३) कहलाता है या जिसने शुष्कचिन्तन की अवस्था पार कर ली है और इस निष्कर्ष पर पहुँचा है कि भगवान् श्रीकृष्ण या वासुदेव ही सैम कुछ हैं (वासुदेवः सर्वमिति स महात्मा सुदुर्लभः) वह स्थिरचित्त मुनि कहलाता है | ऐसा कृष्णभावनाभावित व्यक्ति तीनों पापों के संघात से तनिक भी विचलित नहीं होता क्योंकि वह इन कष्टों (तापों) को भगवत्कृपा के रूप में लेता है और पूर्व पापों के कारण अपने को अधिक कष्ट के लिए योग्य मानता है और वह देखता है कि उसके सारे दुख भगवत्कृपा से रंचमात्र रह जाते हैं | इसी प्रकार जब वह सुखी होता है तो अपने को सुख के लिए अयोग्य मानकर इसका भी श्री भगवान् को देता है | वह सोचता है कि भगवत्कृपा से ही वह ऐसी सुखद स्थिति में है और भगवान् की सेवा और अच्छी तरह से कर सकता है | वह राग या विराग से प्रभावित नहीं होता | राग का अर्थ होता है ऐसी एंद्रिय आसक्ति का अभाव | किन्तु कृष्णभावनाभावित में स्थिर व्यक्ति में न राग होता है न विराग क्योंकि उसका पूरा जीवन ही भगवत्सेवा में अर्पित रहता है | फलतः सारे प्रयास असफल रहने पर भी वह क्रुद्ध नहीं होता | चाहे विजय हो य न हो, कृष्णभावनाभावित व्यक्ति अपने संकल्प का पक्का होता है |
.
प्रश्न १ : एक कृष्णभावनाभावित व्यक्ति त्रय तापों से क्यों विचलित नहीं होता तथा अपने संकल्प में किस प्रकार पक्का बना रहता है ?

Thursday 3 May 2018

How identify brain stroke in hindi

डा महेश सिन्हा की एक बहुत उपयोगी पोस्ट ---
मस्तिष्क आघात के मरीज़ को कैसे पहचानें? 

मस्तिष्क आघात --जी वही, जिसे कईं बार ब्रेन-स्ट्रोक भी कह दिया जाता है अथवा आम भाषा में दिमाग की नस फटना या ब्रेन-हैमरेज भी कह देते हैं।
इस के बारे में पोस्ट डाक्टर साहब लिखते हैं ---- 

एक पार्टी चल रही थी, एक मित्र को थोड़ी ठोकर सी लगी और वह गिरते गिरते संभल गई और अपने आस पास के लोगों को उस ने यह कह कर आश्वस्त किया कि सब कुछ ठीक है, बस नये बूट की वजह से एक ईंट से थोड़ी ठोकर लग गई थी। (आस पास के लोगों ने ऐम्बुलैंस बुलाने की पेशकश भी की).
साथ में खड़े मित्रों ने उन्हें साफ़ होने में उन की मदद की और एक नई प्लेट भी आ गई। ऐसा लग रहा था कि इन्ग्रिड थोड़ा अपने आप में नहीं है लेकिन वह पूरी शाम पार्टी तो एकदम एन्जॉय करती रहीं। बाद में इन्ग्रिड के पति का लोगों को फोन आया कि कि उसे हस्पताल में ले जाया गया लेकिन वहां पर उस ने उसी शाम को दम तोड़ दिया।

दरअसल उस पार्टी के दौरान इन्ग्रिड को ब्रेन-हैमरेज हुआ था --अगर वहां पर मौजूद लोगों में से कोई इस अवस्था की पहचान कर पाता तो आज इन्ग्रिड हमारे बीच होती।

ठीक है ब्रेन-हैमरेज से कुछ लोग मरते नहीं है --लेकिन वे सारी उम्र के लिये अपाहिज और बेबसी वाला जीवन जीने पर मजबूर तो हो ही जाते हैं।

जो नीचे लिखा है इसे पढ़ने में केवल आप का एक मिनट लगेगा ---

स्ट्रोक की पहचान ---

एक न्यूरोलॉजिस्ट कहते हैं कि अगर स्ट्रोक का कोई मरीज़ उन के पास तीन घंटे के अंदर पहुंच जाए तो वह उस स्ट्रोक के प्रभाव को समाप्त (reverse)भी कर सकते हैं---पूरी तरह से। उन का मानना है कि सारी ट्रिक बस यही है कि कैसे भी स्ट्रोक के मरीज़ की तुरंत पहचान हो, उस का निदान हो और उस को तीन घंटे के अंदर डाक्टरी चिकित्सा मुहैया हो, और अकसर यह सब ही अज्ञानता वश हो नहीं पाता।

स्ट्रोक के मरीज़ की पहचान के लिये तीन बातें ध्यान में रखिये --और इस से पहले हमेशा याद रखिये ----STR.

डाक्टरों का मानना है कि एक राहगीर भी तीन प्रश्नों के उत्तर के आधार पर एक स्ट्रोक के मरीज की पहचान करने एवं उस का बहुमूल्य जीवन बचाने में योगदान कर सकता है.......इसे अच्छे से पढ़िये और मन में बैठा लीजिए --

S ---Smile आप उस व्यक्ति को मुस्कुराने के लिये कहिए।

T-- talk उस व्यक्ति को कोई भी सीधा सा एक वाक्य बोलने के लिये कहें जैसे कि आज मौसम बहुत अच्छा है।

R --- Raise उस व्यक्ति को दोनों बाजू ऊपर उठाने के लिये कहें।

अगर इस व्यक्ति को ऊपर लिखे तीन कामों में से एक भी काम करने में दिक्कत है , तो तुरंत ऐम्बुलैंस बुला कर उसे अस्पताल शिफ्ट करें और जो आदमी साथ जा रहा है उसे इन लक्षणों के बारे में बता दें ताकि वह आगे जा कर डाक्टर से इस का खुलासा कर सके।

नोट करें ---- स्ट्रोक का एक लक्षण यह भी है --

1. उस आदमी को जिह्वा (जुबान) बाहर निकालने को कहें।
2. अगर जुबान सीधी बाहर नहीं आ रही और वह एक तरफ़ को मुड़ सी रही है तो भी यह एक स्ट्रोक का लक्षण है।

एक सुप्रसिद्ध कार्डियोलॉजिस्ट का कहना है कि अगर इस ई-मेल को पढ़ने वाला इसे आगे दस लोगों को भेजे तो शर्तिया तौर पर आप एक बेशकीमती जान तो बचा ही सकते हैं ....
और यह जान आप की अपनी भी हो सकती है -।