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Wednesday, 29 July 2015

पैसा एक ही भाषा बोलता है,

पैसा  एक  ही  भाषा  बोलता  है,
अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..
"कल"  मै तुम्हे  बचा  लूंगा
"पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाऊंगा पर जब तक मै नीचे हो
तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा.."
Truth of life👌👍

Sunday, 7 June 2015

Radha Krishna. एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।

एक दिन रुक्मणी ने भोजन के बाद श्री कृष्ण को दूध पीने को दिया।दूध ज्यदा गरम होने के कारण
श्री कृष्ण के हृदय में लगा और उनके श्रीमुख से निकला हे राधे !

सुनते ही रुक्मणी बोली प्रभु! ऐसा क्या है राधा जी में ,जो आपकी हर साँस पर उनका ही नाम होता है।मैं भी तो आपसे अपार प्रेम करती हूँ; फिर भी आप हमें नहीं पुकारते।

श्री कृष्ण ने कहा -देवी!आप।कभी राधा से मिली हैं ?और मंद मंद मुस्काने लगे।

अगले दिन रुक्मणी राधाजी से मिलने उनके महल में पहुंची ।राधाजी के कक्ष के बाहर अत्यंत खूबसूरत स्त्री को देखा और उनके मुख पर तेज होने कारण उसने सोचा कि ये ही राधाजी है और उनके चरण छुने लगी; तभी वो बोली -आप कौन हैं ?

तब रुक्मणी ने अपना परिचय दिया और आने का कारण बताया ;तब वो बोली मैं तो राधा जी की दासी हूँ।राधाजी तो सात द्वार के बाद आपको मिलेंगी ।

रुक्मणी ने सातो द्वार पार किये और हर द्वार पर एक से एक सुन्दर और तेजवान दासी को देख सोच रही थी क़ि अगर उनकी दासियाँ इतनी रूपवान हैं तो राधारानी स्वयं कैसी
होंगी ?सोचते हुए राधाजी के कक्ष में पहुंची।कक्ष में राधा जी को देखा ,अत्यंत रूपवान तेजस्वी जिसका मुख सूर्य से भी तेज चमक रहा था।
रुक्मणी सहसा ही उनके चरणों में गिर पड़ी पर ये क्या राधा जी के पैरो पर तो छाले पड़े हुए है।रुक्मणी ने पूछा देवी आपके पैरो में छाले कैसे ?
तब राधा जी ने कहा देवी कल आपने कृष्णजी को जो दूध दिया, वो ज्यदा गरम था; जिससे उनके ह्रदय पर छाले पड गए और उनके ह्रदय में तो सदैव मेरा ही वास होता है।
- जय श्री कृष्ण इसलिए कहा जाता है
बसना हो तो ह्रदय में बसो किसी के
दिमाग में तो लोग खुद ही बसा लेते है ।

जय हो । राधा राणी की जय

Saturday, 6 June 2015

गंगा में डुबकी लगाकर,तीर्थ किए हज़ार।

👉💎 गंगा में डुबकी लगाकर,तीर्थ किए हज़ार।
इनसे क्या होगा,अगर बदले नहीँ विचार।


👉💎 "इस दुनियाँ के हर शख्स को नफरत है "झूठ" से...
मैं परेशान हूँ ये सोचकर, कि फिर ये "झूठ" बोलता कौन है"।

👉💎 "निंदा "तो उसी की होती है
जो"जिंदा" है।
मरे हुए कि तो बस तारीफ ही होती हैं।

👉💎 महसूस जब हुआ कि सारा शहर,
मुझसे जलने लगा है,
तब समझ आ गया कि अपना नाम भी,
चलने लगा है”…

👉💎 सदा उनके कर्जदार रहिये जो आपके लिए कभी खुद का वक्त नहीं देखता है,
और
सदा उनसे वफ़ादार रहिये जो व्यस्त होने के बावजूद भी आपके लिए वक़्त निकालता है।

👉💎 मोक्ष  का  एक  ही  मार्ग  है।
         और  वह  बिल्कुल  सीधा  ही  है।
            अब
मुशकिल   उन्हें  होती  है।
       जिनकी  चाल  ही  टेड़ी  है।

👉💎 हम जब दिन की शुरुआत करते है,
तब लगता है की, पैसा ही जीवन है ..
लेकिन, जब शाम को लौट कर घर आते है,
तब लगता है, शान्ति ही जीवन है ।

👉💎 फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते है ,
सुखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते ।
कदर किरदार की होती है… वरना…
कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है.......

👉💎 पानी मर्यादा तोड़े तो "विनाश"
                          "और"
         वाणी मर्यादा तोड़े तो "सर्वनाश"

इसलिए हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखो।🙏

Monday, 1 June 2015

सुबह का मतलब केवल सूर्योदय नहीं होता,

सुबह का मतलब केवल 
             सूर्योदय नहीं होता,
    यह  सृष्टि की खूबसूरत घटना है
       जहां अंधकार को मिटाकर
सूरज नई उम्मीदों का उजाला फैलाता है            🌿🌹🌷🌞🌿🌹🌷🍀🌺🌴🌱🌿🌼🌻🌸🌺
           बिंदास मुस्कुराओ क्या ग़म हे,..
         ज़िन्दगी में टेंशन किसको कम हे..
          अच्छा या बुरा तो केवल भ्रम हे..
   जिन्दगी का नाम ही कभी ख़ुशी कभी गम हैं ।
       🌴G⭕⭕D🌴             🌴〽⭕➰N❗NG🌴👍

Wednesday, 6 May 2015

वाणी मर्यादा तोड़े तो "सर्वनाश" इसलिए हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखो।

गंगा में डुबकी लगाकर,तीर्थ किए हज़ार।
इनसे क्या होगा,अगर बदले नहीँ विचार।


"इस दुनियाँ के हर शख्स को नफरत है "झूठ" से...
मैं परेशान हूँ ये सोचकर, कि फिर ये "झूठ" बोलता कौन है"।

"निंदा "तो उसी की होती है जो"जिंदा" है।
मरे हुए कि तो बस तारीफ ही होती हैं।

महसूस जब हुआ कि सारा शहर, मुझसे जलने लगा है,
तब समझ आ गया कि अपना नाम भी, चलने लगा है”

सदा उनके कर्जदार रहिये जो आपके लिए कभी खुद का वक्त नहीं देखता है,
और सदा उनसे वफ़ादार रहिये जो व्यस्त होने के बावजूद भी आपके लिए वक़्त निकालता है।

मोक्ष का एक ही मार्ग है। और
वह बिल्कुल सीधा ही है।अब मुशकिल उन्हें होती है। जिनकी चाल ही टेड़ी है।

हम जब दिन की शुरुआत करते है,
तब लगता है की, पैसा ही जीवन है ..
लेकिन, जब शाम को लौट कर घर आते है,
तब लगता है, शान्ति ही जीवन है ।

फलदार पेड़ और गुणवान व्यक्ति ही झुकते है ,
सुखा पेड़ और मुर्ख व्यक्ति कभी नहीं झुकते । कदर किरदार की होती है… वरना…
कद में तो साया भी इंसान से बड़ा होता है......

पानी मर्यादा तोड़े तो "विनाश"
"और"
वाणी मर्यादा तोड़े तो "सर्वनाश"
इसलिए हमेशा अपनी वाणी पर संयम रखो।