Sunday, 24 September 2017

रिफ्यूजी समस्या-रोहिग्या मुस्लिम

*रिफ्यूजी समस्या-रोहिग्या मुस्लिम*
©HinduSwabhiman

भारत मे इनकी जनसँख्या लीगल रूप से 40000 है 
ये मैं 5 वर्ष से सुन रहा है ये न बढ़े न घटे

ऐसा क्यों..??
अभी अर्थात सितम्बर 2017 में रोहिज्ञाओ की 16000 गर्भ से है।

और 5 वर्षो में क्या इन रोहिग्यो के बच्चे नही हुए होंगे...??

Dainik Bharat की रिपोर्ट के अनुसार इनकी संख्या 400% की रफ्तार से बढ़ रही है।
तो ये अकड़ा क्यों नही बढ़ाया जा रहा है..??

आइये शुरुआत खुद से करे
अब से रोहिग्या शरणार्थी 40,000 नही 6 लाख कहिए।
रोहिज्ञाओ की जनसांख्या 6 लाख को पार कर गयी है।

अगर इन्हें रोका नही गया तो यह जल्द ही 1 करोड़ का अकड़ा छुएंगे
और भारत के सभी छोटे व्यापार
बाल काटना पंचर बनाना कबाड़ जैसे हजारो व्यापार भारत के गरीब हिन्दुओ से छीनेंगे
और तो और मजदूरी को सस्ता करेंगे मरेगा कौन मात्र Hindu

©HinduSwabhiman
     9415882489

Battle of Chamkaur

*क्या आप जानते हैं विश्व की सबसे मंहंगी ज़मीन सरहिंद, जिला फतेहगढ़ साहब (पंजाब) में है, जो मात्र 4 स्क्वेयर मीटर है।*

क्यों हुई ये छोटी सी ज़मीन सबसे महंगी? जरूर जानिये - रोंगटे खड़े कर देनें वाली ऐतिहासिक घटना।

*यहां पर श्री गुरु गोविंद सिंह जी क दोे छोटे साहिबजादों का अंतिम संस्कार किया गया था।*

*सेठ दीवान टोडर मल ने यह ज़मीन 78000 सोने की मोहरें (सिक्के) दे कर मुस्लिम बादशाह से खरीदी थी। सोने की कीमत के मुताबिक इस 4 स्कवेयर मीटर जमीन की कीमत 2500000000 (दो अरब पचास करोड़)💰💰💰 बनती है।* 

दुनिया की सबसे मंहंगी जगह खरीदने का रिकॉर्ड सिख धर्म के इतिहास में दर्ज करवाया गया है। आजतक दुनिया के इतिहास में इतनी मंहंगी जगह कहीं नही खरीदी गयी।

और....दुनिया के इतिहास में ऐसा युद्ध ना कभी किसी ने पढ़ा होगा ना ही सोचा होगा, जिसमे *10 लाख की फ़ौज का सामना* महज *42 लोगों के साथ हुआ* था और *जीत* किसकी होती है..??
*उन 42 सूरमो की !*

यह युद्ध *'चमकौर युद्ध' (Battle of Chamkaur)* के नाम से भी जाना जाता है जो कि मुग़ल योद्धा वज़ीर खान की अगवाई में 10 लाख की फ़ौज का सामना सिर्फ 42 सिखों से, 6 दिसम्बर 1704 को हुआ जो कि गुरु गोबिंद सिंह जी की आज्ञा से तैयार हुए थे !

नतीजा यह निकलता है की उन *42 शूरवीरों की जीत होती है और हिंदुस्तान में मुग़ल हुकूमत की नींव, जो बाबर ने रखी थी, उसे जड़ से उखाड़ दिया गया।*

*औरंगज़ेब ने भी उस वक़्त गुरु गोविंद सिंह जी का लोहा माना और घुटने टेक दिए और ऐसे मुग़ल साम्राज्य का अंत हुआ।*

*औरंगजेब* की तरफ से एक प्रश्न किया गया *गुरु गोविंद सिंह जी* से, कि यह *कैसी फ़ौज तैयार की आपने जिसने 10 लाख की फ़ौज को उखाड़ फेंका?*

*गुरु गोविंद सिंह जी* ने जवाब दिया,

_*"चिड़ियों 🐥से मैं बाज 🦅 लडाऊ,*_
_*गीदड़ों 🐺को मैं शेर 🦁 बनाऊं*_
_*सवा लाख से एक लडाऊं,*_
_*तभी गोविंद सिंह नाम कहाउँ !!"*_ 🙏

*गुरु गोविंद सिंह जी ने जो कहा वो किया और जिन्हें आज हर कोई शीश झुकता है। यह है हमारे भारत की अनमोल विरासत जिसे कभी पढ़ाया ही नहीं जाता!* 

अगर आपको यकीन नहीं होता तो एक बार जरूर Google में लिखे *'बैटल ऑफ़ चमकौर'* और सच आपको स्वयं पता लग जाएगा।

आपको अगर ये लेख थोड़ा सा भी अच्छा लगा हो और आपको *भारतीय होने पर गर्वान्वित* करता हो तो ज़रूर इसे आगे शेयर करें जिससे हमारे देश के *गौरवशाली इतिहास* के बारे में दुनिया को पता लगे !

_***कुछ आगे ***_

*चमकौर साहिब की जमीन, आगे चलकर, एक समृद्ध सिख ने खरीदी। उस को इसके इतिहास का कुछ पता नहीं था। जब पता चला कि यहाँ गुरु गोविंद सिंह जी के दो बेटे शहीद हुए थे, तो उन्होंने यह ज़मीन गुरु महाराज जी के बेटों की यादगार ( गुरुद्वारा साहिब) के लिए देने का मन बनाया।*

*जब अरदास करने के समय उस सिख से पूछा गया कि अरदास में उनके लिए गुरु साहिब से क्या विनती करनी है ....तो उस सिख ने कहा के गुरु जी से विनती करनी है कि मेरे घर कोई औलाद ना हो ताकि मेरे वंश में कोई भी यह कहने वाला ना हो कि यह ज़मीन मेरे बाप दादा ने दी है।*
 *वाहेगुरु...*  🙏

*और यही अरदास हुई और बिलकुल ऐसा ही हुआ कि उन सिख के घर कोई औलाद नहीं हुई।* 

*अब हम अपने बारे में सोचें*
*50....100 रु. दे कर क्या क्या माँगते हैं।*

*_वाहेगुरु जी का खालसा,_* 🙏
_*वाहेगुरु जी की फतेह।*_ 🙏

Khas khabar

#खबर : - दिल्ली जामा मस्जिद का इमाम  बुखारी ने रोहिंग्या आतंकियों के पक्ष मे और म्यांमार के बौद्धों के खिलाफ मुस्लिम देशों के नाम एक खत लिखा है । 
................ इस खत मे उसने 57 मुस्लिम देशों को एकजुट होकर बौद्धों को सबक सिखाने की बात कर रहा है । .... जी हाँ 57 ।
..... अब आप सोंच रहे होंगे कि मुस्लिम देशों की संख्या तो 56 हैं तो ये 57वाँ देश कहाँ से आ गया ?? 
............................ नहीं समझे ??? कैसे समझोगे ?? अभी तो आप भाईचारा भाईचारा खेलने मे वयस्त हैं । 
** आपकी निष्क्रियता का हीं नतीजा है कि ये जेहादी लोग अब सरेआम भारत को इस्लामिक देश बोलने लगे हैं । पिछली जेहादी परस्त सरकार ने इन जेहादियों के हौंसले इतने बुलंद कर दिए हैं कि ये भारत को भी अघोषित इस्लामिक देश मानने लगे हैं । 
................... और तभी तो इमाम बुखारी कभी सऊदी को खत लिखता है , कभी , यूएन को , तो कभी आतंकवादियों को ।
.............................. आज भारतीय मुसलमान रोहिंग्या मुसलमानों को काश्मीर मे शरण देने की पैरवी कर रहे हैं ,, उस काश्मीर मे जहाँ किसी अन्य भारतीय को भी बसने की इजाजत नहीं है । 
.......................... रोहिंग्या जेहादियों को शरण देने के पैरवीकार देश के गद्दार ये मुस्लिम लोग सीधे तौर पर ये संदेश नहीं दे रहे कि देश की सुरक्षा इनके लिए कोई मायने नहीं रखती ?? इनके लिए अपने मजहब के आतंकियों के लिए आवाज उठाना पहले आता है ?? 
...................... जरा सोंचिए ,, कि जिन रोहिंग्याओं ने अहिंसा को मूलमंत्र समझने वाले शांतिप्रिय बौद्धों को हथियार उठाने पर विवश कर दिया ..... वो हम असहिष्णु हो चुके हिन्दुओं के साथ शांतिपूर्ण तरीके से रह सकते हैं ??? ............ समझ जाईए इस खेल को ! मीडिया के कैमरे उनके बूढ़े , बच्चे , औरतों के आँसू दिखाकर सहानुभूति जुटाने की कोशिश कर रहे हैं । रोहिंग्याओं के बारे मे कहीं पढ़ लीजिए फिर समझ आएगा कि वो क्या हैं ?? वो भारत मे शरण लेने को नहीं बल्कि गजवा ए हिन्द के सिपाही बनकर आए हैं ,,,,, जिसकी पुष्टि आतंकी मूसा ने भी कर दी है .....

वन्देमातरम

Friday, 22 September 2017

रोहिगंया मुस्लिम भारत छोडो

#रोहिगंया_मुस्लिम_भारत_छोडो
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तैयार रहो वर्ना तुम्हारा नंबर भी आने वाला है।
रोहंगीया मुसलमान खाते है इंसानो का मीट। भगाओ इन नरभक्षीयों, नरपिशाचों, दरिंदो को..😠😠
40, 50 साल बाद जब हम लोग लाठी लेकर चल रहे होंगे ओर हमारे बच्चे बकरों ओर मुर्गो की तरह काटे जा रहे होंगे तो वही दिन होगा जब हमारे बच्चे और पोते हमे सिर्फ डरपोक कायर, नामर्द कहकर बुलाएंगे और हमारे पास कोई जबाब नही होगा सिर्फ उनकी गाली सुनने और शर्म से सर झुकाने के, क्योंकि ये प्रकति का नियम है।
अगर सांप ओर नेवले में एक कोई एक किसी दूसरे का निवाला बनता है। अगर चाहते हो कि निवाला न बनो ओर भूख के लिए मर मिट के भी जीतना है तो शस्त्र उठाना पड़ेगा। जहाँ देश, सेना, धर्म, माँ और खुद पर आंच आये वहाँ या तो मर जाओ या मार दो। मैं भी इस नियम को अनुसरण करता हूँ।

कुछ फ़ोटो डाल रहा हूँ अगर इन्हें देख कर भी रक्त उबाल न मारे तो अपनी माँ बहिन से चूड़ी मांग कर पहन लेना।
कुछ मत करो बस धर्म की रक्षा करो। रोहंगिया मुस्लिमो को सभी इस्लामिक देश जानते है के ये इंसानो का गोश खाते है इसलिए इनको अलग से मयमार में बसाया गया था। म्यामार में बोधियो को मार मार कर खाने वाले ये दरिंदे कहि पाकिस्तान और बांग्लादेश में भी वहाँ के मुस्लिमो को मारकर खाना न शुरू कर दे इसलिए दोनों देशो ने रोहंगिया मुस्लिमो के प्रवेश पर रोक लगा दी और सीमा पर देखते ही गोली मारने के आदेश जारी कर दिए। पाकिस्तान और बांग्लादेश की सरकारे सुप्रीम कोर्ट ने un में हलफनामा दायर कर चुकी है के हम रोहंगिया मुस्लिमो को शरण नही दे सकते क्योंकि ये लोग इंसान का मांस खाते है। इसके लिए उन्होंने पुरे सबूत un में रख दिए है।

म्यामार के बोधि ही कब तक इनको अपने बच्चों का बूढो का मांस खिलाते सो उन्होंने इनको देश से भगाने का फैंसला कर ही लिया। मानवता और मानवाधिकार गए भाड़ में हमको अपनी जान बचानी है ये देश बचाना है। हमारी मीडिया अंधी है, मानवाधिकार अँधा है, सेक्युलर अंधे है, कोर्ट अंधी है और वे सभी राजनीतिक दल अंधे है जो इन रोहंगिया मुस्लिमो के पक्ष में खड़े है इनको भारत में शरण देने की वकालत कर रहे है। भारत का मुसलमान इन रोहंगियो का सबसे बड़ा शुभचिंतक बन रहा है। ये रोहंगिया मूल रूप से बांग्लादेशी है और इनके खान पान वह इन व्यवहार को देखते हुए बांग्लादेश ने भी इनको अपने देश में जगह देने से इंकार कर दिया। आओ इस देश के लोगो को जागरूक करे ताकि हम लोग इनकी तलवार चाकू की भूख से बच सके। इनकी भुख का निवाला हिन्दू ही नही मुस्लिम भी बनेगा। भारत में जिन मुस्लिमो ने इनको अपने घरो में जगह दी वो जल्द ही परिणाम भुगतेंगे।

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Bachpan ki vo yaadein

*कभी हम भी.. बहुत अमीर हुआ करते थे* *हमारे भी जहाज.. चला करते थे।*

*हवा में.. भी।*
*पानी में.. भी।*

*दो दुर्घटनाएं हुई।*
*सब कुछ.. ख़त्म हो गया।*

                *पहली दुर्घटना* 

जब क्लास में.. हवाई जहाज उड़ाया।
टीचर के सिर से.. टकराया।
स्कूल से.. निकलने की नौबत आ गई।
बहुत फजीहत हुई।
कसम दिलाई गई।
औऱ जहाज बनाना और.. उडाना सब छूट गया।

                 *दूसरी दुर्घटना*

बारिश के मौसम में, मां ने.. अठन्नी दी।
चाय के लिए.. दूध लाना था।कोई मेहमान आया था।
हमने अठन्नी.. गली की नाली में तैरते.. अपने जहाज में.. बिठा दी।
तैरते जहाज के साथ.. हम शान से.. चल रहे थे।
ठसक के साथ।
खुशी खुशी।
अचानक..
तेज बहाब आया।
और..
जहाज.. डूब गया।

साथ में.. अठन्नी भी डूब गई।
ढूंढे से ना मिली।

मेहमान बिना चाय पीये चले गये।
फिर..
जमकर.. ठुकाई हुई।
घंटे भर.. मुर्गा बनाया गया।
औऱ हमारा.. पानी में जहाज तैराना भी.. बंद हो गया।

आज जब.. प्लेन औऱ क्रूज के सफर की बातें चलती हैं , तो.. उन दिनों की याद दिलाती हैं।

वो भी क्या जमाना था !

और..
आज के जमाने में..
मेरे बेटे ने...   
पंद्रह हजार का मोबाइल गुमाया तो..

मां बोली ~ कोई बात नहीं ! पापा..
दूसरा दिला देंगे।

हमें अठन्नी पर.. मिली सजा याद आ गई।

फिर भी आलम यह है कि.. आज भी.. हमारे सर.. मां-बाप के चरणों में.. श्रद्धा से झुकते हैं।

औऱ हमारे बच्चे.. 'यार पापा ! यार मम्मी !
कहकर.. बात करते हैं।
हम प्रगतिशील से.. प्रगतिवान.. हो गये हैं।

कोई लौटा दे.. मेरे बीते हुए दिन।।
         
🙏

Wednesday, 20 September 2017

Helmet for safety

परिवार में शादी के जबरदस्त दबाव के चलते मुझे शादी के लिए एक सुंदर लड़की से मिलवाया गया...

मिलने के बाद लड़की ने मेरी सरकारी नौकरी को नापसंद करते हुए मुझे Reject कर दिया...
मैंने खिसियाते हुए बोला कि तुम गलती कर रही हो, देखना 5 साल बाद यही नौकरी मुझे कितना ऊपर ले जाएगी।

अलबत्ता, एक साल बाद मेने दूसरी लड़की से शादी कर ली।

5 साल बाद...

मैने उसी खूबसूरत लड़की को अपने पति के साथ Brand New Audi कार में एक ट्रैफिक सिग्नल पर देखा। उस समय मैं अपनी Activa को किक मार रहा था क्योंकि उसकी बैटरी काम नही कर रही थी,
उसने अपनी कार से मेरी तरफ देखा लेकिन Helmet पहने होने से वह मुझे नही पहचान सकी और दूसरी तरफ देखने लगी।🤔

उस समय मुझे हेलमेट की अहमियत का एहसास हुआ।

इसलिए अपनी सेफ्टी के लिए Helmet हमेशा पहने।
😂🤣🤣😂
Issued in Public Interest

Tuesday, 19 September 2017

नरेंद्र मोदी

" विचारार्थ "

बीजेपी इसलिये सत्ता में नहीं आयी के इसके अधिकतम नेता साधू हैं बल्कि इसलिए सत्ता पायी है क्योंcकि कांग्रेस के अधिकतम नेता चोर और कुकर्मी हैं।
मैं मोदी जी के किसी भी कदम की आलोचना नहीं करता हूँ, भले ही वो फौरी तौर पर गलत ही क्यों न हों?

सोचिए अटल जी की सरकार गिरा कर हमने क्या पा लिया था, और मोदी जी को गिरा कर
हम क्या पा लेंगे ?

हमारे पूर्वजों की गलतियों की सजा तो हमने पाई और अब मोदी जी की आलोचना कर के हमें भी वही गलती की पुनरावर्ती नहीं होने देनी है.

स्वयं और सम्पूर्ण समाज को जगाना ही अब सर्वोपरी धर्म होगा अन्यथा विनाश होना निश्चित होगा ।

जेएनयू मामले पर कुछ मूर्ख कट्टर हिन्दू ही मोदी जी की टाँग खींच रहे थे मगर मोदी किन परिस्थितियों से लड़ रहे हैं इसका किसी को भी अंदाज़ा ही नहीं है।

वो आदमी ये सब किसके लिए कर रहा है, कौन है आगे पीछे?
मोदी से अगर किसी को कुछ फायदा है तो वो सिर्फ हमें हैं, हमारे बड़े होते बच्चों को है और आने वाली पीढ़ी को है। 

इसलिये हर परिस्थिति में मोदी का साथ देना है। अभी वक़्त अंपायर बनने का नहीं कट्टर समर्थक बने रहने का है। 2019 का चुनाव जिताने के बाद 2021 से हमें हर सवाल का जवाब बिना मांगे ही मिलने लगेगा। 

60 बरसों की गंदगी 5 सालों में साफ़ नहीं होगी फिर भी मोदी जिस रफ्तार से सभी चुनौतियों से निपटते हुए काम कर रहे हैं ये किसी साधारण आदमी के बस
की बात नहीं हैं।

आज मुझे ये कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं कि मोदी जी कुछ दिव्य गुणों से लबरेज़ हैं, ईश्वर ने एक महान् नेता हमें दिया है। इस नेता को अगर हमने।पूरी ताक़त से साथ नहीं दिया तो हम अपने बच्चों से कभी नज़रें नहीं मिला पाएंगे।

न्यायपालिका, मीडिया, नौकरशाही हर क्षेत्र को कांग्रेस ने भ्रष्टाचार के खाद पानी से उसकी जड़ें बहुत गहरे तक जमाकर देश
की नींव को खोखला कर दिया है। देश की अर्थव्यवस्था, विकास की रफ़्तार को बीमार, बेहद बीमार कर दिया है। किसी भी कदम की सूचना तुरंत कांग्रेस के पास पहुँच जाती है। 

विरोधियों और भीतरघातियों से निपटना आसान नहीं है। साथ साथ विकास की रफ़्तार को बनाये रखना बड़ी चुनौती है।
व्यापार चौपट हो जाने पर उसे फिर से सँभालने, ज़माने में ही बरसों लग जाते हैं। फिर यहाँ तो पूरा देश, पूरा सिस्टम ही चौपट है। 

बीमारी गंभीर है और इसकी कई बड़ी सर्जरी करनी पड़ेगी, वक़्त लगेगा, पूरी ताक़त से मोदी जी
का साथ देना होगा, सेवा करनी होगी, धैर्य और विश्वास रखना होगा तभी ठीक होगी, लेकिन होगी ज़रूर। 

मुझे गर्व है अपने प्रधानमंत्री पर !! ..

Sunday, 17 September 2017

Rohinya muslim

विराधु......जो काम अमेरिका फ्रांस भारत रूस कोई नहीं कर पाया .. वो बर्मा के विराथू जी ने कर दिखाया ..आज बर्मा में करोडो रुपये के बने मस्जिद में वीरान पड़े हैं... क्यूंकि देश में एक भी मुस्लिम नहीं जो वहाँ जाए .. 
विराथू के बारे में पहली बार मैंने बहुत खोज कर लिखा था ... जिसके बाद ही लोग जान पाए कि ये महान इंसान कौन है .. और इन्होने क्या कर डाला है ... पुरे संसार की मीडिया ने इनका बहिस्कार कर रखा है ... मीडिया इनको "बौद्धों का ओसामा बिन लादेन " पुकारती है .. या सीधा आतंकवादी ही बोल देती है ... 

बौद्धों के धर्मगुरु .. विराथू .. ने पुरे देश को जगाया .. इस्लाम के खतरे को कुछ इस तरह से समझाया कि लोगों ने सेकुलरिज्म का त्याग कर दिया और हथियार उठा लिए .. इसके पहले तक बौद्ध महात्मा बुद्ध के रास्ते पर चल कर प्रताड़ित हो रहे थे .. पर विराथू जी ने नया मन्त्र दिया ... कहा ........

"अब समय शांत रहने का नहीं है .. खतरे की घंटी बज चुकी है .. "

ये उनका एक बहुत ही विवादित प्रवचन है .. जिसके बाद बर्मा में .. बौद्धों ने हथियार ले कर आक्रमण कर दिया ... हथियार का जवाब हथियार ..... से देने लगे ... वहाँ भी सेक्युलर नेता थे .. तुरंत विराथू जी को सांप्रदायिक घोषित कर के जेल में डाल दिया .. २५ साल की सजा के साथ ... पर विराथू जी के कई विडियो सोशल मीडिया पर तब तक आ चुके थे .. घर घर में लोगों ने सुना और नजरें खुल गयी .. क्यूंकि किसी के बोलने में इतना आकर्षण और ताकत होता है .. कि आँखों के ऊपर बंधी पट्टी उतर जाती है ... हमारे देश में ऐसे बोलने वाले कई हिन्दू साधू संत साध्वियां है .. परन्तु ये लोग कभी इस विषय पर बोलते ही नहीं.. इस्लाम में खास कर ऐसे बोलने वाले लोग आतंकवादी शिविरों में जाकर बोलते हैं .. ये सम्मोहन की तरह है .. जिसके बाद एक मुस्लिम किसी गुलाम की तरह हो जाता है .
बर्मा के सारे बौद्धों को विराथू जी ने समझाया .. और सीधे घोषणा की .. अगर देश बचाना है और खुद बचना है .. अगर अपनी लड़कियों को बचाना है तो एक एक मुस्लिम को बाहर करो ....उसके बाद तो जो हुआ आज वो इतिहास है ..
संसार भर में उनके खिलाफ हिंसक प्रदर्शन हुए .. भारत में भी हुए .. लेकिन ९९% लोग भारत के जानते ही नहीं थे कि म्यांमार में ऐसा क्या हो रहा है जिसके खिलाफ प्रदर्शन हो रहे हैं .. यहाँ मीडिया से सिर्फ एकतरफा न्यूज़ चलाये गए ....
विरथू जी जेल में थे .. सरकार ने हवा का रुख भांपते हुए विराथू जी को १० साल के बाद जेल से छोड़ दिया ... और एलान किया कि मुस्लिम इस देश के निवासी नहीं हो सकते .. वो देश छोड़ कर चले जाएँ ........ खास बात ये थी कि जेल जाने के बाद भी ये डिगे नहीं .. और जेल से निकलते ही एकसूत्री कार्यक्रम .,. इस देश में सिर्फ बौद्ध रहेंगे ..

रातों रात भगदड़ मच गयी .. पूरा देश खाली हो गया .. जबकि इनलोगों को पाकिस्तान के सारे आतंकवादी संगठन बैकअप दे रहे थे .. बाहर से आतंकी भी आकर लड़ाई लड़ते थे .. लेकिन .. सब फेल हो गया.. बौद्धों की जीत हुयी... आज बर्मा इस्लाम मुक्त देश है .. विराथू जी आज पूरी दुनिया के मीडिया के विलेन जैसे हैं पर बर्मा में वो नायक है ..
मेरे लिए भी विराथू जी आदर्श हैं .. काश ऐसे साधू संत हिन्दू धर्म में भी होते....

Friday, 15 September 2017

Narendra modi as prime minister

*अगर श्री नरेन्द्र मोदी 2019 हार जायें तब क्या हो सकता है  ?*                   

बहुत से लोग रात दिन यही दुआ करते हैं,कि नरेंद्र मोदी 2019 का चुनाव हार जाये।
मुझसे भी कई लोगों ने पूछा,कि क्या होगा अगर मोदी 2019 का चुनाव हार जाये,तो?मैंने जवाब दिया...ज्यादा कुछ नही होगा...बस

1.यह देश अचानक से सहिष्णु बन जायेगा!
2.कपड़े पर से GST हट जाएगी !
3.सेना की हर खरीदी में मैडम का 50%कमीशन होगा !
4.आमिर खान और उनकी पत्नी और अंसारी जैसों को,यह  देश फिर से सुरक्षित नज़र आने लगेगा!
5.देश में उन लोगों को सरकार में महत्वपूर्ण पद मिलेंगे जो खूनी,बलात्कारी, भ्रष्टाचारी होंगे!
6.कश्मीर में फिर से अलगाववादी और जेहादी ताकतें मजबूत होंगी!
7.पाकिस्तान एक बार फिर से अपना प्रोपेगंडा मजबूत करेगा क्योंकि सरकार के लोग जो वहां मोदी जी को हटाने की भीख मांगने गये थें वो पाकिस्तान की नमक हलाली करेंगे!
8.लव जिहाद और हलाला संग तीन तलाक पूरी तरह से कानूनी बन जायेगा!
9.ममता बनर्जी बंगाल को पूरी तरह से बंगलादेशी मुसलमानों के हाथ में देकर,जन्नत के लिए प्रस्थान कर जायेगी
10.एक ऐसा आदमी हमारा प्रधानमंत्री बनेगा जो पूरी दुनिया में मज़ाक का पात्र बनेगा,जिसे लोग देहाती औरत कहेंगे।
11.रोबर्ट वाड्रा पूरे हरियाणा को खरीद लेगा।
12.देश में एक से एक बड़े घोटाले होंगे जो पिछले 70 सालों के रिकॉर्ड तोड़ देंगे!
13.अवार्ड वापसी वाली गैंग के अवार्ड वापस दे दिए जाएंगे और कुछ को तो पद्मश्री भी मिलेगा!
14.हर योजना में गाँधी परिवार और नेहरू का नाम होगा!
15.न्यूज़ चैनल्स नये-नये स्कैम्स की TRP से भर जाएंगे!
16.मोदी गुजरात वापस चले जायेंगे जहाँ उसकी जनता उनको फिर से गुजरात का CM बना देगी क्योंकि उनको पता है कि मोदी जी ही उनका विकास कर सकते हैं।
17.स्किल इंडिया प्लान स्कैम इंडिया प्लान बन जायेगा।
18.आतंकवादी हमले फिर से बढ़ जाएंगे जहाँ देश की सेना को हमला करने की इजाज़त के लिए 5 दिन का इंतज़ार करना पड़ेगा!
19.मीडिया योगी के पीछे पड़ जायेगी जैसे वो मोदी के पीछे पड़ी थी UPA सरकार के दौरान!
20.हर साल इंदिरा गाँधी और राजीव गाँधी के नाम पर दो योजनाएं लॉन्च होंगी!
21.नार्थ ईस्ट को पहले की तरह,कभी केंद्र से मदद नहीं मिलेगी!
22.अरविंद केजरीवाल को राजनीति का मसीहा घोषित कर दिया जाएगा!
23.देश के संसाधनों पर मुसलमानों का पहला हक होगा!

24.लोगों को यह अहसास होगा कि उन्होंने गलती कर दी,मगर तब तक बहुत देर हो चुकी होगी!
25.और मोदी???????

वो अपना बचा हुआ जीवन इस सुकून में बिताएंगे
''कम से कम मैने कोशिश तो की थी।
 पर हिन्दू इतना स्वार्थी और स्वाभिमान हीन हैं कि पैसे के लिए अपने देश तो क्या अपने जमीर को भी बेच देगा?"*********

🇮🇳भारत माता की जय 🇮🇳

Thursday, 14 September 2017

JIO customer care number

अब अपने *JIO नंबर* और उससे जुड़ी जानकारी लेना हुआ और भी आसान । 
बस अपने JIO नंबर से कॉल करें 1299 पर और आपको SMS के द्वारा जानकारी मिल जाएगी ।

Wednesday, 13 September 2017

Ek bodh katha...

Ek bodh katha...

एक दिन बहू ने गलती से यज्ञवेदी में थूक दिया!!!

सफाई कर रही थी. मुंह में सुपारी थी. पीक आया तो वेदी में. पर उसे आश्चर्य हुआ कि उतना थूक स्वर्ण में बदल गया है.

अब तो वह प्रतिदिन जान बूझकर वेदी में थूकने लगी. और उसके पास धीरे धीरे स्वर्ण बढ़ने लगा.
महिलाओं में बात तेजी से फैलती है. कई और महिलाएं भी अपने अपने घर में बनी यज्ञवेदी में थूक थूक कर सोना उत्पादन करने लगी.

धीरे धीरे पूरे गांव में यह सामान्य चलन हो गया.
सिवाय एक महिला के.. !

उस महिला को भी अनेक दूसरी महिलाओं ने उकसाया..!समझाया..!
"अरी. तू क्यों नहीँ थूकती?"
"जी. ! बात यह है कि मै अपने पति की अनुमति बिना यह कार्य हरगिज नहीँ करूंगी. और वे. जहाँ तक मुझे ज्ञात है.. अनुमति नहीँ देंगे!"

किन्तु ग्रामीण महिलाओं ने ऐसा वातावरण बनाया.. कि आखिर उसने एक रात डरते डरते अपने ‎पति‬ को पूछ ही लिया.
"खबरदार जो ऐसा किया तो.. !! यज्ञवेदी क्या थूकने की चीज है??"

पति की गरजदार चेतावनी के आगे बेबस.. वह महिला चुप हो गई. पर जैसा वातावरण था. और जो चर्चाएं होती थी, उनसे वह साध्वी स्त्री बहुत व्यथित रहने लगी.

खास कर उसके सूने गले को लक्ष्य कर अन्य स्त्रियां अपने नए नए कण्ठ-हार दिखाती तो वह अन्तर्द्वन्द में घुलने लगी.

पति की व्यस्तता और स्त्रियों के उलाहने उसे धर्मसंकट में डाल देते.
"यह शायद मेरा दुर्भाग्य है.. अथवा कोई पूर्वजन्म का पाप.. कि एक सती स्त्री होते हुए भी मुझे एक रत्ती सोने के लिए भी तरसना पड़ता है."

"शायद यह मेरे पति का कोई गलत निर्णय है."
"ओह. इस धर्माचरण ने मुझे दिया ही क्या है?" 
"जिस नियम के पालन से ‎दिल‬ कष्ट पाता रहे. उसका पालन क्यों करूँ?"

और हुआ यह कि वह बीमार रहने लगी. ‎पतिदेव‬ इस रोग को ताड़ गए. उन्होंने एक दिन ब्रह्म मुहूर्त में ही सपरिवार ग्राम त्यागने का निश्चय किया.

गाड़ी में सारा सामान डालकर वे रवाना हो गए. सूर्योदय से पहले पहले ही वे बहुत दूर निकल जाना चाहते थे.

किन्तु..
अरे.. यह क्या..?????
ज्यों ही वे गांव की कांकड़(सीमा) से बाहर निकले.

पीछे भयानक विस्फोट हुआ.
पूरा गांव धू धू कर जल रहा था.
सज्जन दम्पत्ति अवाक् रह गए.
और उस स्त्री को अपने पति का महत्त्व समझ आ गया.

वास्तव में.. इतने दिन गांव बचा रहा. तो केवल इस कारण..उसका परिवार गांव की परिधि में था।

धर्माचरण करते रहे... कुछ पाने के लालच में इंसान बहुत कुछ खो बैठता है... इसलिए लालच से बचें..

Monday, 11 September 2017

About Ryan school incident

About Ryan school incident🙏

हरियाणा के एक संवेदनशील शिक्षक  ने बहुत मार्मिक पंक्तियां लिखी हैं , जो आप सभी के साथ शेयर कर रही हूं। 

😢भारी मन से😪

सवेरे जगा कर नींद से 
अपने हाथो नाश्ता खिलाया होगा 
छोड़ स्कूल के दरवाजे पिता ने 
प्यार  से  हाथ  हिलाया होगा 

बेटा मेरा मेहफूज है वहां 
माँ ने दिल को समझाया होगा 
क्या बीती होगी उस माँ पर 
जब फ़ोन स्कूल से आया होगा 

भागते हूए स्कूल की तरफ 
एक एक कदम ढ़गमागया होगा 
क्या गुजरा होगा दिल पर पिता के 
इस हाल में जब उसे पाया होगा 

उस जानवर ने जब उसे दबोचा होगा 
वो कितना छटपटाया होगा 
नाम  उसकी  जबान पर 
माँ  बाप का आया  होगा 

उस मासूम को यू बेरहमी से मारते 
क्या एक पल भी  ना वो थरथराया होगा 
कैसे ज़ियेंगे माँ बाप उसके 
ये ख्याल भी ना दिल में आया होगा 

बिखर गए होंगे वो बदकिसमत माँ बाप 
जब उसे आखिरी बार सीने से लगाया होगा 
लौटेगा नहीं कभी वापिस वो 
कैसे खुद को समझाया होगा😢😢😢😢

Sunday, 10 September 2017

Rohingya muslman

मोदी के आने के बाद बकरा इतना महंगा है कि जनता परेशान है! GST जब से लागू हुआ जनता मरी जा रही है! देश बर्बाद हो गया नोटबन्दी के बाद !
या अल्लाह, ये मुल्क तो अब रहने लायक भी नही बचा !!
अब तो इस मुल्क में दलितों और अल्पसंख्यको का जीना मुश्किल हो गया है !
इतना बड़बड़ाते हुए अब्दुल अपने आठवें बच्चे की डिलीवरी के लिए जिला अस्पताल के डॉक्टर से मिलने पहुँच गया !
और 6000 रु लेकर मोदी को गरियाते हुए घर चला आया !
मोदी द्वारा दिये गए फ्री सिलेंडर को ऑन किया और बच्चो के लिए गोश्त गरम् किया, खिलाया और सुलाया ! 
फिर सुबह योगी को गरियाते हुए ग्रामीण बैंक पहुच गया और लोन माफी का सर्टिफिकेट प्राप्त किया !
अगले दिन अपने सातों बच्चों को स्कूल से मिली फ्री वाली नई वाली ड्रेस पहना कर स्कूल भेजा !
और बच्चों को समझाया देखो स्कूल में भारत माता की जय मत बोलना,गुनाह होता है !
फिर बच्चों को याद दिलाया कि अल्पसंख्यक वजीफे वाला फार्म ले कर आना है!
फीस तो खैर पहले ही माफ है !
स्कूल से आने के बाद बच्चों ने हरे हरे पेड़ की पत्तियां तोड़ी बकरियो के लिए !
कुछ पेड़ ***** काट कर पहले ही लकड़ी बेंच चुका है !
इधर रोहिंग्या भाइयों की स्थिति को लेकर ***** बहुत चिंतित रहता है !
उधर चीन ने भी ***** को धोखा दे दिया, हिंदुस्तान पर हमला ही नही किया !
पाकिस्तान की निंदा चीन की धरती से बड़ा बुरा लगी,***** को !
***** कल मुफ्त शौचालय के बारे में पता करने जाएगा साथ ही मुफ्त मकान की भी जानकारी करेगा !
बिजली तो सालो से फ्री में जला ही रहा हैं !लेकिन इंडिया से खुश नही है।

Saturday, 9 September 2017

Home Cancer Cure

पपीते के पत्तो की चाय किसी भी स्टेज के कैंसर को सिर्फ 60 से 90 दिनों में कर देगी जड़ से खत्म.
पपीते के पत्ते 3rd और 4th स्टेज के कैंसर को सिर्फ 35 से 90 दिन में सही कर सकते हैं। अभी तक हम लोगों ने सिर्फ पपीते के पत्तों को बहुत ही सीमित तरीके से उपयोग किया होगा, बहरहाल प्लेटलेट्स के कम हो जाने पर या त्वचा सम्बन्धी या कोई और छोटा मोटा प्रयोग. मगर आज जो हम आपको बताने जा रहें हैं, ये वाकई आपको चौंका देगा, आप सिर्फ 5 हफ्तों में कैंसर जैसी भयंकर रोग को जड़ से ख़त्म कर सकते हैं।
ये प्रकृति की शक्ति है और बलबीर सिंह शेखावत जी की स्टडी है जो वर्तमान में as a Govt. Pharmacist अपनी सेवाएँ सीकर जिले में दे रहें हैं। आपके लिए नित नवीन जानकारी कई प्रकार के वैज्ञानिक शोधों से पता लगा है कि पपीता के सभी भागों जैसे फल, तना, बीज, पत्तिया, जड़ सभी के अन्दर कैंसर की कोशिका को नष्ट करने और उसके वृद्धि को रोकने की क्षमता पाई जाती है। विशेषकर पपीता की पत्तियों के अन्दर कैंसर की कोशिका को नष्ट करने और उसकी वृद्धि को रोकने का गुण अत्याधिक पाया जाता है।
तो आइये जानते हैं उन्ही से। University of florida ( 2010) और International doctors and researchers from US and japan में हुए शोधो से पता चला है की पपीता के पत्तो में कैंसर कोशिका को नष्ट करने की क्षमता पाई जाती है। Nam Dang MD, Phd जो कि एक शोधकर्ता है, के अनुसार पपीता की पत्तियां डायरेक्ट कैंसर को खत्म कर सकती है, उनके अनुसार पपीता कि पत्तिया लगभग 10 प्रकार के कैंसर को खत्म कर सकती है जिनमे मुख्य है।
breast cancer, lung cancer, liver cancer, pancreatic cancer, cervix cancer, इसमें जितनी ज्यादा मात्रा पपीता के पत्तियों की बढ़ाई गयी है, उतना ही अच्छा परिणाम मिला है, अगर पपीता की पत्तिया कैंसर को खत्म नहीं कर सकती है लेकिन कैंसर की प्रोग्रेस को जरुर रोक देती है।। तो आइये जाने पपीता की पत्तिया कैंसर को कैसे खत्म करती है?
1. पपीता कैंसर रोधी अणु Th1 cytokines की उत्पादन को ब़ढाता है जो की इम्यून system को शक्ति प्रदान करता है जिससे कैंसर कोशिका को खत्म किया जाता है।
2. पपीता की पत्तियों में papain नमक एक प्रोटीन को तोड़ने ( proteolytic) वाला एंजाइम पाया जाता है जो कैंसर कोशिका पर मौजूद प्रोटीन के आवरण को तोड़ देता है जिससे कैंसर कोशिका शरीर में बचा रहना मुश्किल हो जाता है। Papain blood में जाकर macrophages को उतेजित करता है जो immune system को उतेजित करके कैंसर कोशिका को नष्ट करना शुरू करती है, chemotheraphy/ radiotheraphy और पपीता की पत्तियों के द्वारा ट्रीटमेंट में ये फर्क है कि chemotheraphy में immune system को दबाया जाता है जबकि पपीता immune system को उतेजित करता है, chemotheraphy और radiotheraphy में नार्मल कोशिका भी प्रभावित होती है पपीता सोर्फ़ कैंसर कोशिका को नष्ट करता है। सबसे बड़ी बात के कैंसर के इलाज में पपीता का कोई side effect भी नहीं है।।
कैंसर में पपीते के सेवन की विधि
कैंसर में सबसे बढ़िया है पपीते की चाय। दिन में 3 से 4 बार पपीते की चाय बनायें, ये आपके लिए बहुत फायदेमंद होने वाली है। अब आइये जाने लेते हैं पपीते की चाय बनाने की विधि।
1. 5 से 7 पपीता के पत्तो को पहले धूप में अच्छी तरह सुखा ले फिर उसको छोटे छोटे टुकड़ों में तोड़ लो आप 500 ml पानी में कुछ पपीता के सूखे हुए पत्ते डाल कर अच्छी तरह उबालें।
इतना उबाले के ये आधा रह जाए। इसको आप 125 ml करके दिन में दो बार पिए। और अगर ज्यादा बनाया है तो इसको आप दिन में 3 से 4 बार पियें। बाकी बचे हुए लिक्विड को फ्रीज में स्टोर का दे जरुरत पड़ने पर इस्तेमाल कर ले। और ध्यान रहे के इसको दोबारा गर्म मत करें।
2. पपीते के 7 ताज़े पत्ते लें इनको अच्छे से हाथ से मसल लें। अभी इसको 1 Liter पानी में डालकर उबालें, जब यह 250 ml। रह जाए तो इसको छान कर 125 ml. करके दो बार में अर्थात सुबह और शाम को पी लें। यही प्रयोग आप दिन में 3 से 4 बार भी कर सकते हैं।
पपीते के पत्तों का जितना अधिक प्रयोग आप करेंगे उतना ही जल्दी आपको असर मिलेगा। और ये चाय पीने के आधे से एक घंटे तक आपको कुछ भी खाना पीना नहीं है।
कब तक करें ये प्रयोग
वैसे तो ये प्रयोग आपको 5 हफ़्तों में अपना रिजल्ट दिखा देगा, फिर भी हम आपको इसे 3 महीने तक   इस्तेमाल करने का निर्देश देंगे। और ये जिन लोगों का अनुभूत किया है उन लोगों ने उन लोगों को भी सही किया है, जिनकी कैंसर में तीसरी और चौथी स्टेज थी।
😊😊😊😊 
हो सके तो बच्चों से ये बातें जरूर शेयर करें।    color & number therapy is good for health cure,testimonial & training can see on youtube id prithvi dawar.,Color and Number Therapy  book price Rs 250 /-  can pay in paytm/airtelmoney of this mob no 9987674659 & send. Address with pin code no.online health advise available on appoinment  From Prithvi Dawar Mumbai

Friday, 8 September 2017

Women help trips

1. एक नारी को तब क्या करना चाहिये जब वह देर रात में किसी उँची इमारत की लिफ़्ट में किसी अजनबी के साथ स्वयं को अकेला पाये ? 
Police का कहना है: जब आप लिफ़्ट में प्रवेश करें और आपको 13 वीं मंज़िल पर जाना हो, तो अपनी मंज़िल तक के सभी बटनों को दबा दें ! कोई भी व्यक्ति उस परिस्थिति में हमला नहीं कर सकता जब लिफ़्ट प्रत्येक मंजिल पर रुकती हो ! 

2. जब आप घर में अकेली हों और कोई अजनबी आप पर हमला करे तो क्या करें ? तुरन्त रसोईघर की ओर दौड़ जायें 

Police का कहना है: आप स्वयं ही जानती हैं कि रसोई में पिसी मिर्च या हल्दी कहाँ पर उपलब्ध है ! और कहाँ पर चक्की व प्लेट रखे हैं !यह सभी आपकी सुरक्षा के औज़ार का कार्य कर सकते हैं ! और भी नहीं तो प्लेट व बर्तनों को ज़ोर- जोर से फैंके भले ही टूटे !और चिल्लाना शुरु कर दो !स्मरण रखें कि शोरगुल ऐसे व्यक्तियों का सबसे बड़ा दुश्मन होता है ! वह अपने आप को पकड़ा जाना कभी भी पसंद नहीं करेगा ! 

3. रात में ऑटो या टैक्सी से सफ़र करते समय ! 

Police का कहना है: ऑटो या टैक्सी में बैठते समय उसका नं० नोट करके अपने पारिवारिक सदस्यों या मित्र को मोबाईल पर उस भाषा में विवरण से तुरन्त सूचित करें जिसको कि ड्राइवर जानता हो ! मोबाइल पर यदि कोई बात नहीं हो पा रही हो या उत्तर न भी मिल रहा हो तो भी ऐसा ही प्रदर्शित करें कि आपकी बात हो रही है व गाड़ी का विवरण आपके परिवार/ मित्र को मिल चुका है ! . इससे ड्राईवर को आभास होगा कि उसकी गाड़ी का विवरण कोई व्यक्ति जानता है और यदि कोई दुस्साहस किया गया तो वह अविलम्ब पकड़ में आ जायेगा ! इस परिस्थिति में वह आपको सुरक्षित स्थिति में आपके घर पहुँचायेगा ! जिस व्यक्ति से ख़तरा होने की आशंका थी अब वह आपकी सुरक्षा का ध्यान रखेगा ! 

4. यदि ड्राईवर गाड़ी को उस गली/रास्ते पर मोड़ दे जहाँ जाना न हो और आपको महसूस हो कि आगे ख़तरा हो सकता है - तो क्या करें ? 

Police ्ञ का कहना है कि आप अपने पर्स के हैंडल या अपने दुपट्टा/ चुनरी का प्रयोग उसकी गर्दन पर लपेट कर अपनी तरफ़ पीछे खींचती हैं तो सैकिण्डो में वह व्यक्ति असहाय व निर्बल हो जायेगा ! यदि आपके पास पर्स या दुपट्टा न भी हो तो भी आप न घबरायें ! आप उसकी क़मीज़ के काल़र को पीछे से पकड़ कर खींचेंगी तो शर्ट का जो बटन लगाया हुआ है वह भी वही काम करेगा और आपको अपने बचाव का मौक़ा मिल जायेगा ! 

5. यदि रात में कोई आपका पीछा करता है ! 

Police का कहना है: किसी भी नज़दीकी खुली दुकान या घर में घुस कर उन्हें अपनी परेशानी बतायें ! यदि रात होने के कारण बन्द हों तो नज़दीक में एटीएम हो तो एटीएम बाक्स में घुस जायें क्योंकि वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे होते हैं ! पहचान उजागर होने के भय से किसी की भी आप पर वार करने की हिम्मत नहीं होगी ! 

आख़िरकार मानसिक रुप से जागरुक होना ही आपका आपके पास रहने वाला सबसे बड़ा हथियार सिद्ध होगा ! 

कृपया समस्त नारी शक्ति जिसका आपको ख़्याल है उन्हें न केवल बतायें बल्कि उन्हें जागरुक भी कीजिए ! अपनी नारी शक्ति की सुरक्षा के लिये ऐसा करना ! न केवल हम सभी का नैतिक उत्तरदायित्व है बल्कि कर्त्तव्य भी है ! 

प्रिय मित्रों इससे समस्त नारी शक्ति -अपनी माताश्री,बहन, पत्नी व महिला मित्रों को अवगत करावें !
       धन्यवाद !

Monday, 4 September 2017

Coins are now demonetized in India by Banks

सेवा में, 
            श्रीमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी 
      (भारत सरकार,भारत)
                नई दिल्ली ,

विषय-1,2,5,10 के सिक्कों को किसी दुकानदार का न लेने के विषय में

महोदय 
           सादर पूर्वक आपको अवगत कराया जाता हैं कि पूरे देश में नोट बन्दी के बाद सिक्को की बाढ़ आन पड़ी हैं और एक छोटे से छोटे पान की दुकान पर 5000 हजार का सिक्का इक्कठा हो चूका हैं लेकिन कोई सिक्का लेने को तैयार नही हैं,जिसके पास सिक्के हैं वह बाजार में जाता हैं समान लेने तो दुकानदार सिक्के नही ले रहे हैं,पैकेट में पैसे होने पर भी वह बाजार से खाली हाथ लौटता हैं अपने जरूरत की समान वह नही घर ले पता ,इससे देश में एक प्रकार की भुखमरी फ़ैल रही हैं और महोदय दुकानदारों का दोष नही हैं क्यों ले वे सिक्के जब आपके बैंक सिक्के नही ले रहे तो दुकानदार क्यों ले सिक्के,यह किसी को छोटी समस्या लग रही हैं तो वह् गलत हैं यह देश की बहुत बड़ी समस्या हैं भारत की ग्रामीण जनता इस समस्या से परेशान हैं,अब आप ही सोचिए कि जिसके पास केवल सिक्के ही हो तो वह बेचारा का परिवार भूखे रहेगा तो आपका नारा सबका साथ सबका विकाश कहा तक सिद्ध हो पाता हैं ,आप रेडियो से अपने मन की बात कह तो लेते हैं कभी भी एक बार 125 करोड़ जनता की मन की बात सुन लिया कीजिए।मेरा एक छोटा सुझाव हैं आप ने देश को 12 बजे रात को संबोधित कर नोट बन्दी कर दिए कृपया आप फिर एक बार सिक्को को नोटों में चेंज करा दे।सिक्को का प्रचलन बन्द कर,1,2,5,10 के नोटों को ज्यादा प्रचलन करा दे तो आपका पुरे देश के 60%गरीब जनता आभारी रहेगा।

अतः 
      महोदय अगर मेरी बात सही हैं तो आप इसपर विचार करे और इसका समाधान कराए।

                              धन्यबाद।

      आपके देश का एक मजबूर       
                          देशवासी


फेसबुक,वाट्सअप,आदि सोसल मिडिया पर निरन्तर रहने वाले लोगो से गुजारिश है कि अगर यह समस्या आपको सही लगता हैं तो इसे शेयर करना नही भूले ,इसे इतना शेयर करे की हमारे देश के प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुचे।

Bakreed in islam

#मुल्लो के बच्चे बचपन मे #जानवरो कि गर्दन रेतना सीखते है |

हमारे बच्चे सिखते है भारत एक #धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है | यहॉ #हिन्दु #मुस्लिम #सिख #ईसाई आपस मे सब भाई भाई | #ईश्वर #अल्लाह तेरो नाम सब को संमती दे #भगवान |  #मजबह नही सिखाता आपस मे बैर रखना | 

अब सोचो आप इतनी #सेखुलर जड़ी बुटी घोल के पीने के बाद कैसे कोई सच्चा हिन्दु बनेगा | 

एक #गांधी हमे इतना भारी पड़ गया आज तो करोड़ो गांधी है |

बकरीद पर किसका 'बलिदान'

बकरीद पर किसका 'बलिदान'
आजतक के हल्ला बोल में उठा मुद्दा
     आज 1 सितंबर को शाम 5: 58 बजे आजतक के जाने-माने डिवेट "हल्ला बोल" में बकरीद के एक दिन पूर्व 'बकरे की 'बोटी' शीर्षक से जोरदार बहस हुई। डिवेट में मुस्लिम समुदाय की ओर से चार धर्म गुरु और बीजेपी की और से डॉ संबित पात्रा, विश्व हिन्दू परिषद के तिवारीजी और हिन्दू महासभा के प्रवक्ता शामिल हुए। पूरी डिवेट को मैंने बड़े ही गौर से देखा। आजतक की एंकर अंजना ओम कश्यप ने दोनों पक्षों पर अनेक तीखे सवाल दागे।
यह डिवेट इसलिए कि गयी थी क्योंकि बकरीद पर होने वाली बेजुबान पशुओं की कुर्बानी को संघ की विचारधारा ने सही नहीं माना था, उनका कहना है कि
-बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी न दी जाय, केक काटकर मनाएं बकरीद।
-बकरीद पर जानवरों की कुर्बानी कुरीति है।
-बकरीद पर कुर्बानी वैसे ही हराम है जैसे तीन तलाक।
-होली, बकरीद की तरह बकरीद भी हो इको फ्रेंडली।
 इस डिवेट में बैठी जनता ने भी अनेक प्रश्न किये। एक युवती ने पूछा कि 'यह बलिदान का दिवस है, फिर इसमें किसने किसका बलिदान किया। बलिदान तो बकरे का हुआ। आपने क्या किया? इसके उत्तर में गरीब नवाज फॉउंडेशन के जाने माने प्रवक्ता अंसार रजा ने कहा कि पैसे का बलिदान किया। इस पर vhp के प्रवक्ता ने कहा यही पैसा आप गरीब, हॉस्पिटल, जरूरत मंद को बलिदान कर दें तो? इसका अंसार रजा कोई जबाब नहीं दे न ही उनके अन्य लोग।
एक दूसरी युवती ने पूछा कि जब हम इंसानों को जीने का हक है तो  मूक प्राणियों को क्यों नहीं? एक दूसरी लड़की ने प्रश्न किया कि जैसे कोर्ट ने तीन तलाक को कुरीति माना है उसी प्रकार बकरीद को भी कुरीति में आना चाहिए। एक अन्य युवती ने पूछा कि पशु प्रेम बकरीद के एक दिन पहले ही क्यों?
एक मुस्लिम गुरु जो अंजना ओम कश्यप के तीखे प्रश्न को झेल नहीं पाए और वो डिवेट बीच में छोड़कर चले गए, परन्तु डिवेट छोड़ने के पहले वह यह बता चुके थे कि हमारे यहां  'बकरीद' शब्द कहीं नहीं आया है। उनके यह कहने से स्पष्ट था कि "बकरे" को बलि का बकरा बनाया जा रहा है। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने यह भी स्पष्ट किया कि इब्राहिम की परीक्षा लेते समय अल्लाह ने अपनी सबसे प्रिय वस्तु कुर्बान करने के लिए कहा था और इब्राहिम ने अपने बेटे की कुर्बानी का फैसला लिया। इससे स्पष्ट था कि कहीं भी अल्लाह ने पशु या बकरे की बलि के लिए नहीं कहा। भला, बकरे का खून ही अल्लाहताला को प्रिये हो और वह उससे परितृप्त होता हो, यह क्या बात हुई।क्या सृष्टि की सर्वोत्तम शक्ति इतनी कमजोर है कि उसे बकरों के खून की तलब है? सिर्फ बकरे की कुर्बानी क्यों?
अब तो अनेक मुस्लिम मंच भी पशुओं की बलि के विरोध में आ गए हैं। मुस्लिम मंच के प्रमुख राजा रईस खान ने कुरान और हदीस साहब का हवाला देकर कहा , कहीं भी बकरीद पर किसी भी बेजुबान जानवर की कुर्बानी को हमारे पैगम्बर ने किसी जानवर की कोई कुर्बानी नहीं की है बल्कि रहमत बरती है।
मैं समझता हूं कि परमात्मा की राह में मैं-पने की व ममत्त्व की कुर्बानी जरूरी है, न कि किसी बकरे की। अहंकार और ममत्व का त्याग ही सच्ची कुर्बानी है।
आज की इस डिवेट मैं कोई भी बेजुबान पशुओं की बलि को सही सिद्ध नहीं कर पाया। बल्कि जब सच्चाई का सामना नहीं कर पाए तो एक प्रवक्ता डिवेट छोड़कर चले गए ।
जिस तरह दीपावली पर पर्यावरण को दृष्टि में रखते हुए पटाखे नहीं चलाने की अपील की जाती है, होली पर पानी की बचत के लिए गुलाल से होली खेलने की अपील की जाती है तो क्या बकरीद पर मूक पशुओं की कुर्बानी के बिना मनाने की अपील करना क्या कोई गुनाह है?
-डॉ सुनील संचय

Sunday, 3 September 2017

वो माँ है।

बर्तनों की आवाज़ देर रात तक आ रही थी...
रसोई का नल चल रहा है
माँ रसोई में है....

तीनों बहुऐं अपने-अपने कमरे में सोने जा चुकी....
माँ रसोई में है...

माँ का काम बकाया रह गया था
पर काम तो सबका था
पर माँ तो अब भी सबका काम अपना ही मानती है....

दूध गर्म करके
ठण्ड़ा करके
जावण देना है...
ताकि सुबह बेटों को ताजा दही मिल सके...

सिंक में रखे बर्तन माँ को कचोटते हैं
चाहे तारीख बदल जाये, सिंक साफ होना चाहिये....

बर्तनों की आवाज़ से 
बहू-बेटों की नींद खराब हो रही है
बड़ी बहू ने बड़े बेटे से कहा 
"तुम्हारी माँ को नींद नहीं आती क्या? ना खुद सोती है और ना ही हमें सोने देती है"

मंझली ने मंझले बेटे से कहा " अब देखना सुबह चार बजे फिर खटर-पटर चालू हो जायेगी, तुम्हारी माँ को चैन नहीं है क्या?"

छोटी ने छोटे बेटे से कहा " प्लीज़ जाकर ये ढ़ोंग बन्द करवाओ कि रात को सिंक खाली रहना चाहिये"

माँ अब तक बर्तन माँज चुकी थी ।
झुकी कमर
कठोर हथेलियां
लटकी सी त्वचा
जोड़ों में तकलीफ
आँख में पका मोतियाबिन्द
माथे पर टपकता पसीना
पैरों में उम्र की लड़खडाहट
मगर....
दूध का गर्म पतीला
वो आज भी अपने पल्लू  से उठा लेती है
और...
उसकी अंगुलियां जलती नहीं है, क्यों कि
वो माँ है ।

दूध ठण्ड़ा हो चुका...
जावण भी लग चुका...
घड़ी की सुईयां थक गई...
मगर...
माँ ने फ्रिज में से भिण्ड़ी निकाल ली
और...
काटने लगी
उसको नींद नहीं आती है, क्यों कि
वो माँ है ।

कभी-कभी सोचता हूं कि माँ जैसे विषय पर लिखना, बोलना, बनाना, बताना, जताना क़ानूनन  बन्द होना चाहिये....
क्यों कि यह विषय निर्विवाद है
क्यों कि यह रिश्ता स्वयं कसौटी है ।

रात के बारह बजे सुबह की भिण्ड़ी कट गई...
अचानक याद आया कि गोली तो ली ही नहीं...
बिस्तर पर तकिये के नीचे रखी थैली निकाली..
मूनलाईट की रोशनी में 
गोली के रंग के हिसाब से मुंह में रखी और 
गटक कर पानी पी लिया...

बगल में एक नींद ले चुके बाबूजी ने कहा " आ गई"
"हाँ, आज तो कोई काम ही नहीं था" 
माँ ने जवाब दिया ।

और... 
लेट गई, कल की चिन्ता में
पता नहीं नींद आती होगी या नहीं पर सुबह वो थकान रहित होती हैं, क्यों कि
वो माँ है ।

सुबह का अलार्म बाद में बजता है
माँ की नींद पहले खुलती है 
याद नहीं कि कभी भरी सर्दियों में भी
माँ गर्म पानी से नहायी हो
उन्हे सर्दी नहीं लगती, क्यों कि
वो माँ है ।

अखबार पढ़ती नहीं, मगर उठा कर लाती है
चाय पीती नहीं, मगर बना कर लाती है
जल्दी खाना खाती नहीं, मगर बना देती है....
क्यों कि वो माँ है ।

माँ पर बात जीवनभर खत्म ना होगी..
शेष अगली बार...

और हाँ, अगर पढ़ते पढ़ते आँखों में आँसु आ जाये तो कृपया खुलकर रोइये और आंसू पोछ कर एक बार अपनी माँ को जादू की झप्पी जरूर दीजिये,
क्योंकि वो किसी और की नही आपकी ही माँ है🙂😌 माँ।।