🌿 *स्वयम पर श्रद्धा रखो! तभी दूसरे पर रख पाओगे!!*🌿
लोगों के जीवन प्रेम से रिक्त हैं, क्योंकि कोई भी स्वयं पर श्रद्धा नहीं करता है!
स्वयं पर श्रद्धा करना शुरू करो -- यह पहला पाठ है जो व्यक्ति को सीखना चाहिए। स्वयं को प्रेम करना शुरू करो! यदि तुम स्वयं को प्रेम नहीं कर सकते तो भला और कौन करेगा?
लेकिन यह भी याद रखो कि यदि तुम सिर्फ स्वयं को ही प्रेम करोगे तो तुम्हारा प्रेम बहुत गरीब होगा।
हिलेल ने कहा है, "यदि तुम ही स्वयं के लिए नहीं हो, तो फिर तुम्हारे लिए कौन होगा?" और यह भी कहा है, "यदि तुम केवल अपने ही लिए हो तो तुम्हारे जीवन का क्या अर्थ रह जायेगा?"
याद रखो: स्वयं को प्रेम करो, क्योंकि यदि तुम स्वयं को प्रेम नहीं करते तो कोई और तुम्हें कभी भी प्रेम नहीं कर पायेगा! जो व्यक्ति स्वयं से घृणा करता हो, उसे भला कैसे प्रेम किया जा सकता है?
और इस अभागी पृथ्वी पर लगभग सभी स्वयं को घृणा करते हैं, सभी स्व-निंदा से भरे हैं!
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