Thursday, 27 July 2017

Hindu Sanatan Dharm

एक मित्र बचपन में अफगानिस्तान के गजनी नामक स्थान गये थे | वहाँ उन्होंने उस जगह को देखा जहाँ हिन्दु औरतों की नीलामी हुई थी | उस स्थान पर मुसलमानों ने एक स्तम्भ बना रखा है | जिसमे लिखा है-
'दुख्तरे हिन्दोस्तान, नीलामे दो दीनार' 
अर्थात इस जगह हिन्दुस्तानी औरतें दो-दो दीनार में नीलाम हुई | 

उस समय तो यह सब बाते समझ नहीं आई पर आज उस वाक्य के बारे में जानने की इच्छा हुई | खोजने पर पता चला कि महमूद गजनवी ने हिन्दुओं को अपमानित करने के लिये अपने सत्रह हमलों में लगभग चार लाख हिन्दु औरतें पकड़ कर गजनी उठा ले गया | महमूद गजनवी जब इन औरतों को गजनी ले जा रहा था तो वे अपने पिता, भाई और पतियों से बुला-बुला कर बिलख-बिलख कर रो रही थी और अपनी रक्षा के लिए की निवेदन कर रही थी | लेकिन करोडो हिन्दुओं (गैर सैनिक) के बीच से मुठ्ठी भर मुसलमान सैनिकों द्वारा भेड़ बकरियों की तरह ले जाई गई | 


रोती बिलखती इन लाखों हिन्दु नारियों को बचाने न उनके पिता आये, न पति, न भाई और न ही इस विशाल भारत के करोड़ो समान्य हिन्दु उनकी रक्षा के लिये न तो कोई अवतार हुआ और न ही कोई देवी देवता आये |



 महमूद गजनवी ने इन हिन्दु लड़कियों और औरतों को ले जा कर गजनवी के बाजार में समान की तरह बेंच ड़ाला | विश्व की किसी वर्ग के साथ ऐसा अपमान नही हुआ जैसा हिन्दु वर्ग के साथ हुआ | और ऐसा इसलिये हुआ क्योंकि वह सोचते हैं कि जब अत्याचार बढ़ेगा तब भगवान स्वयं उन्हें बचाने आयेंगे | 


परन्तु इतिहास से सबक लेते हुये हिन्दुओं को समझ लेना चाहिये कि भगवान भी अव्यवहारिक अहिंसा व अतिसहिष्णुता को नपुसंकता करार देते हैं | क्योकि भगवान ने अपने सभी अवतारों में यही संदेश दिया है कि अपनी रक्षा स्वयं करों | तुम्हें नेत्र दिए हैं गलत का विरोध करो पीछे मै सदैव तुम्हारे साथ खड़ा हूँ | 



परन्तु अत्याचारियों के प्रतिस्पर्धा किये बिना उनके द्वारा मारे जाना स्वर्ग का मार्ग न होकर नरक का मार्ग है स्मरण रखो एक गाल पर कोई मारे तो दूसरा गाल आगे कर दो यह तो आर्यो की नीति नही, अन्यायी से प्रेम अहिंसा यह तो गीता की निति नही, हे राम बचाओ जो कहता है वह कायर है स्वयं अपना हत्यारा है जो करे वीरता, अति साहस वही भगवान श्री राम एवं श्री कृष्ण का प्रिय है | 


आज पुनः इतिहास हमारी परीक्षा ले रहा है | उठों जागो अपने सनातन धर्म की रक्षा के लिए मैदान में उतर कर सेवा- रूपी "सत्याग्रह" आंदोलन शुरू करो अन्यथा बहुत देर हो जाएगी | 
जाग जाओ हिन्दुओ वरना मारे जाओगे इस कलयुग में ।

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