बाहर से आकर मुगल लुटेरे हम पर राज किये,हमारे आराध्य का मन्दिर तोड़ कर मस्जिद बना दिया गया,हमारे देश को मजहब के नाम पर कई टुकड़े कर दिये,फिर भी हमारा पिछा नहीं छोड़ा आज भी उन्हें ही सब कुछ चाहिये,उन्हें सब्सिटी चाहिये आरक्षण चाहीये,मदरसे चाहीये कब्रिस्तान चाहीये,मस्जिदों पर लाउडिस्पीकर चाहीये,सड़क पर नमाज चाहीये,अभी भी भारत की बरबादी और घर से अफजल जैसे आतंकी और पत्थरबाज निकाल रहे हैं,,हम सौ करोड़ वो पच्चीस करोड़ फिर भी सरकारें उनके पक्ष में,अदालतें उनके पक्ष में राजनेता उनके पक्ष में और तो और उन्होंने अपने पक्ष में हमारे बिच से गद्दार भी पैदा कर लिया,,
हम आवाज भी उठाते हैं तो,सरकार कोर्ट सेक्युलर गद्दार,सब हमें दबाने पर तुल जाते हैं,,,क्यों,,,क्यों की प्रतिकार करने हम टुकड़ों में सामने आते हैं,,बाकी घर बैठ कर हम पर तालियां बजाते हैं,,,,,,
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