क्या खुब लिखा है गुलजार जी ने ...
पानी से तस्वीर
कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर
कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को
सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर
वापस कहा मिलती है
कौन किस से
चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने
हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस
इतना जानते हैं...
हर रिश्ता "मोती" और
हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।
कहा बनती है,
ख्वाबों से तकदीर
कहा बनती है,
किसी भी रिश्ते को
सच्चे दिल से निभाओ,
ये जिंदगी फिर
वापस कहा मिलती है
कौन किस से
चाहकर दूर होता है,
हर कोई अपने
हालातों से मजबूर होता है,
हम तो बस
इतना जानते हैं...
हर रिश्ता "मोती" और
हर दोस्त "कोहिनूर" होता है।
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