फैशन की दुनिया में लेदर है असीम लक्ज़री की निशानी. ये मटिरियल और
इसकी वर्सटैलिटी इसे बनाता है सबसे स्ट्रॉन्ग एलिमेंट्स में से एक. जहां
असली लेदर काफी महंगा पड़ता है, वहीं ऐसे हज़ारों लोग हैं जो सस्ते और नकली
लेदर से आपको धोखा देने को तैयार रहते हैं. घबराने की ज़रूरत नहीं है, हम
आपको बताएंगे की कैसे असली और नकली लेदर के बीच फर्क करें.
फायर टेस्ट – हाई क्वालिटी प्रोसेस्ड लेदर की एक सबसे बड़ी
खासियत होती है कि ये आग नहीं पकड़ता और ना ही उसका इस पर कोई असर होता है.
वहीं नकली लेदर या पेटेंट लेदर आग की वजह से सिकुड़ जाता है, जबकी लेदर का
शेप और टेक्सचर बरकरार रहता है. तो जब आप दुविधा में हों और आपको दुकान पर
शक हो रहा हो तो आग जलाइए और सारा सच सामने आ जाएगा.
सूंघ के देखिए – टेक्नोलॉजी ने नकल करने वालों के लिए हर तरह
के लेदर की नकल करना आसान बना दिया है. पर एक चीज़ जिसकी वो अभी भी नकल
नहीं उतार पाए हैं, वो है लेदर की अलग सी महक. असली लेदर की महक को पहचानिए
और अपनी नाक को डिटेक्टिव का काम करने दीजिए – और आपको पता चल जाएगा कि
आपकी नाक आपसे कहीं ज़्यादा समझदार है.
Edges पर ध्यान दें – लेदर एक बेहद हाई मेनटनेंस
प्रोडक्ट है. किसी भी लेदर प्रोडक्ट, गार्मेंट और बैग के किनारे स्मूद नहीं
होंगे. किनारे के हिस्सों का टेक्सचर थोड़ा खुरदुरा होगा. ऐसा इसलिए होता
है क्योंकि सख्त लेदर को शेप दिया जाता है. वहीं नकली लेदर किनारों के पास
भी बेहद स्मूद होता है. तो जब आपके घरवाले लेदर के स्मूद टेक्सचर की तारीफ
कर रहे हों, तब आप स्मार्ट बनिए और उन्हें बताइए कि वो नकली है!
ग्रेन्स पर दें ध्यान – ये थोड़ा टेक्निकल है तो इस पर थोड़ा
गौर करें. लेदर पर दिखने वाले छोटे-छोटे पैटर्न्स और ग्रेन्स ही आपको असली
लेदर की पहचान करने में मदद करत हैं. लेदर गार्मेंट या बैग को खींचकर उसके
ग्रेन्स देखने की कोशिश करें. असली लेदर के पैटर्न्स कभी भी एक जैसे नहीं
होंगे. इसके ग्रेन्स हमेशा इधर-उधर फैले रहते हैं और हमेशा ऐसे ही रहेंगे.
वहीं दूसरी तरफ, नकली लेदर पूरी तरह से मशीन्स में बनाया जाता है सेट
पैटर्न्स के साथ. जिस वजह से इसपर बनने वाले पैटर्न्स हमेशा एक जैसे ही
बनेंगे. आया समझ में?
क्या ये टिप्स आपके काम आए? कमेंट कर के बताएं
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