Monday, 23 April 2018

Cure for cancer

*कैंसर, बीमारी नहीं बिजनेस है, जानें चौंकाने वाला सच*

भले ही आपको इस बात पर यकीन न हो रहा हो, लेकिन यह पूरी जानकारी पढ़ने के बाद आप भी यही कहेंगे कि कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि चिकित्सा जगत में पैसा कमाने का साधन मात्र है।
पिछले कुछ सालों में कैंसर को एक तेजी से बढ़ती बीमारी के रूप में प्रचारित किया गया, जिसके इलाज के लिए कीमोथैरेपी, सर्जरी या और उपायों को अपनाया जाता है, जो महंगे होने के साथ-साथ मरीज के लिए उतने ही खतरनाक भी होते हैं। लेकिन अगर हम कहें कि कैंसर जैसी कोई बीमारी है ही नहीं तो? जी हां यह बात बिल्कुल सच है कि कोशिकाओं की अनियंत्रित वृद्धि को स्वास्थ्य जगत में कैंसर का नाम दिया गया है, और इससे अच्छी खासी कमाई भी की जाती है। लेकिन इस विषय पर लिखी गई एक किताब *'वर्ल्ड विदाउट कैंसर'* जो कि कैंसर से बचाव के हर पहलू को इंगित करती है और अब तक विश्व की कई भाषाओं में ट्रांसलेट की जा चुकी है, का दावा है कि कैंसर कोई बीमारी नहीं बल्कि शरीर में विटामिन बी17 की कमी होना है।
आपको यह बात जरूर जान लेना चाहिए कि कैंसर नाम की कोई बीमारी है ही नहीं, बल्कि यह शरीर में विटामिन बी17 की कमी से ज्यादा कुछ भी नहीं है। इस कमी को ही कैंसर का नाम देकर चिकित्सा के क्षेत्र में एक व्यवसाय के रूप में स्थापित कर लिया गया है, जिसका फायदा मरीज को कम और चिकित्सकों को अधिक होता है। चूंकि कैंसर मात्र शरीर में किसी विटामिन की कमी है, तो इसकी पूर्ति करके इसे कम किया जा सकता है और इससे बचा जा सकता है।
यह उसी तरह का मसला है जैसे सालों पहले स्कर्वी रोग से कई लोगों की मौते होती थीं, लेकिन बाद में खोज में यह सामने आया कि यह कोई रोग नहीं बल्कि विटामिन सी की कमी या अपर्याप्तता थी। कैंसर को लेकर भी कुछ ऐसा ही है। विटामिन बी 17 की कमी को कैंसर का नाम दिया गया है, लेकिन इससे डरने या मानसिक संतुलन खोने की जरूरत नहीं है। बल्कि आपको इसकी स्थिति को समझना होगा और उसके अनुसार इसके वैकल्पिक उपायों को अपनाना होगा।
इस कमी को पूरा करने के लिए फ्रूट स्टोन, खूबानी, सेब, पीच, नाशपाती, फलियां, अंकुरित दाल व अनाज, मसूर के साथ ही बादाम विटामिन बी 17 का बेहतरीन स्त्रोत है। इनके अलावा स्ट्रॉबेरी, ब्लू बेरी, ब्लैक बेरी, कपास व अलसी के बीच, जौ का दलिया, ओट्स, ब्राउन राइस, धान, कद्दू, ज्वार, अंकुरित गेहूं, ज्वारे, कुट्टू, जई, बाजरा, काजू, चिकनाई वाले सूखे मेवे आदि विटामिन बी17 के अच्छे स्त्रोत हैं। इन्हें अपनी रोज की डाइट में शामिल करके आप कैंसर से यानि इस विटामिन की कमी से होने वाली गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकते हैं। 
रोज 45 मिनिट योगा करे।
खासकर कपालभाति।
कपालभाति से शरीर के किसी भी हिस्से में हुए गठान या कैंसर को खत्म किया  जा सकता है।

जय श्री कृष्णा

डॉ निर्मला डाँगी
निर्मल सेवासंस्थान&निर्मल क्लीनिक 
हाट रोड रतलाम(मध्यप्रदेश)45701
मोब.7879444071
*(फारवर्डेड)*

Sunday, 22 April 2018

Mast joke

अब अपनी शख्सियत की,
भला मैं क्या मिसाल दूँ यारों..!!
:
ना जाने कितने लोग मशहूर हो गये,
मुझे बदनाम करते करते..!!

Mast joke

आज की भाषा में आज का सवाल:

कितने *जीबी* "बुद्धि" होने पर आदमी *"बुद्धिजीवी"* कहलाता है ?!!
🤔👻😂😂😂

Amazing fact about indian ads

What Indian advertisements have taught me.???

1. Kareena has dandruff problem, Katrina has dry hair problem,
Shilpa has hairfall problem

2. If you have a beautiful wife, make sure your neighbour doesn't use a deodorant in your absence.

3. Your complexion is more important than your qualifications.

4. If there is no salt in your kitchen you can use Toothpaste.

5. Every second oral care brand is No. 1 and recommended by every dentist in India!!!

6. If your daughter is not Ready to Get married, take her to a jewelry/textile shop.

7. Only reason why men use deodorant is to get girls.

8. Most Colas cure all kinds of phobias. You will be close to a superman, if you drink these regularly!!

9. All superstars are so poor that they prefer to risk life for a cool drink than to purchase it for Rs.15!

10. The special effects in shampoo ads are greater than special effects in Avatar.

11. Fruit content in shampoo and soap is more than fruit content in 99% of juices.

12. Amul has better satirical cartoonists than people who make better milk products.

13. Most people buy vehicles to travel in bad roads but complain about roads in India.

14. You can't eat Dairy Milk Silk without spreading it all over your face.

15. Nobody uses motorbikes for commuting, its only to pick up girls.

16. All soaps kill 99.9% of germs.

17. People believe that Bacardi makes music CD's and Directors special/Kingfisher make mineral water.

18. The only thing mothers and daughters talk to each other is usually about hair oil.

19. No matter what kind of expert one is, he'll always wear a white laboratory coat.

And, finally this... (to be read in one breath without any pause) 

20.Mutualfundinvestmentsaresubjecttomarketriskspleasereadtheofferdocumentcarefullybeforeinvestment

How to become doctor

🎡

*संघर्ष और चिकित्सक*

पिकासो (Picasso) स्पेन 
में जन्मे एक अति प्रसिद्ध चित्रकार थे। उनकी पेंटिंग्स दुनिया भर में करोड़ों और अरबों रुपयों में बिका करती थीं...!!

एक दिन रास्ते से गुजरते समय एक महिला की नजर पिकासो पर पड़ी और संयोग से उस महिला ने उन्हें पहचान लिया। वह दौड़ी हुई उनके पास आयी और बोली, 'सर, मैं आपकी बहुत बड़ी फैन हूँ। आपकी पेंटिंग्स मुझे बहुत ज्यादा पसंद हैं। क्या आप मेरे लिए भी एक पेंटिंग बनायेंगे...!!?'

पिकासो हँसते हुए बोले, 'मैं यहाँ खाली हाथ हूँ। मेरे पास कुछ भी नहीं है। मैं फिर कभी आपके लिए एक पेंटिंग बना दूंगा..!!'

लेकिन उस महिला ने भी जिद पकड़ ली, 'मुझे अभी एक पेंटिंग बना दीजिये, बाद में पता नहीं मैं आपसे मिल पाऊँगी या नहीं।'

पिकासो ने जेब से एक छोटा सा कागज निकाला और अपने पेन से उसपर कुछ बनाने लगे। करीब 10 मिनट के अंदर पिकासो ने पेंटिंग बनायीं और कहा, 'यह लो, यह मिलियन डॉलर की पेंटिंग है।'

महिला को बड़ा अजीब लगा कि पिकासो ने बस 10 मिनट में जल्दी से एक काम चलाऊ पेंटिंग बना दी है और बोल रहे हैं कि मिलियन डॉलर की पेंटिग है। उसने वह पेंटिंग ली और बिना कुछ बोले अपने घर आ गयी..!!

उसे लगा पिकासो उसको पागल बना रहा है। वह बाजार गयी और उस पेंटिंग की कीमत पता की। उसे बड़ा आश्चर्य हुआ कि वह पेंटिंग वास्तव में मिलियन डॉलर की थी...!!

वह भागी-भागी एक बार फिर पिकासो के पास आयी और बोली, 'सर आपने बिलकुल सही कहा था। यह तो मिलियन डॉलर की ही पेंटिंग है।'

पिकासो ने हँसते हुए कहा,'मैंने तो आपसे पहले ही कहा था।'

वह महिला बोली, 'सर, आप मुझे अपनी स्टूडेंट बना लीजिये और मुझे भी पेंटिंग बनानी सिखा दीजिये। जैसे आपने 10 मिनट में मिलियन डॉलर की पेंटिंग बना दी, वैसे ही मैं भी 10 मिनट में न सही, 10 घंटे में ही अच्छी पेंटिंग बना सकूँ, मुझे ऐसा बना दीजिये।'

पिकासो ने हँसते हुए कहा, _'यह पेंटिंग, जो मैंने 10 मिनट में बनायी है_ ...
_इसे सीखने में मुझे 30 साल का समय लगा है_। _मैंने अपने जीवन के 30 साल सीखने में दिए हैं_ ..!! तुम भी दो, सीख जाओगी..!!

वह महिला अवाक् और निःशब्द होकर पिकासो को देखती रह गयी...!!

एक चिकित्सक द्वारा 10 मिनट के प्रिस्क्रिप्शन पर 
जो फीस ली जाती है,
वो इस कहानी को बयां करती है।

Respect your Doctor
He sacrificed his youth to treat YOU

Bitter truth

*कटु सत्य..*

एक साधू किसी नदी के पनघट पर गया और पानी पीकर पत्थर पर सिर रखकर सो गया....!!!

पनघट पर पनिहारिन आती-जाती रहती हैं !!!

तो आईं तो एक ने कहा-
 "आहा! साधु हो गया, फिर भी तकिए का मोह नहीं गया...
पत्थर का ही सही, लेकिन रखा तो है।"

पनिहारिन की बात साधु ने सुन ली...
उसने तुरंत पत्थर फेंक दिया...

दूसरी बोली--
"साधु हुआ, लेकिन खीज नहीं गई.. 
अभी रोष नहीं गया, तकिया फेंक दिया।" 

तब साधु सोचने लगा, अब वह क्या करें ?

तब तीसरी बोली-
"बाबा! यह तो पनघट है,यहां तो हमारी जैसी पनिहारिनें आती ही रहेंगी, बोलती ही रहेंगी, उनके कहने पर तुम बार-बार परिवर्तन करोगे तो साधना कब करोगे?"

लेकिन चौथी ने
बहुत ही सुन्दर और एक बड़ी अद्भुत बात कह दी-
"क्षमा करना,लेकिन हमको लगता है, तूमने सब कुछ छोड़ा लेकिन अपना चित्त नहीं छोड़ा है, अभी तक वहीं का वहीं बने हुए है।
दुनिया पाखण्डी कहे तो कहे, तूम जैसे भी हो, हरिनाम लेते रहो।" 
सच तो यही है, दुनिया का तो काम ही है कहना...

आप ऊपर देखकर चलोगे तो कहेंगे... 
"अभिमानी हो गए।"

नीचे दखोगे तो कहेंगे... 
"बस किसी के सामने देखते ही नहीं।"

आंखे बंद करोगे तो कहेंगे कि... 
"ध्यान का नाटक कर रहा है।"

चारो ओर देखोगे तो कहेंगे कि... 
"निगाह का ठिकाना नहीं। निगाह घूमती ही रहती है।"

और परेशान होकर आंख फोड़ लोगे तो यही दुनिया कहेगी कि...
"किया हुआ भोगना ही पड़ता है।"

*ईश्वर को राजी करना आसान है..., लेकिन संसार को राजी करना असंभव है.... !!*

दुनिया क्या कहेगी..????
उस पर ध्यान दोगे तो....
आप अपना ध्यान नहीं लगा पाओगे.

*"अतः कर्म करो, आलोचनाओं की चिंता न करो...!!*
    🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻

What Bollywood give us

भारत को आखिर बॉलीवुड ने दिया क्या है ?

निवेदन एक बार जरूर पढे बॉलीवुड ने भारत को इतना सब कुछ दिया है, तभी तो आज देश यहाँ है ...

1. बलात्कार गैंग रेप करने के तरीके।
2. विवाह किये बिना लड़का लड़की का शारीरिक सम्बन्ध बनाना।
3. विवाह के दौरान लड़की को मंडप से भगाना
4. चोरी डकैती करने के तरीके।
5. भारतीय संस्कारो का उपहास उडाना।
6. लड़कियो को छोटे कपडे पहने की सीख देना....जिसे फैशन का नाम देना।
7. दारू सिगरेट चरस गांजा कैसे पिया और लाया जाये।
8. गुंडागर्दी कर के हफ्ता वसूली करना।
9. भगवान का मजाक बनाना और अपमानित करना।
10. पूजा पाठ यज्ञ करना पाखण्ड है व नमाज पढ़ना ईश्वर की सच्ची पूजा है।
11. भारतीयों को अंग्रेज बनाना।
12. भारतीय संस्कृति को मूर्खता पूर्ण बताना और पश्चिमी संस्कृति को श्रेष्ठ बताना।
13. माँ बाप को वृध्दाश्रम छोड़ के आना।
14. गाय पालन को मज़ाक बनाना और कुत्तों को उनसे श्रेष्ठ बताना और पालना सिखाना।
15. रोटी हरी सब्ज़ी खाना गलत बल्कि रेस्टोरेंट में पिज़्ज़ा बर्गर कोल्ड ड्रिंक और नॉन वेज खाना श्रेष्ठ है।
16. पंडितों को जोकर के रूप में दिखाना, चोटीरखना या यज्ञोपवीत पहनना मूर्खता है मगर बालो के अजीबो गरीब स्टाइल (गजनी) रखना व क्रॉस पहनना श्रेष्ठ है उससे आप सभ्य लगते है।
17. शुद्ध हिन्दी या संस्कृत बोलना हास्य वाली बात है और उर्दू या अंग्रेजी बोलना सभ्य पढ़ा-लिखा और अमीरी वाली बात...

हमारे देश की युवा पीढ़ी बॉलीवुड को और उसके अभिनेता और अभिनेत्रियों का अपना आदर्श मानती है.....अगर यही बॉलीवुड देश की संस्कृति सभ्यता दिखाए ..तो सत्य मानिये हमारी युवा पीढ़ी अपने रास्ते से कभी नही भटकेगी...

समझिये ..जानिए और आगे बढिए...

ये संदेश उन हिन्दू छोकरों के लिए है जो फिल्म देखने के बाद गले में क्रोस मुल्ले जैसी छोटी सी दाड़ी रख कर खुद को मॉडर्न समझते हैं हिन्दू नौजवानौं के रगो में धीमा जहर भरा जा रहा है फिल्म जेहाद*************

सलीम - जावेद की जोड़ी की लिखी हुई फिल्मो को देखे, तो उसमे आपको अक्सर बहुत ही चालाकी से हिन्दू धर्म का मजाक तथा मुस्लिम / इसाई / साईं बाबा को महान दिखाया जाता मिलेगा. इनकी लगभग हर फिल्म में एक महान मुस्लिम चरित्र अवश्य होता है और हिन्दू मंदिर का मजाक तथा संत के रूप में पाखंडी ठग देखने को मिलते है.

फिल्म "शोले" में धर्मेन्द्र भगवान् शिव की आड़ लेकर "हेमा मालिनी" को प्रेमजाल में फंसाना चाहता है जो यह साबित करता है कि - मंदिर में लोग लडकियां छेड़ने जाते है. इसी फिल्म में ए. के. हंगल इतना पक्का नमाजी है कि - बेटे की लाश को छोड़कर, यह कहकर नमाज पढने चल देता है.कि- उसे और बेटे क्यों नहीं दिए कुर्बान होने के लिए.

"दीवार" का अमिताभ बच्चन नास्तिक है और वो भगवान् का प्रसाद तक नहीं खाना चाहता है, लेकिन 786 लिखे हुए बिल्ले को हमेशा अपनी जेब में रखता है और वो बिल्ला भी बार बार अमिताभ बच्चन की जान बचाता है. 

"जंजीर" में भी अमिताभ नास्तिक है और जया भगवान से नाराज होकर गाना गाती है लेकिन शेरखान एक सच्चा इंसान है.

फिल्म 'शान" में अमिताभ बच्चन और शशिकपूर साधू के वेश में जनता को ठगते है लेकिन इसी फिल्म में "अब्दुल" जैसा सच्चा इंसान है जो सच्चाई के लिए जान दे देता है. 

फिल्म"क्रान्ति" में माता का भजन करने वाला राजा (प्रदीप कुमार) गद्दार है और करीमखान (शत्रुघ्न सिन्हा) एक महान देशभक्त, जो देश के लिए अपनी जान दे देता है.

अमर-अकबर-अन्थोनी में तीनो बच्चो का बाप किशनलाल एक खूनी स्मग्लर है लेकिन उनके बच्चों अकबर और अन्थोनी को पालने वाले मुस्लिम और ईसाई महान इंसान है. 
साईं बाबा का महिमामंडन भी इसी फिल्म के बाद शुरू हुआ था.

 फिल्म "हाथ की सफाई" में चोरी - ठगी को महिमामंडित करने वाली प्रार्थना भी आपको याद ही होगी.

कुल मिलाकर आपको इनकी फिल्म में हिन्दू नास्तिक मिलेगा या धर्म का उपहास करता हुआ कोई कारनामा दिखेगा और इसके साथ साथ आपको शेरखान पठान, DSP डिसूजा, अब्दुल, पादरी, माइकल, डेबिड, आदि जैसे आदर्श चरित्र देखने को मिलेंगे.....

हो सकता है आपने पहले कभी इस पर ध्यान न दिया हो लेकिन अबकी बार ज़रा ध्यान से देखना....
केवल सलीम / जावेद की ही नहीं बल्कि कादर खान, कैफ़ी आजमी, महेश भट्ट, आदि की फिल्मो का भी यही हाल है....

फिल्म इंडस्ट्री पर दाउद जैसों का नियंत्रण रहा है. इसमें अक्सर अपराधियों का महिमामंडन किया जाता है और पंडित को धूर्त, ठाकुर को जालिम, बनिए को सूदखोर, सरदार को मूर्ख कामेडियन, आदि ही दिखाया जाता है.

"फरहान अख्तर" की फिल्म "भाग मिल्खा भाग" में "हवन करेंगे" का आखिर क्या मतलब था ? 

pk में भगवान् का रोंग नंबर बताने वाले आमिर खान क्या कभी अल्ला के रोंग नंबर 786 पर भी कोई फिल्म बनायेंगे ? 

मेरा मानना है कि - यह सब महज इत्तेफाक नहीं है बल्कि सोची समझी साजिश है एक चाल है ।
यदि सहमत हों तो सर्वत्र फैलायें

Sunday, 15 April 2018

Geeta sar

*कृपया प्रश्नों के उत्तर कमेंट्स में दें*
आज का श्लोक : श्रीमद्भगवद्गीता यथारूप -- 2.34 
अध्याय 2: गीता का सार
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अकीर्तिं चापि भूतानि कथयिष्यन्ति तेSव्ययाम् |
सम्भावितस्य चाकीर्तिर्मरणादतिरिच्यते || ३४ ||
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अकीर्तिम् – अपयश; च – भी; अपि – इसके अतिरिक्त; भूतानि – सभी लोग; कथयिष्यन्ति – कहेंगे; ते – तुम्हारे; अव्ययाम् – अपयश, अपकीर्ति; मरणात् – मृत्यु से भी; अतिरिच्यते – अधिक होती है |
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लोग सदैव तुम्हारे अपयश का वर्णन करेंगे और सम्मानित व्यक्ति के लिए अपयश तो मृत्यु से भी बढ़कर है | 
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तात्पर्यः अब अर्जुन के मित्र तथा गुरु के रूप में भगवान् कृष्ण अर्जुन को युद्ध से विमुख न होने का अन्तिम निर्णय देते हैं | वे कहते हैं, "अर्जुन! यदि तुम युद्ध प्रारम्भ होने के पूर्व ही युद्धभूमि छोड़ देते हो तो लोग तुम्हें कायर कहेंगे | और यदि तुम सोचते हो कि लोग गाली देते रहें, किन्तु तुम युद्धभूमि से भागकर अपनी जान बचा लोगे तो मेरी सलाह है कि तुम्हें युद्ध में मर जाना ही श्रेयस्कर होगा | तुम जैसे सम्माननीय व्यक्ति के लिए अपकीर्ति मृत्यु से भी बुरी है | अतः तुम्हें प्राणभय से भागना नहीं चाहिए, युद्ध में अपनी प्रतिष्ठा खोने के अपयश से बच जाओगे |"
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अतः अर्जुन के लिए भगवान् का अन्तिम निर्णय था कि वह संग्राम से पलायन न करे अपितु युद्ध में मरे |
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प्रश्न 1 : भगवान् कृष्ण ने अर्जुन को सलाह दी ?

Friday, 13 April 2018

A real story

एक सभ्रांत प्रतीत होने वाली अतीव सुन्दरी ने विमान में प्रवेश किया और अपनी सीट की तलाश में नजरें घुमाईं । उसने देखा कि उसकी सीट एक ऐसे व्यक्ति के बगल में है जो जिसके दोनों ही हाथ नहीं है। महिला को उस अपाहिज व्यक्ति के पास बैठने में झिझक हुई !
उस 'सुंदर' महिला ने एयरहोस्टेस को कहा कि वह उसके लिए नियत सीट पर सुविधापूर्वक यात्रा नहीं कर पायेगी, क्योंकि साथ की सीट पर एक दोनों हाथ विहीन व्यक्ति बैठा हुआ है | उस सुन्दरी ने एयरहोस्टेस से सीट बदलने हेतु आग्रह किया | 
असहज हुई एयरहोस्टेस ने पूछा, "मैम क्या मुझे कारण बता सकती है"?
'सुंदर' महिला ने जवाब दिया: "मैं ऐसे लोगों को पसंद नहीं करती। मैं ऐसे व्यक्ति के पास बैठकर यात्रा नहीं कर पाउंगी "। 
दिखने में सभ्रांत और विनम्र प्रतीत होने वाली महिला के यह उद्गार सुनकर एयर हॉस्टेज़ अचंभित हो गई । सुन्दरी ने एक बार फिर एयरहोस्टेस से जोर देकर कहा कि मैं उस सीट पर नहीं बैठ सकती और मुझे कोई दूसरी सीट दे दी जाए ।
एयरहोस्टेस ने खाली सीट की तलाश में चारों ओर नजर घुमाई, पर कोई भी सीट खाली नहीं दिखी । 
एयरहोस्टेस ने महिला से कहा कि "मैडम इस इकोनोमी क्लास में कोई सीट रिक्त नहीं है, किन्तु यात्रियों की सुविधा का ध्यान रखना हमारा दायित्व है, अतः मैं वायुयान के कप्तान से बात करती हूँ, कृपया तब तक थोडा धैर्य रखें "। ऐसा कहकर होस्टेस कप्तान से बात करने चली गई |
कुछ समय बाद उसने लौट कर महिला को बताया, "महोदया! आपको जो असुविधा हुई, उसके लिए बहुत खेद है | इस पूरे विमान में, केवल एक सीट खाली है और वह प्रथम श्रेणी में है। मैंने हमारी टीम से बात की और हमने एक असाधारण निर्णय लिया। एक यात्री को इकोनॉमी क्लास से प्रथम श्रेणी में भेजने का कार्य हमारी कंपनी के इतिहास में पहली बार हो रहा है ... "।
'सुंदर' महिला अत्यंत प्रसन्न हो गई, किन्तु इसके पहले कि वह अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करती और एक शब्द भी बोल पाती ... एयरहोस्टेस उस अपाहिज और दोनों हाथ विहीन व्यक्ति की ओर बढ़ गई और विनम्रता पूर्वक उनसे पूछा "सर, क्या आप प्रथम श्रेणी में जा सकेंगे ? क्योंकि हम नहीं चाहते कि आप एक अशिष्ट यात्री के साथ यात्रा करने की त्रासदी भुगतें । "
यह सुनकर प्रत्येक यात्री ने ताली बजाकर इस निर्णय का स्वागत किया। वह अतीव सुन्दरी महिला तो अब शर्म से नजरें ही नहीं उठा पा रही थी।
तब उस अपाहिज व्यक्ति ने खड़े होकर कहा, "मैं एक भूतपूर्व सैनिक हूँ और मैंने एक ऑपरेशन के दौरान कश्मीर सीमा पर हुए बम विस्फोट में अपने दोनों हाथ खोये थे । सबसे पहले, जब मैंने इन देवी जी की चर्चा सुनी, तब मैं सोच रहा था: मैंने भी किन लोगों की सुरक्षा के लिए अपनी जान जोखिम में डाली और अपने हाथ खोये ? लेकिन जब आप सभी की प्रतिक्रिया देखी तो अब अपने आप पर गर्व महसूस हो रहा है कि मैंने अपने देश और देशवासियों की खातिर अपने दोनों हाथ खोये । "और इतना कह कर, वह प्रथम श्रेणी में चले गए।
'सुंदर' महिला पूरी तरह से शर्मिंदा होकर सर झुकाए सीट में गढ़ गई।
उस अतीव  सौंदर्य का भी कोई मूल्य नहीं अगर विचारों में उदात्तता न हो !

Monday, 2 April 2018

SC ST DANGA

किस बात का समर्थन करूँ?? 

-- बिना किसी जाँच के केवल एक शिकायत पर सीधे जेल में डालने का समर्थन करूँ?? 

-- ग्रामीण क्षेत्रों में OBC और मुसलमानों द्वारा आए दिन मार खाने और अपमान सहने के बावजूद दिन-रात "केवल ब्राह्मणों" को गाली देने का समर्थन करूँ?? 

-- हजारों में वेतन लेकर, कारों में घूमने और बच्चों को कान्वेंट में पढ़ाने के बावजूद खुद को "दलित" कहने और सरकार एवं हमारे टैक्स के पैसों को "चूसने" के अधिकार का समर्थन करूँ?? 

-- ब्राह्मण का बच्चा एक हजार रूपए "परीक्षा फीस" भरे, और आप मुफ्त में परीक्षा भी दें, और आने-जाने का रेल भाड़ा भी चूस लें? इसका समर्थन करूँ?? 

-- या फिर मेरे परदादा के परदादा के किसी कृत्य का "बदला" आज की तारीख में लेने वाली मानसिकता का समर्थन करूँ??
👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻👆🏻

SC ST DANGA

सावधान भारत!

1---सर्वोच्च न्यायालय ने,
क्या एससीएसटी ऐक्ट,
खत्म कर दिया है?

2---बिलकुल नहीं,
केवल यही तो कहा है कि,
शिकायत आने के बाद,
तुरन्त गिरफ्तारी नहीं होगी,

3----पहले सत्यता की जाँच होगी,
यदि तथ्य सही होगा तो,
गिरफ्तारी होगी,

4----जमानत भी दी जा सकती है,
तो अब विरोध क्यों?

5----क्या अंग्रेजों का शासन है?
न वकील,न दलील,
जब चाहो गिरफ्तार कर लो,
जब तक चाहो जेल में रखो

6----क्या सभी एससीएसटी,
शिकायत करने वाले,
राजा हरिश्चन्द्र हैं?

7---ये जो कहें बस वही सही है?

8----ये आरक्षण नहीं छोड़ेंगे,

9----जिसको चाहेंगे जेल भेज देंगे,

10---पच्चीस प्रतिशत अंक पर,
प्रोफेसर बन जाएंगे,

11----ब्राह्मणों को अपशब्द कहेंगे,
इन पर कोई कार्रवाई क्यों नहीं?

12----एक सवर्ण 
अत्याचार अधिनियम,
क्यों नहीं बनता?

13----क्या अनुच्छेद चौदह मात्र,
एससीएसटी के लिए ही है?

14-----सवर्ण क्या आत्महत्या कर लें?

15-----अन्याय जब 
चरम सीमा पर,हो जाता है तो,
क्रांति कोई रोक नहीं सकता,

16----किसी को 
इतना न दबाया जाय,
कि वह बागी बन जाये,

17----संविधान न्याय के लिए  बनाया गया है,
एससी एसटी के बदला लेने के लिए नहीं

*🤔सोचियेगा*

SC ST danga

जिसको आरक्षण दिया जा रहा है वो सामान्य आदमी बन ही नहीं पा रहा है....
जैसे किसी व्यक्ति को आरक्षण दिया गया और वो किसी सरकारी नौकरी में आ गया!अब उसका वेतन ₹5500 से₹50000 तक महीना है पर जब उसकी संतान हुई तो फिर वही से शुरुआत !
फिर वही गरीब पिछड़ा और सवर्णों के अत्याचार का मारा पैदा हुआ ।
उसका पिता लाखों रूपए सालाना कमा रहा है तथा उच्च पद पर आसीन है।सारी सरकारी सुविधाए ले रहा है।
वो खुद जिले के सबसे अच्छे स्कूल में पढ़ रहा है और सरकार उसे पिछड़ा मान रही है।
सदियों से सवर्णों के अत्याचार का शिकार मान रही है।
आपको आरक्षण देना है बिलकुल दो पर उसे नौकरी देने के बाद सामान्य तो बना दो ।
यह आरक्षण कब तक मिलता रहेगा उसे ?? इसकी भी कोई समय सीमा तो तय कर दो कि बस जाति विशेष में पैदा हो गया तो आरक्षण का हकदार हो गया।
*दादा जी जुल्म के मारे,
बाप जुल्म का मारा तथा पोता भी जुल्म का मारा!
वाह रे मेरे देश का दुर्भाग्य!*
जिस आरक्षण से उच्च पदस्थ अधिकारी , मन्त्री , प्रोफेसर , इंजीनियर, डॉक्टर भी पिछड़े ही रह जायें, ऐसे असफल अभियान को तुरंत बंद कर देना चाहिए ।
जिस कार्य से कोई आगे न बढ़ रहा हो उसे जारी रखना मूर्खतापूर्ण कार्य है।
हम में से कोई भी आरक्षण के खिलाफ नहीं, पर आरक्षण का आधार जातिगत ना होकर आर्थिक होना चाहिए।
""ऒर तत्काल प्रभाव से प्रमोशन में आरक्षण तो बंद होना ही चाहिए।नैतिकता भी यही कहती है।""
क्या कभी ऐसा हुआ है कि किसी मंदिर में प्रसाद बँट रहा हो तो एक व्यक्ति को चार बार मिल जाये ,और एक व्यक्ति लाइन में रहकर अपनी बारी का इंतजार ही करता रहे।
आरक्षण देना है तो उन गरीबों ,लाचारों को चुन चुन के दो जो बेचारे दो वक्त की रोटी को मोहताज हैं...चाहे वे अनपढ़ हो । चौकीदार , सफाई कर्मचारी ,सेक्युरिटी गार्ड कैसी भी नौकरी दो....हमें कोई आपत्ति नहीं।
ऐसे लोंगो को मुख्य धारा में लाना सरकार का सामाजिक उत्तरदायित्व है।
परन्तु भरे पेट वालों को बार बार 56 व्यंजन परोसने की यह नीति बंद होनी ही चाहिए।
जिसे एक बार आरक्षण मिल गया उसकी अगली पीढ़ियों को सामान्य मानना चाहिये और आरक्षण का लाभ नहीं मिलना चाहिये।
क्या आप भी सहमत हैं ?
*यदि हां तो आगे Share करना न भूलें!*🙏