*साधु किसे कहते है ।*
*तरुण सागर जी महाराज ---*
जिसके पेरौ मे जूता नही
सिर पर छाता नही
बेंक मे खाता नही
परिवार से नाता नही
उसे कहते है साधु ।
जिसके तन पे कपडा नही
वचन मे लफड़ा नही
मन मे क्षगडा नही
उसे कहते है साधु ।
जिसका कोई घर नही
किसी बात का डर नही
दुनिया का असर नही
उसे कहते है साधु ।
जिसके पास बीबी नही
साथ टीवी नही
अमीरी गरीबी नही
नाश्ते मे जलेबी नही
उसे कहते है साधु ।
जो कचचे पानी को छूता नही
बिसतर पर सोता नही
होटेल मे खाता नही
उसे कहते है साधु ।
जिसे नाई की जररूत नही
जिसे तेली की जररूत नही
जिसे सुनार की जररूत नही
जिसे लुहार की जररूत नही
जिसे दर्जी की जररूत नही
जिसे व्यापार की जररूत नही
जिसे धोबी की जररूत नही
फिर भी सबको धोता है
उसे कहते है साधु ।
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