कोंग्रेस सिर्फ हिन्दू विरोधी ही नहीं भारत विरोधी भी है....
जानिए ये काला सच
मित्रो इतिहास का एक छोटा सा पन्ना पलटा तो एक रहस्य ये भी दिखा की कोंग्रेस सिर्फ हिन्दू विरोधी ही नहीं भारत विरोधी भी है!
भारत को काँग्रेसियों ने आतंकवादियों का पनाहगाह अड्डा बना डाला!
हमारा सबसे बड़ा मित्र देश इस्राइल होना चाहिये था! लेकिन काँग्रेसियों की सरकार ने देश में आतंकवाद की आग जलती रहने के लिये चुना अराफ़ात को!!!
जब आतंकवादी यासिर अराफात ने फिलिस्तीन राष्ट्र की घोषणा की तो फिलिस्तीन को सबसे पहले मान्यता देने वाला देश कौन था ??
पता है ?
सउदी अरब?
जी नहीं!
पाकिस्तान?
नहीं भाई, नहीं!
अफगानिस्तान?
एकदम नहीं!!
तो क्या भारत??
जी हाँ!!
वो देश भारत ही था!
इंदिरा गाँधी ने मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए सबसे पहले फिलिस्तीन को मान्यता दिया! और यासिर अराफात जैसे आतंकवादी को नेहरु शांति पुरस्कार ५ करोड़ रूपये दिया! और राजीव गाँधी ने उसको इंदिरा गाँधी अंतर्राष्ट्रीय शांति पुरस्कार दिया!
राजीव गाँधी ने तो उसको पुरे विश्व में घूमने के लिए बोईंग ७४७ गिफ्ट में दिया था!
अब आगे सुनिए!
वही खुराफात सॉरी अराफात ने कश्मीर को पाकिस्तान का अभिन्न भाग बताया! और बोला कि पाकिस्तान जब चाहे तब मेरे लड़ाके कश्मीर की आज़ादी के लिए लड़ेंगे!!
इतना ही नहीं जिस व्यक्ति को दुनियाँ के १०३ देश आतंकवादी घोषित किये हों! और जिसने १० विमानों का अपहरण किया हो! और जिसने दो हज़ार निर्दोष लोगो को मारा हो!
ऐसे आतंकवादी यासिर अराफात को सबसे पहले भारत की कंगली कांग्रेस सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार ने नवाजा!
जी हाँ !!
इंदिरा गाँधी ने इसे नेहरु शांति पुरस्कार दिया! जिसमे पांच करोड़ रूपये नगद और दो सौ ग्राम सोने से बना एक शील्ड होता है!
अब आप सोचिये १९८३में मतलब आज से करीब ३४ साल पहले पांच करोड़ रूपये की क्या वैल्यू रही होगी ?
फिर राजीव गाँधी ने इसे इंदिरा गाँधी अंतरराष्ट्रीय शांति पुरस्कार से नवाजा!
फिर बाद मे यही यासिर अराफात कश्मीर के मामले पर खुलकर पाकिस्तान के साथ हो गया! और इसने घूम-घूम कर पूरे इस्लामिक देशों में कहा कि फिलिस्तीन और कश्मीर दोनों जगहों के मुसलमान गैर-मुसलमानों के हाथों मारे जा रहे हैं!
इसलिए पूरे मुस्लिम जगत को इन दोनों मामलो पर एकजुट होना चाहिए!
वाह रे काँग्रेस की सत्ता के लिए वोट बैंक की गंदी और घटिया राजनीति!
सबसे बड़ी आश्चर्य की बात! भारत की बहुसंख्यक हिन्दू जनता आंख मूंद कर गांधी के बन्दर बने थे।
वंदे मातरम्
No comments:
Post a Comment