Monday, 10 April 2017

इच्छापूर्ति वॄक्ष

🌴 *इच्छापूर्ति वॄक्ष* 🌴

                 एक घने जंगल में एक *इच्छापूर्ति वृक्ष* था, उसके नीचे बैठ कर कोई भी *इच्छा* करने से वह *तुरंत पूरी* हो जाती थी।
                यह बात बहुत कम लोग जानते थे..क्योंकि उस घने जंगल में जाने की कोई *हिम्मत ही नहीं* करता था।
                  एक बार संयोग से एक थका हुआ *व्यापारी* उस वृक्ष के नीचे आराम करने के लिए बैठ गया उसे पता ही नहीं चला कि कब उसकी नींद लग गई। 
                 *जागते ही* उसे बहुत *भूख लगी* ,उसने आस पास देखकर सोचा- ' काश *कुछ खाने को मिल जाए !*' तत्काल स्वादिष्ट *पकवानों से भरी थाली* हवा में तैरती हुई उसके सामने आ गई।
                   व्यापारी ने *भरपेट खाना* खाया और भूख शांत होने के बाद सोचने लगा..
                *काश कुछ पीने को मिल जाए..*' तत्काल उसके सामने हवा में तैरते हुए अनेक *शरबत* आ गए।
                  *शरबत* पीने के बाद वह आराम से बैठ कर सोचने लगा-   ' *कहीं मैं सपना तो नहीं देख रहा हूँ।*
            हवा में से खाना पानी प्रकट होते पहले कभी नहीं देखा न ही सुना..जरूर इस *पेड़ पर कोई भूत* रहता है जो मुझे खिला पिला कर बाद में *मुझे खा लेगा*  ऐसा सोचते ही तत्काल उसके सामने एक *भूत आया और उसे खा गया।*
              इस प्रसंग से आप यह सीख सकते है कि *हमारा मस्तिष्क ही इच्छापूर्ति वृक्ष है आप जिस चीज की प्रबल कामना करेंगे  वह आपको अवश्य मिलेगी।*
               अधिकांश लोगों को जीवन में बुरी चीजें इसलिए मिलतीहैं.....
क्योंकि वे *बुरी चीजों की ही कामना* करते हैं।
                   इंसान ज्यादातर समय सोचता है-कहीं बारिश में भीगने से मै *बीमार न हों जाँऊ* ..और वह *बीमार हो जाता हैं*..!
              
                इंसान सोचता है - मेरी *किस्मत ही खराब* है .. और उसकी *किस्मत सचमुच खराब* हो जाती हैं ..!
       
              इस तरह आप देखेंगे कि आपका *अवचेतन मन* इच्छापूर्ति वृक्ष की तरह आपकी *इच्छाओं को ईमानदारी से पूर्ण* करता है..!
                इसलिए आपको अपने मस्तिष्क में *विचारों को सावधानी से प्रवेश* करने की *अनुमति देनी चाहिए।*
               यदि *गलत विचार* अंदर आ जाएगे तो *गलत परिणाम* मिलेंगे। *विचारों पर काबू* रखना ही अपने *जीवन पर काबू* करने का रहस्य है..!
            आपके *विचारों से ही* आपका  *जीवन* या तो.. 
*स्वर्ग* बनता है या *नरक*..उनकी बदौलत ही आपका *जीवन सुखमय या दुख:मय* बनता है..
              *विचार जादूगर* की तरह होते है , जिन्हें *बदलकर* आप अपना *जीवन बदल* सकते है..!
           इसलिये सदा *सकारात्मक सोच* रखें .. यदि आप *अच्छा सोचने लगते है*तो पूरी *कायनात* आपको और अच्छा *देने में लग जाती है।*
                 आइए आज का मंगलमय दिन बिताएं सकारात्मक एवम उत्तम विचारों के साथ..
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