एक बार रेल में बैठे दो मुसाफिरों में लड़ाई हो रही थी। एक खिड़की खोल देता था और कहता था, गर्मी लग रही है, इसलिए खिड़की खुली रहने दो। दूसरा खिड़की बंद कर देता था और कहता सर्दी लग रही है इसलिए खिड़की बंद रहने दो। .......... जब उन्हें लड़ते-लड़ते काफी देर हो गई तो तीसरे मुसाफिर ने कहा- क्यों लड़ते हो भाई! कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि खिड़की का सिर्फ फ्रेम ही है, कांच नहीं।
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