*प्रसंग है*___
एक नवयुवती छज्जे पर बैठी है,
केश खुले हुए है और चेहरे को देखकर लगता है की वह उदास है, उसकी मुख मुद्रा देखकर लग रहा है कि जैसे वह छत से कूदकर आत्महत्या करने वाली है।
विभिन्न कवियों से अगर इस पर लिखने को कहा जाता तो वो कैसे लिखते.....
😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀😀
*मैथिली शरण गुप्त*-
अट्टालिका पर एक रमणी अनमनी सी है अहो
किस वेदना के भार से संतप्त हो देवी कहो ?
धीरज धरो संसार में, किसके नही है दुर्दिन फिरे
हे राम! रक्षा कीजिए, अबला न भूतल पर गिरे।😀
*काका हाथरसी*-
गोरी बैठी छत पर, कूदन को तैयार
नीचे पक्का फर्श है, भली करे करतार
भली करे करतार, न दे दे कोई धक्का
ऊपर मोटी नार, नीचे पतरे कक्का
कह काका कविराय, अरी मत आगे बढना
उधर कूदना मेरे ऊपर मत गिर पडना।😊
*गुलजार*-
वो बरसों पुरानी ईमारत
शायद
आज कुछ गुफ्तगू करना चाहती थी
कई सदियों से
उसकी छत से कोई कूदा नहीं था।
और आज
उस
तंग हालात
परेशां
स्याह आँखों वाली
उस लड़की ने
ईमारत के सफ़े
जैसे खोल ही दिए
आज फिर कुछ बात होगी
सुना है ईमारत खुश बहुत है...😀
*हरिवंश राय बच्चन*-
किस उलझन से क्षुब्ध आज
निश्चय यह तुमने कर डाला
घर चौखट को छोड़ त्याग
चड़ बैठी तुम चौथा माला
अभी समय है, जीवन सुरभित
पान करो इस का बाला
ऐसे कूद के मरने पर तो
नहीं मिलेगी मधुशाला 😊
*प्रसून जोशी साहेब*-
जिंदगी को तोड़ कर
मरोड़ कर
गुल्लकों को फोड़ कर
क्या हुआ जो जा रही हो
सोहबतों को छोड़ कर 😄
*रहीम*-
रहिमन कभउँ न फांदिये छत ऊपर दीवार
हल छूटे जो जन गिरें फूटै और कपार 😀
*तुलसी*-
छत चढ़ नारी उदासी कोप व्रत धारी
कूद ना जा री दुखारी
सैन्य समेत अबहिन आवत होइहैं रघुरारी 😟
*कबीर*-
कबीरा देखि दुःख आपने, कूदिंह छत से नार
तापे संकट ना कटे , खुले नरक का द्वार'' 😃
*श्याम नारायण पांडे*-
ओ घमंड मंडिनी, अखंड खंड मंडिनी
वीरता विमंडिनी, प्रचंड चंड चंडिनी
सिंहनी की ठान से, आन बान शान से
मान से, गुमान से, तुम गिरो मकान से
तुम डगर डगर गिरो, तुम नगर नगर गिरो
तुम गिरो अगर गिरो, शत्रु पर मगर गिरो।😃
*गोपाल दास नीरज*-
हो न उदास रूपसी, तू मुस्काती जा
मौत में भी जिन्दगी के कुछ फूल खिलाती जा
जाना तो हर एक को है, एक दिन जहान से
जाते जाते मेरा, एक गीत गुनगुनाती जा 😀
*राम कुमार वर्मा*-
हे सुन्दरी तुम मृत्यु की यूँ बॉट मत जोहो।
जानता हूँ इस जगत का
खो चुकि हो चाव अब तुम
और चढ़ के छत पे भरसक
खा चुकि हो ताव अब तुम
उसके उर के भार को समझो।
जीवन के उपहार को तुम ज़ाया ना खोहो,
हे सुन्दरी तुम मृत्यु की यूँ बाँट मत जोहो।😀
*हनी सिंह*-
कूद जा डार्लिंग क्या रखा है
जिंजर चाय बनाने में
यो यो की तो सीडी बज री
डिस्को में हरयाणे में
रोना धोना बंद कर
कर ले डांस हनी के गाने में
रॉक एंड रोल करेंगे कुड़िये
फार्म हाउस के तहखाने में..
😄😄😄😄😄😄😄😄😄
5 मिनट के बाद वो उठी और बोली --
चलो बाल तो सूख गए अब चल के नाश्ता कर लेती हूं..
😆😆😆😆😆😆😆😆😆
😜😜ss😜😜
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