Friday, 5 August 2016

Mast joke

शादी की 10वीं सालगिरह पर पत्नी पुलकित होकर बोली:
"आप बिलकुल भी नहीं बदले। वैसे के वैसे ही भोले-भाले, वैसे ही शांत, एकदम पहले जैसे ही हैं।"
पति भी भावुक होकर बोल उठा:-

"जो रहीम उत्तम प्रकृति, का करि सकत कुसंग।
चन्दन विष व्यापत नहीं, लिपटे रहत भुजंग।।"
(रहीम जी कहते हैं कि जिस प्रकार सांप के लिपटे रहने से भी चंदन के पेड़ पर विष का असर नहीं होता, ठीक उसी तरह उत्तम प्रकृति के मनुष्य पर कुसंगति का असर नहीं होता)

(पति की चोटों का इलाज़ चल रहा है।)

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