*मधुशाला : बिहार संस्करण*
पटना छपरा दरभंगा तक,
सूख गया रस का प्याला..
हाजीपुर के केले, पुल पर;
बेच रही है मधुबाला..।
घर-घर जाकर सूँघ रही है,
मित्र पुलिस, सुनिये बच्चन..
मेल कराती थी पहले, अब;
जेल कराती मधुशाला..।।
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