तुम्हारे बाद जान-ए-जाना..
हुनर है ज़िंदा रह जाना..
उन आँखों को ये इल्म हासिल है..
बात छुपा कर बात कह जाना..
उसका बदन फ़ूल सा नाज़ुक है..
आज तितलियों ने बताया तो जाना..
मैंने देखा है कलियों का..
तुम्हारे छूते ही खिल जाना..
अँधेरे सताएँ ना कहीं तुमको..
दिन ढलते ही घर अपने जाना..
तुम्हारी गली से इतना गुज़रे..
कि हर किसी ने पागल जाना..
बारिशों में याद है तुम्हारा..
भीगते नाचते गाते जाना..
कोई यहाँ किसी का नहीं है..
ये राज़ मैंने तुमसे जाना..
मोहब्बत लाइलाज बीमारी है..
बरबाद हो कर के हमने जाना..
शहरे नाबीना है तुम्हारा दिल..
इसने मुझे आज तक ना जाना..
तुम्हारी पर्दापोशी को जाने क्यों..
हमने पर्दानशीनि जाना..
एक हद तक अच्छा भी है..
तुम्हारा हद से गुज़र जाना..
बेनक़ाब देखा जब उसे..
क़यामत क्या है हमने जाना..
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