Wednesday, 20 July 2016

I love my India

राजमहल को शर्म नहीं है घायल होती धरती पर,

भारत मुर्दाबाद लिखा है श्रीनगर की छाती पर ;

मन करता है फूल चढ़ा दूं लोकतंत्र की अर्थी पर,

भारत के बेटे निर्वासित हैं अपनी ही धरती पर l

वे घाटी से खेल रहे हैं गैरों के बलबूतेपर,

जिनकी नाक टिकी रहती है पाकिस्तानी जूतों पर !

अब केवल आवश्यकता है हिम्मत की खुद्दारी की

दिल्ली मोहलत दे दे केवल 2 दिन की तैयारी की

सेना को आदेश थमा दो घाटी ग़ैर नहीं होगी

जहाँ तिरंगा नहीं मिलेगा उनकी खैर नहीं होगी 👏🇮🇳

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