Monday, 20 June 2016

Time is money

एक गिलहरी रोज अपने काम पर समय से आती थी और अपना काम पूर्ण मेहनत तथा ईमानदारी से करती थी !
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गिलहरी जरुरत से ज्यादा काम कर के भी खूब खुश थी क्यों कि उसके मालिक .......
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जंगल के राजा शेर नें उसे दस बोरी अखरोट देने का वादा कर रक्खा था !
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गिलहरी काम करते करते थक जाती थी तो सोचती थी कि थोडी आराम कर लूँ ....
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वैसे ही उसे याद आता था :- कि शेर उसे दस बोरी अखरोट देगा - गिलहरी फिर काम पर लग जाती !
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गिलहरी जब दूसरे गिलहरीयों को खेलते - कूदते देखती थी तो उसकी भी ईच्छा होती थी कि मैं भी enjoy करूँ !
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पर उसे अखरोट याद आ जाता था !
और वो फिर काम पर लग जाती !
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शेर कभी - कभी उसे दूसरे शेर के पास भी काम करने के लिये भेज देता था !
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ऐसा नहीं कि शेर उसे अखरोट नहीं देना चाहता था , शेर बहुत ईमानदार था !
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ऐसे ही समय बीतता रहा....
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एक दिन ऐसा भी आया जब जंगल के
राजा शेर ने गिलहरी को दस बोरी अखरोट दे कर आजाद कर दिया !
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गिलहरी अखरोट के पास बैठ कर सोचने लगी कि:-
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अब अखरोट हमारे किस काम के ?
पूरी जिन्दगी काम करते - करते दाँत तो घिस गये, इसे खाऊँगी कैसे !
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यह कहानी आज जीवन की हकीकत बन चुकी है !
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इन्सान अपनी इच्छाओं का त्याग करता है, और पूरी जिन्दगी नौकरी में बिता देता है !
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58/60 वर्ष की उम्र जब वो रिटायर्ड होता है तो उसे उसका फन्ड मिलता है !
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तब तक जनरेसन बदल चुकी होती है, परिवार को चलाने वाला मुखिया बदल जाता है ।
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क्या नये मुखिया को इस बात का अन्दाजा लग पायेगा की इस फन्ड के लिये : -
कितनी इच्छायें मरी होगी ?
कितनी तकलीफें मिली होंगी ?
कितनें सपनें रहे होंगे ?
- - - - - - - - - - - - - - - - - - - - क्या फायदा ऐसे फन्ड का जिसे
पाने के लिये पूरी जिन्दगी लगाई जाय और उसका इस्तेमाल खुद न कर सके !
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"इस धरती पर कोई ऐसा अमीर अभी
तक पैदा नहीं हुआ जो बीते हुए समय
को खरीद सके ।
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*TIME IS MONEY*
*Enjoy the TODAY*

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