क्या आप जानते हैं कि *सूखे की वजह क्या है ?
*आप को लगेगा अजीब बकवास है किन्तु यही अटल सत्य है.. .
*पीपल, बरगद और नीम के पेडों को सरकारी स्तर पर लगाना बन्द किया गया*
*पीपल कार्बन डाई ऑक्साइड को 100% सोख लेता है, बरगद़ 80% और नीम 75 %*
*सरकार ने कुछ लोगो को खुश करने के चक्कर में इन पेड़ों से दूरी बना ली तथा इसके बदले यूकेलिप्टस जोकि बहुत तेजी से बढ़ता है और दलदल वाली जमीन को सूखा करने के लिए लगाया जाता है, लगाना शुरू कर दिया जो जमीन को जल विहीन कर देता है। यह पेड़ पिछले 40 वर्ष से सभी राजमार्गों के दोनों तरफ लगाये जा रहे हैं।
*अब जब वायुमण्डल में रिफ्रेशर ही नही रहेगा तो गर्मी तो बढ़ेगी ही और जब गर्मी बढ़ेगी तो जल भाप बनकर उड़ेगा ही*
हर 500 मीटर की दूरी पर एक पीपल का पेड़ लगाये तो आने वाले कुछ साल भर बाद प्रदूषण मुक्त हिन्दुस्तान होगा
*वैसे आपको एक और जानकारी दे दी जाए*
पीपल के पत्ते का फलक अधिक और डंठल पतला होता है जिसकी वजह से शांत मौसम में भी पत्ते हिलते रहते हैं और स्वच्छ ऑक्सीजन देते रहते हैं।
वैसे भी पीपल को वृक्षों का राजा कहते है। इसकी वंदना में एक श्लोक देखिए-
मूलम् ब्रह्मा, त्वचा विष्णु,
सखा शंकरमेवच।
पत्रे-पत्रेका सर्वदेवानाम,
वृक्षराज नमस्तुते।
भावार्थ तो समझ ही गए होंगे।
*अब करने योग्य कार्य*
*इन जीवनदायी पेड़ो को ज्यादा से ज्यादा लगाये तथा यूकेलिप्टस पर बैन लगाया जाय*
इसके साथ नीम और बरगद के पौधे लगाएं ।
*जिसके पास इतनी जग़ह न हो वह तुलसी जी का पौधा लगाये*
*आइये हम सब मिलकर अपने "हिंदुस्तान" को प्राकृतिक आपदाओं से बचाये ।
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