चीन के डर से जो काम मनमोहन ने नहीं किया, मोदी ने कर दिखाया,
भारत ने चीन के खिलाफ अबतक का सबसे बड़ा सैन्य फैसला लिया है, पूरा मामला ये है की
भारत ने विएतनाम को दुनिया की सबसे तेज क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस बेचने का फैसला किया है
विएतनाम पिछले 5 सालों से इस मिसाइल के लिए भारत से मांग कर रहा था क्योंकि विएतनाम की चीन से दुश्मनी है और
विएतनाम चीन के खिलाफ ये मिसाइल चाहता था
पर चीन की धमकी के कारण 2011 में भारत ने विएतनाम की ये मांग ख़ारिज कर दी, उस समय UPA की मनमोहन सरकार थी
विएतनाम दक्षणि चीन महासागर में चीन का पडोसी है, चीन की भारत के साथ साथ विएतनाम से भी दुश्मनी है
विएतनाम इसी इलाके में चीन की हेकड़ी निकालने के लिए इस मिसाइल की मांग कर रहा था जो की भारत के पास है
आपको बता दें की भारत दुनिया में सबसे तेज क्रूज मिसाइल का मालिक है, ब्रह्मोस मिसाइल अमरीका की क्रूज मिसाइल हारपुन से भी कई गुना अधिक शक्षम है
अब मोदी सरकार ने चीन के खिलाफ मजबूती दिखाते हुए विएतनाम को ब्रह्मोस देने का फैसला किया है, इसपर चीन ने कड़ी आपत्ति जताई है पर इस बार भारत सरकार ने चीन को भाव नहीं दिया, क्यूंकि चीन भी भारत के विरोध के बावजूद पाकिस्तान को अपने हथियार हमेशा देते आ रहा भारत के इस फैसले से विएतनाम बहुत खुश है तथा चीन के पसीने
छूट चुके है क्योंकि
विएतनाम एक आक्रामक देश है वो हथियारों का इस्तेमाल भी करता है, आपको बता दें की विएतनाम अमरीका को भी 70 के दशक में युद्ध में हरा चुका है, तथा विएतनाम के नेता ने इसका श्रेय शिवाजी महाराज की छापामार युद्ध कला को दिया था।
विएतनाम एक लड़ाकू देश है, जहाँ भारत पहले हमले वाला देश नहीं है वहीँ विएतनाम पहले हमला करने वाला देश है, तथा उसकी सैन्य सोच दुनिया में सबसे आक्रामक मानी जाती ह
भारत ने आजतक किसी देश के खिलाफ ब्रह्मोस का इस्तेमाल नहीं किया पर जानकारों का मानना है की अगर विएतनाम को ये मिसाइल मिल जाये तो जल्द दुनिया इसका इस्तेमाल भी देख लेगी, ये चीज चीन को डरा रहा है।
Sunday, 12 June 2016
Jai Modi Sarkar
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