फालसा के फायदे जिसे पढ़कर आप चौक जायेगे -----------
फालसा (ग्रेविया एशियाटिका) गर्मियों के
लोकप्रिय फलों में से एक है अपने अनोखे स्वाद
की वजह से इसे हर कोई पसंद करता है । इसकी
तासीर ठंडी होने से यह हमारे शरीर को ठंडक
पहुंचाता है । फालसा छोटे छोटे गोल-मटोल
बेर के आकार के गहरे बैंगनी रंग के नरम और रसीले
जिनका स्वाद खट्-मिट्ठा होता है ।
फालसा खनिज लवण जैसे मैग्नीशियम,
पोटेशियम, सोडियम, फाॅस्फोरस, कैल्शियम ,
लोहा, साथ ही प्रोटीन,
कार्बोहाइडेट,विटामिन ए और सी और
एंटीआॅक्सीडेंट से भरपूर होता है ।
खटठे मीठे स्वाद वाले फालसे के फल में
विटामिन-सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता
है । इसके साथ ही सिट्रिक एसिड, एमीनो
एसिड, ग्रेवियानोल, बीटा एमिरिदीन,
बेट्यूलीन, फ्रेडीलिन, किम्फेराल, क्वेरसेटिन,
ल्यूपिनोन, ल्यूपियाल, डेल्फीनिडीन,
सायनीडीन, टेरेक्सास्टेरोल पाये जाते हैं।
आइये जाने फालसे के फायदे
1. पेट का शूलः सिकी हुई 3 ग्राम
अजवायन में फालसे का 25 से 30 ग्राम
रस डालकर थोड़ा सा गर्म करके पीने से
पेट का शूल मिटता है।
2. दिमाग की कमजोरीः कुछ दिनों तक
नाश्ते के स्थान पर फालसे का रस
उपयुक्त मात्रा में पीने से दिमाग की
कमजोरी एवं सुस्ती दूर होती है, फुर्ती
और शक्ति पैदा होती है।
3. श्वास, हिचकी, कफः कफदोष से होने
वाले श्वास, सर्दी तथा हिचकी में
फालसे का रस थोड़ा गर्म करके उसमें
थोड़ा अदरक का रस एवं सेंधा नमक
डालकर पीने से कफ बाहर निकल जाता
है तथा सर्दी, श्वास की तकलीफ एवं
हिचकी मिट जाती है।
4. हृदय की कमजोरीः फालसे का रस, नींबू
का रस, 1 चुटकी सेंधा नमक, 1-2 काली
मिर्च लेकर उसमें स्वादानुसार मिश्री
मिलाकर पीने से हृदय की कमजोरी में
लाभ होता है।
5. पेट की कमजोरीः पके फालसे के रस में
गुलाब जल एवं मिश्री मिलाकर रोज
पीने से पेट की कमजोरी दूर होती है एवं
उलटी उदरशूल, उबकाई आना आदि
तकलीफें दूर होती हैं एवं रक्तदोष भी
मिटता है।
6. पित्तविकारः गर्मी के दोष, नेत्रदाह,
मूत्रदाह, छाती या पेट में दाह, खट्टी
डकार आदि की तकलीफ में फालसे के रस
का शरबत बनाकर पीना तथा उष्ण-
तीक्ष्ण खुराक बंद कर केवल सात्त्विक
खुराक लेने से पित्तविकार मिटते हैं और
अधिक तृषा से भी राहत मिलती है।
7. हीमोग्लोबिन: फालसे में खनिज लवणों
की अधिकता होने के कारण इसके
नियमित सेवन से रक्त में हीमोग्लोबिन
के स्तर में सुधार होता है। इससे एनीमिया
का खतरा कम हो जाता है।
8. कैंसर: वैज्ञानिक शोधों से साबित हो
चुका है कि फालसा में रेडियोधर्मी
क्षमता होती है, जिसके चलते फालसा
में मौजूद पोषक तत्व कैंसर से लड़ने के
मूल्यवान स्त्रोत हैं।
9. फालसे में गर्मी के मौसम में लू लगने और
उससे होने वाले बुखार से बचने का कारगर
इलाज है। यह मस्तिष्क की गर्मी और
खुष्की दूर करके तरोताजा रखता है।
चिड़चिड़ापन दूर करता है। उल्टी और
घबराहट दूर करता है।
10. यह ज्यादा धूप में रहने के कारण शरीर के
खुले अंगों पर होने वाली लालिमा,
जलन, सूजन और कालेपन के इलाज में मदद
करता है।
11. इसमें मौजूद विटामिन सी शरीर में लोहे
के अवशोषण में मदद करता है, जिससे रक्त
को साफ करके रक्त विकारों पर काबू
पाने में मदद मिलती है।
12. विटामिन सी, खनिज लवण और
एंटीऑक्सीडेंट तत्वों से भरपूर फालसा के
सेवन से रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल के स्तर
को नियंत्रित किया जा सकता है,
जिससे हृदय के रोग का खतरा कम हो
जाता है।
13. यह पेशाब की जलन मिटाने में बहुत
सहायक रहता है और दिल की
कार्यक्षमता बढाने की शक्ति रखता है।
14. फालसा पेड़ की पत्तियां और तने भी
औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं त्वचा के
कटने, छिलने, जलने, दर्दनाक चकते पड़ने,
फोड़े होने, एक्जिमा, त्वचा संबंधी
रोगों में फालसा की पत्तियों को रात
भर भिगोने के बाद पीस कर लगाने से
बहुत लाभ होता है ।
15. फालसा गर्मियों में पित्तनाशक व
गर्मीनाशक माना जाता है। फालसा
खाने से यौवन शक्ति में वृद्धि होती है।
Saturday, 21 May 2016
Best summer useful message
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