एक तो चाँदनी रात थी, ऊपर से वो मेरे साथ
थी,
मैं उसके उपर चड़ा हुआ था, वो मेरे नीचे दबी
हुई थी,
हाथों में थे हमारे हाथ, और पैरों मैं थे पैर,
मैं ज़ोर लगाए जा रा था, वो आवाज़ निकाले जा रही
थी,
यारो ग़लत ना समझो वो मेरी साइकल थी।
थी,
मैं उसके उपर चड़ा हुआ था, वो मेरे नीचे दबी
हुई थी,
हाथों में थे हमारे हाथ, और पैरों मैं थे पैर,
मैं ज़ोर लगाए जा रा था, वो आवाज़ निकाले जा रही
थी,
यारो ग़लत ना समझो वो मेरी साइकल थी।
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