Wednesday, 15 July 2015

कभी ये आरजू थी कि हर कोई जाने मुझे …..

कभी ये आरजू थी कि हर कोई जाने मुझे …..
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आज ये तलब है कि गुमनाम ही रहूं मैँ ……… !!!!

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