Tuesday, 2 June 2015

एक बुढ़िया का दामाद बहुत काला था।

एक बुढ़िया का दामाद बहुत काला था।




सास: दामाद जी आप तो एक महीना यहाँ
रुको दूध, दही खाओ। मौज करो आराम से।




रहो यहाँ।


दामाद: अरे वाह सासू माँ! आज बड़ा प्यार आ
रहा है मुझ पे।






सास: अरे प्यार-व्यार कुछ नहीं कलमुहे! वो
हमारी भैंस का बच्चा मर गया है।







कम-से-कम
तुम्हे देखकर दूघ तो देती रहेगी।

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