एक बुढ़िया का दामाद बहुत काला था।
सास: दामाद जी आप तो एक महीना यहाँ
रुको दूध, दही खाओ। मौज करो आराम से।
रहो यहाँ।
दामाद: अरे वाह सासू माँ! आज बड़ा प्यार आ
रहा है मुझ पे।
सास: अरे प्यार-व्यार कुछ नहीं कलमुहे! वो
हमारी भैंस का बच्चा मर गया है।
कम-से-कम
तुम्हे देखकर दूघ तो देती रहेगी।
सास: दामाद जी आप तो एक महीना यहाँ
रुको दूध, दही खाओ। मौज करो आराम से।
रहो यहाँ।
दामाद: अरे वाह सासू माँ! आज बड़ा प्यार आ
रहा है मुझ पे।
सास: अरे प्यार-व्यार कुछ नहीं कलमुहे! वो
हमारी भैंस का बच्चा मर गया है।
कम-से-कम
तुम्हे देखकर दूघ तो देती रहेगी।
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