के सी त्यागी जी भी अजीब हैं।
बिना वजह बाबा रामदेव के पीछे पड़े हैं।
जबकि बाबा तो सही मायनों में बेटी बचाओ आन्दोलन के प्रणेता हैं।
याद करिए, रामलीला मैदान में इन्होंने नारा दिया था "बेटी बचाओ, बेटी बचाओ" और बेटियों ने इन्हें अपना सलवार कुरता देकर बचाया था।
असल में बाबा जी कन्या भ्रूण हत्या रोकना चाहते हैं।
उनकी दवा उन कूढ़मगजों के लिए है जिनके जीवन की पहली और आखिरी उप्लब्धि लड़का पैदा करना है।
अब जब फैक्ट्री से अपने मन मुताबिक़ प्रोडक्ट (लड़का) निकलेगा तो कन्या भ्रूण हत्या का सवाल ही नहीं उठता।
बिना वजह बाबा रामदेव के पीछे पड़े हैं।
जबकि बाबा तो सही मायनों में बेटी बचाओ आन्दोलन के प्रणेता हैं।
याद करिए, रामलीला मैदान में इन्होंने नारा दिया था "बेटी बचाओ, बेटी बचाओ" और बेटियों ने इन्हें अपना सलवार कुरता देकर बचाया था।
असल में बाबा जी कन्या भ्रूण हत्या रोकना चाहते हैं।
उनकी दवा उन कूढ़मगजों के लिए है जिनके जीवन की पहली और आखिरी उप्लब्धि लड़का पैदा करना है।
अब जब फैक्ट्री से अपने मन मुताबिक़ प्रोडक्ट (लड़का) निकलेगा तो कन्या भ्रूण हत्या का सवाल ही नहीं उठता।
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