Saturday, 30 May 2015

कोई चाहत की बात करता है तो कोई चाहने की.

शुप्रभात...... कोई चाहत की बात करता है तो कोई चाहने की.
हम दोनोँ आज़मा के बैठे हैँ.
ना चाहत मिली
ना तो चाहने वाले.!!

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