Saturday, 9 May 2015

एक लङकी थी रात को आँफिस से वापस लोट रही थी !

एक लङकी थी रात को आँफिस से
वापस लोट रही थी

देर भी हो गई थी...
पहली बार ऐसा हुआ

ओर काम भी ज्यादा था तो
टाइम का पता ही नही चला

वो सीधे auto stand पहुँची
वहाँ एक लङका खङा था
वो लङकी उसे देखकर डर गई

की कही उल्टा सीधा ना हो जाए
तभी वो लङका पास आया

ओर कहा बहन तू
मौका नही जिम्मेदारी हे मेरी

ओर जब तक तुझे कोई गाङी
नही मिल जाती

मैँ तुम्हे छोङकर
कहीँ नही जाउँगा

dont worry

वहाँ से एक ओटो वाला
गुजर रहा था

लङकी को अकेली
लङके के साथ देखा

तो तुरंत ओटो रोक दी
ओर कहा कहाँ जाना हे मेडम

आइये मे आपको छोङ देता हुँ
लङकी ओटो मे बेठ गई

रास्ते मे वो ओटो वाला
बोला तुम मेरी बेटी जैसी हो

इतनी रात को तुम्हे अकेला देखा
तो ओटो रोक दी

आजकल जमाना खराब हेना
और अकेली लङकी मौका नही
जिम्मेदारी होती हे

लङकी जहाँ रहती थी
वो एरिया आ चुका था

वो ओटो से उतर गई
ओर ओटो वाला चला गया

लेकिन अब भी लङकी को
दो अंधेरी गली से होकर
गुजरना था

वहाँ से सिर्फ
चलकर गुजरना था

तभी वहाँ से पानीपुरी वाला
गुजर रहा था

शायद वो भी काम से
वापस घर की ओर
गुजर रहा था

लङकी को अकेली देखकर कहा
आओ मेँ तुम्हे घर तक छोङ देता हुँ

उसने अपने ने ठेले को
वही छोङकर

एक टोर्च लेकर उस लङकी के साथ
अंधेरी गली की और निकल पङा

वो लङकी घर पहुँच चुकी थी

आज किसी की बेटी ,
बहन सही सलामत
घर पहुँच चुकी थी

मेरे भारत को तलाश हे
ऐसे तीन लोगो की

1) वो लङका जो
बस स्टेड पर खङा था

2)वो ओटो वाला ओर

3) वो पानीपुरी वाला

जिस दिन ये तीन लोग
मिल जाएगे

उस दिन मेरे भारत मेँ
रेप होना बंद हो जाएंगे तभी आएंगे अच्छे दिन।।

Kasam h apko
apki bahan ya maa ki
agar apne is post ko
dusre group mei forward
nhi kiya tho.

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