Wednesday, 27 May 2015

पप्पू हनीमून की रात पे-इतना घबरा क्यों रही हो जान

पप्पू हनीमून की रात पे-
इतना घबरा क्यों रही हो जान

बीवी- मुझे सेक्स के बारे में कुछ नही पता

पप्पू- बस इतनी से बात (लिंग की तरफ इशारा करते हुए) इसे बोलते है कैदी

(बीवी की योनि की तरफ इशारा करते हुए) और इसे कहते है जेल
बस कैदी को जेल के अंदर बाहर करना है

बीवी- बस इतनी सी बात
चलो शुरू करते है

पप्पू चढ़ जाता है और तसल्ली से सेटिंग करता है और बाद में थक कर एक तरफ लेट जाता है

बीवी थोड़ी देर बाद- सुनो जी जेल खुली है और कैदी बाहर है
पप्पू फिर चढ़ जाता है और दबा के चोदता है और पास में लेट जाता है

थोड़ी देर बाद बीवी का फिर से मन हो जाता है- सुनो जी जेल खुली है कैदी को अंदर घुसाओ

पप्पू बेचारा हिम्मत करके फिर से चालु हो जाता है और पसीने से लथपथ होकर लेट जाता है

लेकिन बीवी थोड़ी देर बाद फिर से गरम हो जाती है
"सुनो जी जेल खुली है और कैदी बाहर है"

परेशान पप्पू- तो भेन की लोड़ी थोड़ी देर बाहर की हवा खाने दे..... उमर क़ैद थोड़ी हुई है
😅
: 😆😆😆ऐकदम नवीन आहे मार्केट ची आयझवुन टाका

No comments:

Post a Comment