Thursday, 28 May 2015

एक गुरु और चेला समंदर के किनारे टहल रहे थे.

एक गुरु और चेला समंदर के किनारे टहल रहे
थे.
वहाँ उन्होंने एक बोर्ड देखा जिस पर
लिखा था -
“डूबते हुए को बचाने वाले को 500 रुपये
का इनाम दिया जाएगा.”
बोर्ड पढ़ते ही गुरु को एक आईडिया सूझा.
उसने चेले से
कहा – “मैं समंदर में कूद जाता हूँ और मदद के
लिए
चिल्लाता हूँ, तुम मुझे बचा लेना. जो 500 रुपये मिलेंगे
उसमें से 100 तुझे दूंगा … ठीक है ?”
चेला – “केवल 100 ? … 50% करिये ना ?”
गुरु – “100 रुपये से एक
पैसा ज्यादा नहीं दूंगा …
आईडिया मेरा है कि तेरा ?….चुपचाप जैसा मैं कहता हूँ वैसा कर !”
और गुरूजी समंदर में कूद कर मदद के लिए
चिल्लाने लगे.
चेला आराम से बैठकर देखता रहा.
उसे यूँ बैठे देखकर गुरूजी बोले – “अबे अब
आता क्यों नहीं मुझे बचाने ? मुझे सचमुच तैरना नहीं आता !”
चेला – “गुरूजी आपने बोर्ड ध्यान से
नहीं पढ़ा … नीचे
लिखा है -
“लाश निकालने वाले को 5000 रुपये
का इनाम दिया जाएगा … !!!”��������

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