Monday, 25 May 2015

वास्ता नहीं रखना तो नज़र क्यों रखते हो..?

वास्ता नहीं रखना तो नज़र क्यों रखते हो..?
किस हाल में हूँ ज़िंदा, ये ख़बर क्यों रखते हो...??




सब कुछ हासिल नही होता जिदगी मे यहाँ
       
        किसी का "काश"
                 तो
        किसी का "अगर"

��रह ही जाता है��

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