Tuesday, 5 May 2015

इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए!

इस से पहले की हवा शोर मचाने लग जाए!
मेरे "अल्लाह" मेरी ख़ाक ठिकाने लग जाए!!


घेरे रहते हैं खाली ख्वाब मेरी आँखों को!
काश कुछ देर मुझे नींद भी आने लग जाए!!

साल भर ईद का रास्ता नहीं देखा जाता!
वो गले मुझ से किसी और बहाने लग जाए!!

No comments:

Post a Comment