खुद का जुगाड़!
एक बार एक मरीज़ बड़ी दुखी सी हालत में डॉक्टर के पास आया।
मरीज- डॉक्टर साहब, मेरा खड़ा नहीं होता।
डॉक्टर: क्यों?
मरीज़: पता नहीं डॉक्टर साहब, मैंने बहुत कोशिश की पर नाकाम ही रहा।
डॉक्टर ने अपनी एक सेक्सी सी नर्स को अंदर बुलाया और उसे कपडे उतारने को कहा। नर्स ने अपने कपडे उतार दिए।
डॉक्टर: देखो अब खड़ा हुआ?
मरीज़: नहीं डॉक्टर साहब।
डॉक्टर (नर्स से): अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दो।
नर्स ने जैसा डॉक्टर ने कहा वैसा ही किया।
डॉक्टर: अब देखो, अब खड़ा हुआ?
मरीज़: जी नहीं, डॉक्टर साहब।
डॉक्टर ने थोड़ी देर सोचा और मरीज़ से कहा, "ठीक है, तुम बाहर जाओ क्योंकि मेरा तो खड़ा हो गया है।"
एक बार एक मरीज़ बड़ी दुखी सी हालत में डॉक्टर के पास आया।
मरीज- डॉक्टर साहब, मेरा खड़ा नहीं होता।
डॉक्टर: क्यों?
मरीज़: पता नहीं डॉक्टर साहब, मैंने बहुत कोशिश की पर नाकाम ही रहा।
डॉक्टर ने अपनी एक सेक्सी सी नर्स को अंदर बुलाया और उसे कपडे उतारने को कहा। नर्स ने अपने कपडे उतार दिए।
डॉक्टर: देखो अब खड़ा हुआ?
मरीज़: नहीं डॉक्टर साहब।
डॉक्टर (नर्स से): अपनी ब्रा और पैंटी भी उतार दो।
नर्स ने जैसा डॉक्टर ने कहा वैसा ही किया।
डॉक्टर: अब देखो, अब खड़ा हुआ?
मरीज़: जी नहीं, डॉक्टर साहब।
डॉक्टर ने थोड़ी देर सोचा और मरीज़ से कहा, "ठीक है, तुम बाहर जाओ क्योंकि मेरा तो खड़ा हो गया है।"
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