Thursday, 30 April 2015

"रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर; और. हम. "शौहरत" मांगते रह गये.


"रब" ने. नवाजा हमें. जिंदगी. देकर;
और. हम. "शौहरत" मांगते रह गये;
जिंदगी गुजार दी शौहरत. के पीछे;
फिर जीने की "मौहलत" मांगते रह गये।
ये कफन , ये. जनाज़े, ये "कब्र" सिर्फ. बातें हैं. मेरे
दोस्त,,,
वरना मर तो इंसान तभी जाता है जब याद करने
वाला कोई ना. हो...!!

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