कभी रोता हूँ, वो किसी को दिखाई
नहीं देता....😭
.
.
.
.
कभी चिंतित रहता हूँ, कोई परवाह
नही करता....😰
.
.
.
.
कभी मायूस होता हूँ, कोई पूछने तक नही आता....😞
.
.
.
.
.
पर जब कभी
.
.
.
कचोरी की दुकान पर अकेला खाने बैैठ जाता हूँ,
कोई मराने चला ही आता है....
क्या भाई अकेले-अकेले...??
😳😳😳😳😳😳😳
नहीं देता....😭
.
.
.
.
कभी चिंतित रहता हूँ, कोई परवाह
नही करता....😰
.
.
.
.
कभी मायूस होता हूँ, कोई पूछने तक नही आता....😞
.
.
.
.
.
पर जब कभी
.
.
.
कचोरी की दुकान पर अकेला खाने बैैठ जाता हूँ,
कोई मराने चला ही आता है....
क्या भाई अकेले-अकेले...??
😳😳😳😳😳😳😳
No comments:
Post a Comment