जिन्दगी गुजर जाती है
एक मकान बनाने में।
और
कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में।
ना उजाड़ ए - खुदा किसी के आशियाने को,🙏
वक़्त बहुत लगता है, एक छोटा सा घर बनाने को...!!
एक मकान बनाने में।
और
कुदरत उफ़ तक नहीं करती बस्तियाँ गिराने में।
ना उजाड़ ए - खुदा किसी के आशियाने को,🙏
वक़्त बहुत लगता है, एक छोटा सा घर बनाने को...!!
No comments:
Post a Comment