Wednesday, 29 April 2015

जाने किसकी दुआओं के साये में है महफूज जिन्दगी....भूकंप भी निकल जाते हैं सर से हवा के झोंके बन कर।

जाने किसकी दुआओं के साये में है महफूज जिन्दगी....भूकंप भी निकल जाते हैं सर से हवा के झोंके बन कर।🙏💐🙏💐

एक कवि की बहुत खूबसूरत पंक्तियाँ...
एक नफरत ही है
जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है...
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वरना चाहत का यक़ीन दिलाने में तो
ज़िन्दगी बीत जाती है..!!

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