Monday, 30 January 2017

Sanjay Leela Bhansali

इतना शेयर करो कि आपका हर शेयर संजय लीला भंसाली के मुह पर तमाचे की तरह लगे.. पद्मावती रानी के त्याग का अल्प इतिहास बताते हुए संजय लीला भंसाली को चेतावनी -- कवि अमित शर्मा...

बॉलीवुड में भांड भरे है, नीयत सबकी काली है...
इतिहासों को बदल रहे, संजय लीला भंसाली है...

चालीस युद्ध जितने वाले को ना वीर बताया था...
संजय तुमने बाजीराव को बस आशिक़ दर्शाया था...

सहनशीलता की संजय हर बात पुरानी छोड़ चुके...
देश धर्म की खातिर हम कितनी मस्तानी छोड़ चुके...

अपराध जघन्य है तेरा, दोषी बॉलीवुड सारा है...
इसलिए 'करणी सेना' ने सेट पर जाकर मारा है...

संजय तुमको मर्द मानता, जो अजमेर भी जाते तुम...
दरगाह वाले हाजी का भी नरसंहार दिखाते तुम...

सच्चा कलमकार हूँ संजय, दर्पण तुम्हे दिखता हूँ...
जौहर पदमा रानी का, तुमको आज बताता हूँ...

सुन्दर रूप देख रानी का बैर लिया था खिलजी ने...
चित्तौड़ दुर्ग का कोना कोना घेर लिया था खिलजी ने...

मांस नोचते गिद्धों से, लड़ते वो शाकाहारी थे...
मुट्ठी भर थे राजपूत, लेकिन मुगलो पर भारी थे...

राजपूतो की देख वीरता, खिलजी उसदिन काँप गया...
लड़कर जीत नहीं सकता वो ये सच्चाई भांप गया...

राजा रतन सिंह से बोला, राजा इतना काम करो...
हिंसा में नुकसान सभी का अभी युद्ध विराम करो...

पैगाम हमारा जाकर रानी पद्मावती को बतला दो...
चेहरा विश्व सुंदरी का बस दर्पण में ही दिखला दो...

राजा ने रानी से बोला रानी मान गयी थी जी...
चित्तौड़ नहीं ढहने दूंगी ये रानी ठान गयी थी जी...

अगले दिन चित्तौड़ में खिलजी सेनापति के संग आया...
समकक्ष रूप चंद्रमा सा पद्मावती ने दिखलाया...

रूप देखकर रानी का खिलजी घायल सा लगता था...
दुष्ट दरिंदा पापी वो पागल पागल सा लगता था...

रतन सिंह थे भोले राजा उस खिलजी से   छले गए...
कैद किया खिलजी ने उनको जेलखाने में चले गए...

खिलजी ने सन्देश दिया चित्तौड़ की शान बक्श दूंगा...
मेरी रानी बन जाओ,,,,, राजा की जान बक्श दूंगा...

रानी ने सन्देश लिखा,, मैं तन मन अर्पण करती हूँ...
संग में नौ सौ दासी है और स्वयं समर्पण करती हूँ...

सभी पालकी में रानी ने बस सेना ही बिठाई थी...
सारी पालकी उस दुर्गा ने खिलजी को भिजवाई थी...

सेना भेजकर रानी ने जय जय श्री राम बोल दिया...
अग्नि कुंड तैयार किया था और साका भी खोल दिया...

मिली सुचना सारे सैनिक, मौत के घाट उतार दिए...
और दुष्ट खिलजी ने राजा रतन सिंह भी मार दिए...

मानो अग्नि कुंड की अग्नि उस दिन पानी पानी थी...
सोलह हजार नारियो के संग जलती पदमा रानी थी...

सच्चाई को दिखलाओ,,,, हम सभी सत्य स्वीकारेंगे...
झूठ दिखाओगे संजय,,, तो मुम्बई आकर मरेंगे...

जय जय श्री राम

Sunday, 29 January 2017

Important information

*DO YOU KNOW*?

1. *Your shoes are the first thing people subconsciously notice about you. Wear nice shoes.*

2. *If you sit for more than 11 hours a day, there's a 50% chance you'll die within the next 3 years.*

3. *There are at least 6 people in the world who look exactly like you. There's a 9% chance that you'll meet one of them in your lifetime.*

4. *Sleeping without a pillow reduces back pain and keeps your spine stronger.*

5. *A person's height is determined by their father, and their weight is determined by their mother.*

6. *If a part of your body "falls asleep", you can almost always "wake it up" by shaking your head.*

7. *There are three things the human brain cannot resist noticing - Food, attractive people and danger.*

8. *Right-handed people tend to chew food on their right side.*

9. *Putting dry tea bags in gym bags or smelly shoes will absorb the unpleasant odour.*

10. *According to Albert Einstein, if honey bees were to disappear from earth, humans would be dead within 4 years.*

11. *There are so many kind of apples, that if you ate a new one everyday, it would take over 20 years to try them all.*

12. *You can survive without eating for weeks, but you will only live 11 days without sleeping.*

13. *People who laugh a lot are healthier than those who don't.*

14. *Laziness and inactivity kills just as many people as smoking.*

15. *A human brain has a capacity to store 5 times as much information as Wikipedia*

16. *Our brain uses same amount power as 10-watt light bulb!!*

17. *Our body gives enough heat in 30 mins to boil 1.5 litres of water!!*

18. *Stomach acid (conc. HCl) is strong enough to dissolve razor blades!!*

19. *Take a 10-30 minute walk every day. & while you walk, SMILE. It is the ultimate antidepressant.*

20. *✋Fwd‬ this to everyone ☝on your list...a worthy information for people to be aware of.*👍

Thursday, 26 January 2017

Who is Nathuram Godse

गांधी वध क्यों एक ऐसी पुस्तक है जिससे डरकर
कांग्रेस ने इस पर प्रतिबंध लगा दिया था गाँधी वध
क्यों ?
क्या थी विभाजन की पीड़ा ?
विभाजन के समय हुआ क्या क्या ?
विभाजन के लिए क्या था विभिन्न राजनैतिक
पार्टियों दृष्टिकोण ?क्या थी पीड़ा पाकिस्तान
से आये हिन्दू शरणार्थियों की ... मदन लाल पाहवा
और विष्णु करकरे की?
क्या थी गोडसे की विवशता ?
क्या गोडसे नही जानते थे की आम आदमी को मरने
में और एक राष्ट्रपिता को मरने में क्या अंतर है ?
क्या होगा परिवार का ?
कैसे कैसे कष्ट सहने पड़ेंगे परिवार और सम्बन्धियों को
और मित्रों को ?
क्या था गांधी वध का वास्तविक कारण ?
क्या हुआ 30 जनवरी की रात्री को ... पुणे के
ब्राह्मणों के साथ ?
क्या था सावरकर और हिन्दू महासभा का चिन्तन ?
क्या हुआ गोडसे के बाद नारायण राव आप्टे का ..
कैसी नृशंस फांसी दी गयी उन्हें l
यह लेख पढने के बाद कृपया बताएं कैसे उतारेगा
भारतीय जनमानस पंडित नाथूराम गोडसे जी का
कर्ज....
आइये इन सब सवालों के उत्तर खोजें ....
पाकिस्तान से दिल्ली की तरफ जो रेलगाड़िया आ
रही थी, उनमे हिन्दू इस प्रकार बैठे थे जैसे माल की
बोरिया एक के ऊपर एक रची जाती हैं.अन्दर
ज्यादातर मरे हुए ही थे, गला कटे हुए lरेलगाड़ी के
छप्पर पर बहुत से लोग बैठे हुए थे, डिब्बों के अन्दर
सिर्फ सांस लेने भर की जगह बाकी थी l
बैलगाड़िया ट्रक्स हिन्दुओं से भरे हुए थे, रेलगाड़ियों
पर लिखा हुआ था,," आज़ादी का तोहफा "
रेलगाड़ी में जो लाशें भरी हुई थी उनकी हालत कुछ
ऐसी थी की उनको उठाना मुश्किल था, दिल्ली
पुलिस को फावड़ें में उन लाशों को भरकर उठाना
पड़ा l ट्रक में भरकर किसी निर्जन स्थान पर ले
जाकर, उन पर पेट्रोल के फवारे मारकर उन लाशों को
जलाना पड़ा इतनी विकट हालत थी उन मृतदेहों
की... भयानक बदबू......
सियालकोट से खबरे आ रही थी की वहां से हिन्दुओं
को निकाला जा रहा हैं, उनके घर, उनकी खेती,
पैसा-अडका, सोना-चाँदी, बर्तन सब मुसलमानों ने
अपने कब्जे में ले लिए थे l मुस्लिम लीग ने सिवाय
कपड़ों के कुछ भी ले जाने पर रोक लगा दी थी.
किसी भी गाडी पर हल्ला करके हाथ को लगे उतनी
महिलाओं- बच्चियों को भगाया गया.बलात्कार
किये बिना एक भी हिन्दू स्त्री वहां से वापस नहीं
आ सकती थी ... बलात्कार किये बिना.....?
जो स्त्रियाँ वहां से जिन्दा वापस आई वो अपनी
वैद्यकीय जांच करवाने से डर रही थी....
डॉक्टर ने पूछा क्यों ???
उन महिलाओं ने जवाब दिया... हम आपको क्या
बताये हमें क्या हुआ हैं ?
हमपर कितने लोगों ने बलात्कार किये हैं हमें भी पता
नहीं हैं...उनके सारे शारीर पर चाकुओं के घाव थे.
"आज़ादी का तोहफा"
जिन स्थानों से लोगों ने जाने से मना कर दिया, उन
स्थानों पर हिन्दू स्त्रियों की नग्न यात्राएं (धिंड)
निकाली गयीं, बाज़ार सजाकर उनकी बोलियाँ
लगायी गयीं और उनको दासियों की तरह खरीदा
बेचा गया l
1947 के बाद दिल्ली में 400000 हिन्दू निर्वासित
आये, और इन हिन्दुओं को जिस हाल में यहाँ आना
पड़ा था, उसके बावजूद पाकिस्तान को पचपन करोड़
रुपये देने ही चाहिए ऐसा महात्मा जी का आग्रह
था...क्योकि एक तिहाई भारत के तुकडे हुए हैं तो
भारत के खजाने का एक तिहाई हिस्सा
पाकिस्तान को मिलना चाहिए था l
विधि मंडल ने विरोध किया, पैसा नहीं देगे....और
फिर बिरला भवन के पटांगन में महात्मा जी अनशन
पर बैठ गए.....पैसे दो, नहीं तो मैं मर जाउगा....एक
तरफ अपने मुहँ से ये कहने वाले महात्मा जी, की
हिंसा उनको पसंद नहीं हैं l
दूसरी तरफ जो हिंसा कर रहे थे उनके लिए अनशन पर
बैठ गए... क्या यह हिंसा नहीं थी .. अहिंसक
आतंकवाद की आड़ में
दिल्ली में हिन्दू निर्वासितों के रहने की कोई
व्यवस्था नहीं थी, इससे ज्यादा बुरी बात ये थी की
दिल्ली में खाली पड़ी मस्जिदों में हिन्दुओं ने शरण
ली तब बिरला भवन से महात्मा जी ने भाषण में कहा
की दिल्ली पुलिस को मेरा आदेश हैं मस्जिद जैसी
चीजों पर हिन्दुओं का कोई ताबा नहीं रहना
चाहिए l निर्वासितों को बाहर निकालकर
मस्जिदे खाली करे..क्योंकि महात्मा जी की दृष्टी
में जान सिर्फ मुसलमानों में थी हिन्दुओं में नहीं...
जनवरी की कडकडाती ठंडी में हिन्दू महिलाओं और
छोटे छोटे बच्चों को हाथ पकड़कर पुलिस ने मस्जिद
के बाहर निकाला, गटर के किनारे रहो लेकिन छत के
निचे नहीं l क्योकि... तुम हिन्दू हो....
4000000 हिन्दू भारत में आये थे,ये सोचकर की ये
भारत हमारा हैं....ये सब निर्वासित गांधीजी से
मिलाने बिरला भवन जाते थे तब गांधीजी माइक पर
से कहते थे क्यों आये यहाँ अपने घर जायदाद बेचकर,
वहीँ पर अहिंसात्मक प्रतिकार करके क्यों नहीं
रहे ??
यही अपराध हुआ तुमसे अभी भी वही वापस
जाओ..और ये महात्मा किस आशा पर पाकिस्तान
को पचपन करोड़ रुपये देने निकले थे ?
कैसा होगा वो मोहनदास करमचन्द गाजी उर्फ़
गंधासुर ... कितना महान ...
जिसने बिना तलवार उठाये ... 35 लाख हिन्दुओं का
नरसंहार करवाया
2 करोड़ से ज्यादा हिन्दुओं का इस्लाम में धर्मांतरण
हुआऔर उसके बाद यह संख्या 10 करोड़ भी पहुंची l
10 लाख से ज्यादा हिन्दू नारियों को खरीदा
बेचा गया l
20 लाख से ज्यादा हिन्दू नारियों को जबरन
मुस्लिम बना कर अपने घरों में रखा गया, तरह तरह की
शारीरिक और मानसिक यातनाओं के बाद ऐसे बहुत
से प्रश्न, वास्तविकताएं और सत्य तथा तथ्य हैं जो
की 1947 के समकालीन लोगों ने अपनी आने वाली
पीढ़ियों से छुपाये, हिन्दू कहते हैं की जो हो गया
उसे भूल जाओ, नए कल की शुरुआत करो ...
परन्तु इस्लाम के लिए तो कोई कल नहीं .. कोई आज
नहीं ...वहां तो दार-उल-हर्ब को दार-उल-इस्लाम में
बदलने का ही लक्ष्य है पल.. प्रति पल
विभाजन के बाद एक और विभाजन का षड्यंत्र ...
=========================
आपने बहुत से देशों में से नए देशों का निर्माण देखा
होगा, U S S R टूटने के बाद बहुत से नए देश बने, जैसे
ताजिकिस्तान, कजाकिस्तान आदि ... परन्तु यह
सब देश जो बने वो एक परिभाषित अविभाजित
सीमा के अंदर बने l
और जब भारत का विभाजन हुआ .. तो क्या कारण
थे की पूर्वी पाकिस्तान और पश्चिमी पाकिस्तान
बनाए गए... क्यों नही एक ही पाकिस्तान बनाया
गया... या तो पश्चिम में बना लेते या फिर पूर्व में l
परन्तु ऐसा नही हुआ .... यहाँ पर उल्लेखनीय है की
मोहनदास करमचन्द ने तो यहाँ तक कहा था की पूरा
पंजाब पाकिस्तान में जाना चाहिए, बहुत कम
लोगों को ज्ञात है की 1947 के समय में पंजाब की
सीमा दिल्ली के नजफगढ़ क्षेत्र तक होती थी ...
यानी की पाकिस्तान का बोर्डर दिल्ली के साथ
होना तय था ... मोहनदास करमचन्द के अनुसार l
नवम्बर 1968 में पंजाब में से दो नये राज्यों का उदय
हुआ .. हिमाचल प्रदेश और हरियाणा l
पाकिस्तान जैसा मुस्लिम राष्ट्र पाने के बाद भी
जिन्ना और मुस्लिम लीग चैन से नहीं बैठे ...
उन्होंने फिर से मांग की ... की हमको पश्चिमी
पाकिस्तान से पूर्वी पाकिस्तान जाने में बहुत
समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं l
1. पानी के रास्ते बहुत लम्बा सफर हो जाता है
क्योंकि श्री लंका के रस्ते से घूम कर जाना पड़ता है l
2. और हवाई जहाज से यात्राएं करने में अभी
पाकिस्तान के मुसलमान सक्षम नही हैं l इसलिए ....
कुछ मांगें रखी गयीं 1. इसलिए हमको भारत के
बीचो बीच एक Corridor बना कर दिया जाए....
2. जो लाहोर से ढाका तक जाता हो ... (NH - 1)
3. जो दिल्ली के पास से जाता हो ...
4. जिसकी चौड़ाई कम से कम 10 मील की हो ...
(10 Miles = 16 KM)
5. इस पूरे Corridor में केवल मुस्लिम लोग ही रहेंगे l
30 जनवरी को गांधी वध यदि न होता, तो
तत्कालीन परिस्थितियों में बच्चा बच्चा यह
जानता था की यदि मोहनदास करमचन्द 3 फरवरी,
1948 को पाकिस्तान पहुँच गया तो इस मांग को
भी ...मान लिया जायेगा l
तात्कालिक परिस्थितियों के अनुसार तो
मोहनदास करमचन्द किसी की बात सुनने की
स्थिति में था न ही समझने में ...और समय भी नहीं
था जिसके कारण हुतात्मा नाथूराम गोडसे जी को
गांधी वध जैसा अत्यधिक साहसी और शौर्यतापूर्ण
निर्णय लेना पडा l
हुतात्मा का अर्थ होता है जिस आत्मा ने अपने
प्राणों की आहुति दी हो .... जिसको की
वीरगति को प्राप्त होना भी कहा जाता है l
यहाँ यह सार्थक चर्चा का विषय होना चाहिए की
हुतात्मा पंडित नाथूराम गोडसे जीने क्या एक बार
भी नहीं सोचा होगा की वो क्या करने जा रहे हैं ?
किसके लिए ये सब कुछ कर रहे हैं ?
उनके इस निर्णय से उनके घर, परिवार, सम्बन्धियों,
उनकी जाती और उनसे जुड़े संगठनो पर क्या असर
पड़ेगा ?
घर परिवार का तो जो हुआ सो हुआ .... जाने कितने
जघन्य प्रकारों से समस्त परिवार और सम्बन्धियों
को प्रताड़ित किया गया l
परन्तु ..... अहिंसा का पाठ पढ़ाने वाले मोहनदास
करमचन्द के कुछ अहिंसक आतंकवादियों ने 30 जनवरी,
1948 की रात को ही पुणे में 6000 ब्राह्मणों को चुन
चुन कर घर से निकाल निकाल कर जिन्दा जलाया l
10000 से ज्यादा ब्राह्मणों के घर और दुकानें जलाए
गए l
सोचने का विषय यह है की उस समय संचार माध्यम
इतने उच्च कोटि के नहीं थे, विकसित नही थे ... फिर
कैसे 3 घंटे के अंदर अंदर इतना सुनियोजित तरीके से
इतना बड़ा नरसंहार कर दिया गया ....
सवाल उठता है की ... क्या उन अहिंसक
आतंकवादियों को पहले से यह ज्ञात था की गांधी
वध होने वाला है ?
जस्टिस खोसला जिन्होंने गांधी वध से सम्बन्धित
केस की पूरी सुनवाई की... 35 तारीखें पडीं l
अदालत ने निरीक्षण करवाया और पाया हुतात्मा
पनदिर नाथूराम गोडसे जी की मानसिक दशा को
तत्कालीन चिकित्सकों ने एक दम सामान्य घोषित
किया l पंडित जी ने अपना अपराध स्वीकार
किया पहली ही सुनवाई में और अगली 34 सुनवाइयों
में कुछ नहीं बोले ... सबसे आखिरी सुनवाई में पंडित
जी ने अपने शब्द कहे ""
गाँधी वध के समय न्यायमूर्ति खोसला से नाथूराम ने
अपना वक्तव्य स्वयं पढ़ कर सुनाने की अनुमति मांगी
थी और उसे यह अनुमति मिली थी | नाथूराम गोडसे
का यह न्यायालयीन वक्तव्य भारत सरकार द्वारा
प्रतिबंधित कर दिया गया था |इस प्रतिबन्ध के
विरुद्ध नाथूराम गोडसे के भाई तथा गाँधी वध के सह
अभियुक्त गोपाल गोडसे ने ६० वर्षों तक वैधानिक
लडाई लड़ी और उसके फलस्वरूप सर्वोच्च न्यायलय ने
इस प्रतिबन्ध को हटा लिया तथा उस वक्तव्य के
प्रकाशन की अनुमति दे दी। नाथूराम गोडसे ने
न्यायलय के समक्ष गाँधी वध के जो १५० कारण
बताये थे उनमें से प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं
1. अमृतसर के जलियाँवाला बाग़ गोली काण्ड
(1919) से समस्त देशवासी आक्रोश में थे तथा चाहते
थे कि इस नरसंहार के खलनायक जनरल डायर पर
अभियोग चलाया जाए। गान्धी ने भारतवासियों
के इस आग्रह को समर्थन देने से मना कर दिया।--
2. भगत सिंह व उसके साथियों के मृत्युदण्ड के निर्णय
से सारा देश क्षुब्ध था व गान्धी की ओर देख रहा
था कि वह हस्तक्षेप कर इन देशभक्तों को मृत्यु से
बचाएं, किन्तु गान्धी ने भगत सिंह की हिंसा को
अनुचित ठहराते हुए जनसामान्य की इस माँग को
अस्वीकार कर दिया। क्या आश्चर्य कि आज भी
भगत सिंह वे अन्य क्रान्तिकारियों को आतंकवादी
कहा जाता है।--
3. 6 मई 1946 को समाजवादी कार्यकर्ताओं को
अपने सम्बोधन में गान्धी ने मुस्लिम लीग की हिंसा
के समक्ष अपनी आहुति देने की प्रेरणा दी।-
4.मोहम्मद अली जिन्ना आदि राष्ट्रवादी मुस्लिम
नेताओं के विरोध को अनदेखा करते हुए 1921 में
गान्धी ने खिलाफ़त आन्दोलन को समर्थन देने की
घोषणा की। तो भी केरल के मोपला में मुसलमानों
द्वारा वहाँ के हिन्दुओं की मारकाट की जिसमें
लगभग 1500 हिन्दु मारे गए व 2000 से अधिक को
मुसलमान बना लिया गया। गान्धी ने इस हिंसा का
विरोध नहीं किया, वरन् खुदा के बहादुर बन्दों की
बहादुरी के रूप में वर्णन किया।--
5.1926 में आर्य समाज द्वारा चलाए गए शुद्धि
आन्दोलन में लगे स्वामी श्रद्धानन्द जी की हत्या
अब्दुल रशीद नामक एक मुस्लिम युवक ने कर दी,
इसकी प्रतिक्रियास्वरूप गान्धी ने अब्दुल रशीद को
अपना भाई कह कर उसके इस कृत्य को उचित ठहराया
व शुद्धि आन्दोलन को अनर्गल राष्ट्र-विरोधी तथा
हिन्दु-मुस्लिम एकता के लिए अहितकारी घोषित
किया।-
6.गान्धी ने अनेक अवसरों पर छत्रपति शिवाजी,
महाराणा प्रताप व गुरू गोविन्द सिंह जी को
पथभ्रष्ट देशभक्त कहा।--
7.गान्धी ने जहाँ एक ओर काश्मीर के हिन्दु राजा
हरि सिंह को काश्मीर मुस्लिम बहुल होने से शासन
छोड़ने व काशी जाकर प्रायश्चित करने का परामर्श
दिया, वहीं दूसरी ओर हैदराबाद के निज़ाम के शासन
का हिन्दु बहुल हैदराबाद में समर्थन किया।--
8. यह गान्धी ही था जिसने मोहम्मद अली जिन्ना
को कायदे-आज़म की उपाधि दी।-
9. कॉंग्रेस के ध्वज निर्धारण के लिए बनी समिति
(1931) ने सर्वसम्मति से चरखा अंकित भगवा वस्त्र पर
निर्णय लिया किन्तु गाँधी कि जिद के कारण उसे
तिरंगा कर दिया गया।-
10. कॉंग्रेस के त्रिपुरा अधिवेशन में नेताजी सुभाष
चन्द्र बोस को बहुमत से कॉंग्रेस अध्यक्ष चुन लिया
गया किन्तु गान्धी पट्टभि सीतारमय्या का समर्थन
कर रहा था, अत: सुभाष बाबू ने निरन्तर विरोध व
असहयोग के कारण पदत्याग कर दिया।-
11. लाहोर कॉंग्रेस में वल्लभभाई पटेल का बहुमत से
चुनाव सम्पन्न हुआ किन्तु गान्धी की जिद के कारण
यह पद जवाहरलाल नेहरु को दिया गया।-
12. 14-15 जून, 1947 को दिल्ली में आयोजित
अखिल भारतीय कॉंग्रेस समिति की बैठक में भारत
विभाजन का प्रस्ताव अस्वीकृत होने वाला था,
किन्तु गान्धी ने वहाँ पहुंच प्रस्ताव का समर्थन
करवाया। यह भी तब जबकि उन्होंने स्वयं ही यह
कहा था कि देश का विभाजन उनकी लाश पर
होगा।-
13. मोहम्मद अली जिन्ना ने गान्धी से विभाजन के
समय हिन्दु मुस्लिम जनसँख्या की सम्पूर्ण अदला
बदली का आग्रह किया था जिसे गान्धी ने
अस्वीकार कर दिया।--
14. जवाहरलाल की अध्यक्षता में मन्त्रीमण्डल ने
सोमनाथ मन्दिर का सरकारी व्यय पर पुनर्निर्माण
का प्रस्ताव पारित किया, किन्तु गान्धी जो कि
मन्त्रीमण्डल के सदस्य भी नहीं थे ने सोमनाथ मन्दिर
पर सरकारी व्यय के प्रस्ताव को निरस्त करवाया
और 13 जनवरी 1948 को आमरण अनशन के माध्यम से
सरकार पर दिल्ली की मस्जिदों का सरकारी खर्चे
से पुनर्निर्माण कराने के लिए दबाव डाला।-
15. पाकिस्तान से आए विस्थापित हिन्दुओं ने
दिल्ली की खाली मस्जिदों में जब अस्थाई शरण
ली तो गान्धी ने उन उजड़े हिन्दुओं को जिनमें वृद्ध,
स्त्रियाँ व बालक अधिक थे मस्जिदों से से खदेड़
बाहर ठिठुरते शीत में रात बिताने पर मजबूर किया
गया।-
16. 22 अक्तूबर 1947 को पाकिस्तान ने काश्मीर पर
आक्रमण कर दिया, उससे पूर्व माउँटबैटन ने भारत
सरकार से पाकिस्तान सरकार को 55 करोड़ रुपए की
राशि देने का परामर्श दिया था। केन्द्रीय
मन्त्रीमण्डल ने आक्रमण के दृष्टिगत यह राशि देने को
टालने का निर्णय लिया किन्तु गान्धी ने उसी समय
यह राशि तुरन्त दिलवाने के लिए आमरण अनशन
किया- फलस्वरूप यह राशि पाकिस्तान को भारत
के हितों के विपरीत दे दी गयी।
उपरोक्त परिस्थितियों में नथूराम गोडसे नामक एक
देशभक्त सच्चे भारतीय युवक ने गान्धी का वध कर
दिया।
न्य़यालय में चले अभियोग के परिणामस्वरूप गोडसे
को मृत्युदण्ड मिला किन्तु गोडसे ने न्यायालय में
अपने कृत्य का जो स्पष्टीकरण दिया उससे
प्रभावित होकर उस अभियोग के न्यायधीश श्री जे.
डी. खोसला ने अपनी एक पुस्तक में लिखा-
"नथूराम का अभिभाषण दर्शकों के लिए एक
आकर्षक दृश्य था। खचाखच भरा न्यायालय इतना
भावाकुल हुआ कि लोगों की आहें और सिसकियाँ
सुनने में आती थींऔर उनके गीले नेत्र और गिरने वाले
आँसू दृष्टिगोचर होते थे। न्यायालय में उपस्थित उन
प्रेक्षकों को यदि न्यायदान का कार्य सौंपा
जाता तो मुझे तनिक भी संदेह नहीं कि उन्होंने
अधिकाधिक सँख्या में यह घोषित किया होता
कि नथूराम निर्दोष है।"
तो भी नथूराम ने भारतीय न्यायव्यवस्था के अनुसार
एक व्यक्ति की हत्या के अपराध का दण्ड मृत्युदण्ड
के रूप में सहज ही स्वीकार किया। परन्तु भारतमाता
के विरुद्ध जो अपराध गान्धी ने किए, उनका दण्ड
भारतमाता व उसकी सन्तानों को भुगतना पड़ रहा
है। यह स्थिति कब बदलेगी?
प्रश्न यह भी उठता है की पंडित नाथूराम गोडसे जी
ने तो गाँधी वध किया उन्हें पैशाचिक कानूनों के
द्वारा मृत्यु दंड दिया गया परन्तु नाना जी आप्टे ने
तो गोली नहीं मारी थी ... उन्हें क्यों मृत्युदंड
दिया गया ?
नाथूराम गोडसे को सह अभियुक्त नाना आप्टे के
साथ १५ नवम्बर १९४९ को पंजाब के अम्बाला की
जेल में मृत्यु दंड दे दिया गया। उन्होंने अपने अंतिम
शब्दों में कहा था...
यदि अपने देश के प्रति भक्तिभाव रखना कोई पाप
है तो मैंने वो पाप किया है और यदि यह पुन्य हिया
तो उसके द्वारा अर्जित पुन्य पद पर मैं अपना नम्र
अधिकार व्यक्त करता हूँ
– पंडित नाथूराम गोडसे
आशा है कि लोग पंडित नाथूराम को समझे व् जानें।
प्रणाम हुतात्मा को।
भारत माता की जय
"तेरा वैभव अमर रहे माँ, हम दिन चार रहें न रहें!"
*अगर आप नाथूराम गोडसे का पूरा बयान पढ़ना
चाहते है तो उनके द्वारा लिखित "गाँधी वध क्यों?"
अगर आप नाथूराम गोडसे के समर्थक है तो इस पोस्ट
को और तक भी पहुँचाए। ताकि ज्यादा से ज्यादा
लोगो तक सच्चाई पहुँचे। निश्चित ही एक दिन सत्य
की विजय होगी।🚩🚩🚩🚩

Tuesday, 3 January 2017

Respect your parents

गार्डन में लैपटॉप लिए एक लड़के से
बुजुर्ग दम्पति ने कहा-😐
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"बेटा हमें फेसबुक का अकाउंट बना दो।"
लड़के ने कहा- "लाइये  अभी बना देता हूँ, कहिये किस नाम से
बनाऊँ?"😆
.
बुजुर्ग ने कहा- "लड़की के नाम से कोई भी अच्छा सा नाम
रख लो।"😐😄
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लड़का ने अचम्भे से पूछा- "फेक अकाउंट क्यों ??"😴
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बुजुर्ग ने कहा- "बेटा, पहले बना तो दो फिर बताता हूँ
क्यों ??"☺
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बड़ो का मान करना उस लड़के ने सीखा था तो उसने अकाउंट
बना ही दिया।😇
.
अब उसने पूछा- "अंकल जी, प्रोफाइल इमेज क्या रखूँ?"
तो बुजुर्ग ने कहा- "कोई भी हीरोइन जो आजकल के बच्चों
को अच्छी लगती हो।"😐
.
उस लड़के ने गूगल से इमेज सर्च करके डाल दी, फेसबुक अकाउंट
ओपन हो गया।
.
फिर बुजुर्ग ने कहा- "बेटा कुछ अच्छे लोगो को ऐड कर दो।"
लड़के ने कुछ अच्छे लोगो को रिक्वेस्ट सेंड कर दी।
फिर बुजुर्ग ने अपने बेटे का नाम सर्च करवा के रिक्वेस्ट सेंड
करवा दी। .
लड़का जो वो कहते करता गया जब काम पूरा हो गया तो
उसने कहा....
"अंकल जी अब तो आप बता दीजिये आपने ये फेक अकाउंट
क्यों बनवाया?"
बुजुर्ग की आँखे नम हो गयी, उनकी पत्नी की आँखों से तो
आँसू बहने लगे।
उन्होंने कहा- "मेरा एक ही बेटा है और शादी के बाद वो
हमसे अलग रहने लगा। सालो बीत गए वो हमारे पास नहीं
आता। शुरू शुरू में हम उसके पास जाते थे तो वो नाराज हो
जाता था। कहता आपको मेरी पत्नी पसंद नहीं करती। आप
अपने घर में रहिये, हमें चैन से यहाँ रहने दीजिये। कितना अपमान
सहते इसलिए बेटे के यहाँ जाना छोड़ दिया।
एक पोता है और एक प्यारी पोती है, बस उनको देखने का
बड़ा मन करता है। किसी ने कहा कि फेसबुक में लोग अपने
फैमिली की और फंक्शन की इमेज डालते है,
तो सोचा फेसबुक में ही अपने बेटे से जुड़कर उसकी फैमिली के बारे में जान लेंगे 😞
और अपने पोता पोती को भी देख लेंगे, मन को शांति मिल
जाएगी। अब अपने नाम से तो अकाउंट बना नहीं सकते। वो
हमें ऐड करेगा नहीं, इसलिए हमने ये फेक अकाउंट बनवाया।"
बुजुर्ग दंपत्ति के नम आँखों को उनके पत्नी के बहते आँसुओं को
देखकर उस लड़के का दिल भर आया और सोचने लगा कि माँ-
बाप का दिल कितना बड़ा होता है जो औलाद के कृतघ्न होने
के बाद भी उसे प्यार करते हैं और औलाद कितनी जल्दी माँ-
बाप के प्यार और त्याग को भूल जाती है। "😞
बेकार की सायरी तो बहुत शेयर करते हो लेकिन ये लेख जरूर शेयर करे ताकि ऐसा करने वाले सभी संतान इस लेख को पढ़ कर सुधर सके! 👌 👍
☝ धन्यवाद ☝good morning

Use of BHIM app

✔ *भीम एप्प का उपयोग कैसे करें।*

➖1. सबसे पहले Google Play Store से BHIM App Download करें।
➖2. उसके बाद अपने Bank Account को इस App में Register करें।
➖ 3. Register करने के साथ अपने लिए एक UPI Pin Set Up करें।
➖ 4. User का Mobile Number ही उसके Payment का Address होगा।
➖ 5. एक बार आपका Registration पूरा होने के बाद आप अपने Transaction BHIM App में शुरू कर सकते हैं।

✔ *BHIM App द्वारा पूरी जानकारी भीम एप्प पैसे कैसे भेज सकते हैं और प्राप्त कर सकते हैं ??*

➖ 1. BHIM App पर अपने आप अपने दोस्तों, दूर बैठे परिवार के लोगों और उपभोगताओं को भी भेज सकते हैं।
➖ 2.भीम एप्प पर सभी Transaction Registered मोबाइल नंबर यानि की Payment Address पर भेजा जा सकता है।
➖ 3.आप बिना UPI सुविधा वाले बैंकों में भी पैसे Transfer कर सकते हैं।
उसके लिए आप MMID और IFSC सुविधा की मदद ले सकते हैं।
➖ 4.आप किसी अन्य Registered Mobile Number या User से Money Receive करने के लिए Request भी भेज सकते हैं।

✔ *BHIM App में Bank Account के लिए UPI Pin कैसे Set करें?*

➖ 1. सबसे पहले BHIM App के Main Menu में जाएँ।
➖ 2. उसके बाद Bank Accounts को Select करें।
➖ 3. उसके बाद Set UPI Pin, Option को चुनें।
➖ 4. उसके बाद आपको अपने ATM/Debit Card का 6 Digit वाला Number डालना होगा अपने Card के Expiry Date के साथ।
उसके बाद आपके पास एक OTP प्राप्त होगा।
➖ 5. उसको App में Dial करने के बाद आप अपना UPI Pin बना सकते हैं।

✔ *कौन से बैंक भीम एप्प में सपोर्ट करते हैं?*

इलाहाबाद बैंक.. आंध्रा बैंक.. एक्सिस बैंक.. बैंक ऑफ बड़ौदा.. बैंक ऑफ इंडिया.. बैंक ऑफ महाराष्ट्र.. केनरा बैंक.. कैथोलिक सीरियन बैंक.. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया.. डीसीबी बैंक.. देना बैंक..  फेडरल बैंक.. एचडीएफसी बैंक.. आईसीआईसीआई बैंक.. आईडीबीआई बैंक.. आईडीएफसी बैंक.. इंडियन बैंक.. इंडियन ओवरसीज बैंक.. इंडसइंड बैंक.. कर्नाटक बैंक.. करूर वैश्य बैंक.. कोटक महिंद्रा बैंक.. ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स.. पंजाब नेशनल बैंक.. आरबीएल बैंक.. साउथ इंडियन बैंक.. स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक.. भारतीय स्टेट बैंक.. सिंडिकेट बैंक.. यूनियन बैंक ऑफ इंडिया.. यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया.. विजया बैंक।

*BHIM App से अन्य जानकारियाँ*.

➖BHIM App के इस्तेमाल करने वाले User अपना Balance भी Check कर सकते हैं और अपने Transaction से जुडी जानकारियाँ भी।
➖Users अपने Phone Number पर अदिकतर तौर पर Custom Payment Address भी बना सकते हैं।
➖जल्द से जल्द Transaction को पूरा करने के लिए आप QR Code Scan करने से भी कर सकते हैं।
➖सबसे ज़बरदस्त बात है BHIM App English (अंग्रेजी) और Hindi (हिंदी) दोनों भाषाओं में आप इस्तेमाल कर सकते हैं।

*सरकार का कहना है आप जल्द ही BHIM App को अन्य भाषाओँ में भी उपयोग कर सकेंगे।*

🙏🏻 *देशहित  🙏🏻

Hanuman chalisa means in Hindi

हम सब हनुमान चालीसा पढते हैं, सब रटा रटाया।
क्या हमे चालीसा पढते समय पता भी होता है कि हम हनुमानजी से क्या कह रहे हैं या क्या मांग रहे हैं?
बस रटा रटाया बोलते जाते हैं। आनंद और फल शायद तभी मिलेगा जब हमें इसका मतलब भी पता हो।
तो लीजिए पेश है श्री हनुमान चालीसा अर्थ सहित!!
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श्री गुरु चरण सरोज रज, निज मन मुकुरु सुधारि।
बरनऊँ रघुवर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि।
📯《अर्थ》→ गुरु महाराज के चरण.कमलों की धूलि से अपने मन रुपी दर्पण को पवित्र करके श्री रघुवीर के निर्मल यश का वर्णन करता हूँ, जो चारों फल धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष को देने वाला हे।★
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बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरो पवन कुमार।
बल बुद्धि विद्या देहु मोहिं, हरहु कलेश विकार।★
📯《अर्थ》→ हे पवन कुमार! मैं आपको सुमिरन.करता हूँ। आप तो जानते ही हैं, कि मेरा शरीर और बुद्धि निर्बल है। मुझे शारीरिक बल, सदबुद्धि एवं ज्ञान दीजिए और मेरे दुःखों व दोषों का नाश कर दीजिए।★
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जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर॥1॥★
📯《अर्थ 》→ श्री हनुमान जी! आपकी जय हो। आपका ज्ञान और गुण अथाह है। हे कपीश्वर! आपकी जय हो! तीनों लोकों,स्वर्ग लोक, भूलोक और पाताल लोक में आपकी कीर्ति है।★
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राम दूत अतुलित बलधामा, अंजनी पुत्र पवन सुत नामा॥2॥★
📯《अर्थ》→ हे पवनसुत अंजनी नंदन! आपके समान दूसरा बलवान नही है।★
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महावीर विक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी॥3॥★
📯《अर्थ》→ हे महावीर बजरंग बली! आप विशेष पराक्रम वाले है। आप खराब बुद्धि को दूर करते है, और अच्छी बुद्धि वालो के साथी, सहायक है।★
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कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुण्डल कुंचित केसा॥4॥★
📯《अर्थ》→ आप सुनहले रंग, सुन्दर वस्त्रों, कानों में कुण्डल और घुंघराले बालों से सुशोभित हैं।★
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हाथ ब्रज और ध्वजा विराजे, काँधे मूँज जनेऊ साजै॥5॥★
📯《अर्थ》→ आपके हाथ मे बज्र और ध्वजा है और कन्धे पर मूंज के जनेऊ की शोभा है।★
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शंकर सुवन केसरी नंदन, तेज प्रताप महा जग वंदन॥6॥★
📯《अर्थ 》→ हे शंकर के अवतार! हे केसरी नंदन! आपके पराक्रम और महान यश की संसार भर मे वन्दना होती है।★
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विद्यावान गुणी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर॥7॥★
📯《अर्थ 》→ आप प्रकान्ड विद्या निधान है, गुणवान और अत्यन्त कार्य कुशल होकर श्री राम काज करने के लिए आतुर रहते है।★
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प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया॥8॥★
📯《अर्थ 》→ आप श्री राम चरित सुनने मे आनन्द रस लेते है। श्री राम, सीता और लखन आपके हृदय मे बसे रहते है।★
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सूक्ष्म रुप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रुप धरि लंक जरावा॥9॥★
📯《अर्थ》→ आपने अपना बहुत छोटा रुप धारण करके सीता जी को दिखलाया और भयंकर रूप करके.लंका को जलाया।★
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भीम रुप धरि असुर संहारे, रामचन्द्र के काज संवारे॥10॥★
📯《अर्थ 》→ आपने विकराल रुप धारण करके.राक्षसों को मारा और श्री रामचन्द्र जी के उदेश्यों को सफल कराया।★
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लाय सजीवन लखन जियाये, श्री रघुवीर हरषि उर लाये॥11॥★
📯《अर्थ 》→ आपने संजीवनी बुटी लाकर लक्ष्मणजी को जिलाया जिससे श्री रघुवीर ने हर्षित होकर आपको हृदय से लगा लिया।★
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रघुपति कीन्हीं बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरत सम भाई॥12॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र ने आपकी बहुत प्रशंसा की और कहा की तुम मेरे भरत जैसे प्यारे भाई हो।★
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सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्री पति कंठ लगावैं॥13॥★
📯《अर्थ 》→ श्री राम ने आपको यह कहकर हृदय से.लगा लिया की तुम्हारा यश हजार मुख से सराहनीय है।★
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सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद,सारद सहित अहीसा॥14॥★
📯《अर्थ》→श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार आदि मुनि ब्रह्मा आदि देवता नारद जी, सरस्वती जी, शेषनाग जी सब आपका गुण गान करते है।★
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जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते॥15॥★
📯《अर्थ 》→ यमराज,कुबेर आदि सब दिशाओं के रक्षक, कवि विद्वान, पंडित या कोई भी आपके यश का पूर्णतः वर्णन नहीं कर सकते।★
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तुम उपकार सुग्रीवहि कीन्हा, राम मिलाय राजपद दीन्हा॥16॥★
📯《अर्थ 》→ आपनें सुग्रीव जी को श्रीराम से मिलाकर उपकार किया, जिसके कारण वे राजा बने।★
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तुम्हरो मंत्र विभीषण माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना ॥17॥★
📯《अर्थ 》→ आपके उपदेश का विभिषण जी ने पालन किया जिससे वे लंका के राजा बने, इसको सब संसार जानता है।★
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जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू॥18॥★
📯《अर्थ 》→ जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है की उस पर पहुँचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझ कर निगल लिया।★
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प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहि, जलधि लांघि गये अचरज नाहीं॥19॥★
📯《अर्थ 》→ आपने श्री रामचन्द्र जी की अंगूठी मुँह मे रखकर समुद्र को लांघ लिया, इसमें कोई आश्चर्य नही है।★
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दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते॥20॥★
📯《अर्थ 》→ संसार मे जितने भी कठिन से कठिन काम हो, वो आपकी कृपा से सहज हो जाते है।★
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राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे॥21॥★
📯《अर्थ 》→ श्री रामचन्द्र जी के द्वार के आप.रखवाले है, जिसमे आपकी आज्ञा बिना किसी को प्रवेश नही मिलता अर्थात आपकी प्रसन्नता के बिना राम कृपा दुर्लभ है।★
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सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू.को डरना॥22॥★
📯《अर्थ 》→ जो भी आपकी शरण मे आते है, उस सभी को आन्नद प्राप्त होता है, और जब आप रक्षक. है, तो फिर किसी का डर नही रहता।★
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आपन तेज सम्हारो आपै, तीनों लोक हाँक ते काँपै॥23॥★
📯《अर्थ. 》→ आपके सिवाय आपके वेग को कोई नही रोक सकता, आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप जाते है।★
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भूत पिशाच निकट नहिं आवै, महावीर जब नाम सुनावै॥24॥★
📯《अर्थ 》→ जहाँ महावीर हनुमान जी का नाम सुनाया जाता है, वहाँ भूत, पिशाच पास भी नही फटक सकते।★
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नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा॥25॥★
📯《अर्थ 》→ वीर हनुमान जी! आपका निरंतर जप करने से सब रोग चले जाते है,और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै॥26॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! विचार करने मे, कर्म करने मे और बोलने मे, जिनका ध्यान आपमे रहता है, उनको सब संकटो से आप छुड़ाते है।★
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सब पर राम तपस्वी राजा, तिनके काज सकल तुम साजा॥ 27॥★
📯《अर्थ 》→ तपस्वी राजा श्री रामचन्द्र जी सबसे श्रेष्ठ है, उनके सब कार्यो को आपने सहज मे कर दिया।★
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और मनोरथ जो कोइ लावै, सोई अमित जीवन फल पावै॥28॥★
📯《अर्थ 》→ जिस पर आपकी कृपा हो, वह कोई भी अभिलाषा करे तो उसे ऐसा फल मिलता है जिसकी जीवन मे कोई सीमा नही होती।★
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चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा॥29॥★
📯《अर्थ 》→ चारो युगों सतयुग, त्रेता, द्वापर तथा कलियुग मे आपका यश फैला हुआ है, जगत मे आपकी कीर्ति सर्वत्र प्रकाशमान है।★
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साधु सन्त के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे॥30॥★
📯《अर्थ 》→ हे श्री राम के दुलारे ! आप.सज्जनों की रक्षा करते है और दुष्टों का नाश करते है।★
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अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता॥३१॥★
📯《अर्थ 》→ आपको माता श्री जानकी से ऐसा वरदान मिला हुआ है, जिससे आप किसी को भी आठों सिद्धियां और नौ निधियां दे सकते है।★
1.) अणिमा → जिससे साधक किसी को दिखाई नही पड़ता और कठिन से कठिन पदार्थ मे प्रवेश कर.जाता है।★
2.) महिमा → जिसमे योगी अपने को बहुत बड़ा बना देता है।★
3.) गरिमा → जिससे साधक अपने को चाहे जितना भारी बना लेता है।★
4.) लघिमा → जिससे जितना चाहे उतना हल्का बन जाता है।★
5.) प्राप्ति → जिससे इच्छित पदार्थ की प्राप्ति होती है।★
6.) प्राकाम्य → जिससे इच्छा करने पर वह पृथ्वी मे समा सकता है, आकाश मे उड़ सकता है।★
7.) ईशित्व → जिससे सब पर शासन का सामर्थय हो जाता है।★
8.)वशित्व → जिससे दूसरो को वश मे किया जाता है।★
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राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा॥32॥★
📯《अर्थ 》→ आप निरंतर श्री रघुनाथ जी की शरण मे रहते है, जिससे आपके पास बुढ़ापा और असाध्य रोगों के नाश के लिए राम नाम औषधि है।★
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तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै॥33॥★
📯《अर्थ 》→ आपका भजन करने से श्री राम.जी प्राप्त होते है, और जन्म जन्मांतर के दुःख दूर होते है।★
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अन्त काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरि भक्त कहाई॥34॥★
📯《अर्थ 》→ अंत समय श्री रघुनाथ जी के धाम को जाते है और यदि फिर भी जन्म लेंगे तो भक्ति करेंगे और श्री राम भक्त कहलायेंगे।★
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और देवता चित न धरई, हनुमत सेई सर्व सुख करई॥35॥★
📯《अर्थ 》→ हे हनुमान जी! आपकी सेवा करने से सब प्रकार के सुख मिलते है, फिर अन्य किसी देवता की आवश्यकता नही रहती।★
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संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा॥36॥★
📯《अर्थ 》→ हे वीर हनुमान जी! जो आपका सुमिरन करता रहता है, उसके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।★
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जय जय जय हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई॥37॥★
📯《अर्थ 》→ हे स्वामी हनुमान जी! आपकी जय हो, जय हो, जय हो! आप मुझपर कृपालु श्री गुरु जी के समान कृपा कीजिए।★
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जो सत बार पाठ कर कोई, छुटहि बँदि महा सुख होई॥38॥★
📯《अर्थ 》→ जो कोई इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करेगा वह सब बन्धनों से छुट जायेगा और उसे परमानन्द मिलेगा।★
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जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साखी गौरीसा॥39॥★
📯《अर्थ 》→ भगवान शंकर ने यह हनुमान चालीसा लिखवाया, इसलिए वे साक्षी है कि जो इसे पढ़ेगा उसे निश्चय ही सफलता प्राप्त होगी।★
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तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा॥40॥★
📯《अर्थ 》→ हे नाथ हनुमान जी! तुलसीदास सदा ही श्री राम का दास है।इसलिए आप उसके हृदय मे निवास कीजिए।★
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पवन तनय संकट हरन, मंगल मूरति रुप।
राम लखन सीता सहित, हृदय बसहु सुर भूप॥★
📯《अर्थ 》→ हे संकट मोचन पवन कुमार! आप आनन्द मंगलो के स्वरुप है। हे देवराज! आप श्री राम, सीता जी और लक्ष्मण सहित मेरे हृदय मे निवास कीजिए।
ॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐॐ
🌹सीता राम दूत हनुमान जी को समर्पित🌹